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फोल्डेड मिरर के साथ ड्राइविंग करने पर भरना होगा फाइन - जानें क्यों?
भारत में कितने ही ऐसे मोटर व्हीकल्स और ट्रैफिक नियम बने हैं, जिन्हें सख्ती से लागू नहीं किया जाता या लोग इन्हें फॉलो नहीं करते। इनमें से ही एक नियम है ड्राइविंग करते समय साइड मिरर को फोल्ड करके न रखना। लेकिन न ही सभी लोगों को इसकी जानकारी है और न ही ट्रैफिक पुलिस वाले इसके लिए कोई फाइन लेते है। लेकिन चंडीगढ़ में अब इस कानून को सख्ती से लागू किये जाने की योजना है।
चंडीगढ़ में ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए बनी स्टैंडिंग कमिटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स एडवाइजरी काउंसिल ने एलान किया है कि 1 अक्टूबर 2018 से ड्राइविंग करते समय मिरर फोल्ड रखने पर फाइन वसूला जाएगा। इसके लिए 300 रुपए का जुर्माना तय किया गया है।
जैसे की ऊपर हमने बताया कि अधिकतर लोगों को ये पता नहीं कि ड्राइविंग करते समय साइड मिरर फोल्ड करके रखना ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन है, इसलिए लोगों में इस कानून के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए चंडीगढ़ पुलिस ने एक अभियान की शुरुआत भी की है, जिसके तहत लोगों को तमाम ट्रैफिक और मोटर व्हीकल एक्ट के नियम बताए जाएंगे।
ट्रैफिक नियमों को लागू करने के लिए एक एप भी बनाया गया है, जिसके जरिए लोग ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों की तस्वीरें लेकर उस पर अपलोड कर सकेंगे। बाद में पुलिस उसे तस्वीर को वेरीफाई करके चलान आरोपी के घर पर भेज देगी।
हालांकि अभी ये साफ नहीं है कि इस नियम के तहत सिर्फ कार ड्राइवर्स को पकड़ा जाएगा या फिर बाइकर्स को भी टार्गेट किया जाएगा। क्योंकि ग्रामिण और टियर-टू शहरों में अधिकतर बाइकर्स मिरर निकाल देते हैं या फिर फोल्ड करके रखते हैं। साथ ही कई ऐसे कारें भी आती हैं जिनमें लेफ्ट साइड मिरर नहीं दिया जाता। भारत में कोई ऐसा नियम भी नहीं है कि कार के दोनों साइड मिरर देना अनिवार्य है। मैन्यूफैक्चरर अपना पैसा बचाने के लिए कई बार लेफ्ट साइड का मिरर नहीं देते हैं।
भारत में ड्राइविंग कंडीशन बहुत ही खराब है। भारत में हर साल हजारों मौतें मात्र सड़क हादसे में हो जाती हैं। भारत में ट्रैफिक नियम उतने सख्त नहीं है। लोगों को आसानि से ड्राइविंग लाइसेंस मिल जाता है। भारत में लाइसेंस पाने के लिए कोई प्राथमिक ट्रेनिंग लेना भी जरूरी नहीं है, जिससे पब्लिक रोड पर ड्राइविंग करने के सभी नियमों से वे वाकिफ नहीं होते।
आने वाले समय में भारत दुनिया के उन पांच बड़े देशों में शामिल होने जा रहा है जिसमें सबसे अधिक कारें होंगी। ऐसे समय में सड़क हादसों को रोकने और ड्राइविग कंडीशन को सुरक्षित बनाने के लिए भारत में अभि बहुत काम होना बाकी है। न हीं यहां कि सड़कें उस क्वालिटी की बनती हैं और न हीं यहां लोग ट्रैफिक नियमों को गंभीरता से फॉलो करते हैं।
भारत में कितने सारे एक्सीडेंट तो मात्र खराब सड़क के कारण होते हैं। इसलिए सरकार को चाहिए की सबसे पहले तो बढ़ियां सड़कें बनवाए और लोगों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक कर नियमों को सख्ती से लागू करे।
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