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दिल्ली-गुरुग्राम के बीच जल्द शुरू होगी स्काई बस सर्विस, मिलेगा ट्रैफिक जाम से छुटकारा
जल्द ही दिल्ली और गुरुग्राम के बीच सफर करने वाले लोगों को ट्रैफिक जाम से छुटकारा मिल सकता है। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि वह जल्द ही दिल्ली और गुरुग्राम के बीच एक स्काई बस रूट के निर्माण की अनुमति दे सकते हैं। दिल्ली और गुरुग्राम के बीच यातायात की समस्या और प्रदूषण को देखते हुए इस प्रोजेक्ट को स्वीकृति दी जा सकती है।
इस लोकेशन पर चलेगी स्काई बस
नितिन गडकरी ने बताया कि जलवायु का संरक्षिण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण के साथ आर्थिक विकास एक अच्छी रणनीति नहीं है, इससे प्रदूषण की समस्या आने वाले समय में और गहराएगी। गडकरी ने इस मामले पर जानकारी देते हुए कहा कि वे धौला कुआं से मानेसर के लिए स्काईबस (मास ट्रांजिट सर्विस) शुरू करना चाहते हैं और बाद में इसे सोहना तक विस्तारित करेंगे। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
ग्रीन हाइड्रोजन पर भी जोर
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वे देश में ईंधन के आयत को कम करने का भी प्रयास कर रहे हैं। उनका लक्ष्य आने वाले समय में उत्सर्जन को शून्य करना है। इसके लिए पानी से हाइड्रोजन बनाने की परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम ईंधन के तौर पर एथेनॉल एक बेहतर और सस्ता विकल्प है। इसके इस्तेमाल से ईंधन के लिए भारत की निर्भरता बाहर के देशों पर कम की जा सकती है।
परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि एथेनॉल के उत्पादन के लिए चावल, मक्के और गन्ने का उपयोग होगा, इससे देश में कृषि उद्योग का भी तेजी से विकास होगा और किसानों की आय बढ़ेगी साथ ही रोजगार के साधन भी बढ़ेंगे।
गडकरी ने कोयले से चलने वाले ताप विद्युत संयंत्रों पर प्रतिबंध के बारे में कहा कि फिलहाल इन पर प्रतिबंध लगाना देश की अर्थव्यवस्था के लिए ठीक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार वैकल्पिक ऊर्जा श्रोतों को विकसित करने का काम कर रही है। देश के कई राज्यों में सोलर और विंड पॉवर प्रोजेक्ट पर तेजी से काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऊर्जा के लिए कोयले पर हमारी निर्भरता जरूर कम होगी।
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार देश में 13 लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत हैं। इसके अलावा देश में कुल 2,826 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन चालू हैं। फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME) योजना के दूसरे चरण के तहत, 68 शहरों में 2,877 सार्वजनिक ईवी (EV) चार्जिंग स्टेशन और 9 एक्सप्रेसवे और 16 हाईवे पर 1,576 ईवी चार्जिंग स्टेशनों को स्थापित करने की योजना को स्वीकृति दी गई है।
भारत होगा 'शून्य उत्सर्जन' वाला देश
बता दें कि, केंद्र सरकार ने 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है। चीन, अमेरिका और यूरोपीय संघ के बाद भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जक है। हालांकि, भारत में प्रतिव्यक्ति उत्सर्जन अन्य प्रमुख विकसित देशों की तुलना में बहुत कम है। भारत में 2019 में प्रति व्यक्ति कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन 1.9 टन था, जबकि उसी वर्ष अमेरिका में 15.5 टन और रूस में 12.5 टन था।
भारत सरकार ने अपनी महत्वकांक्षी योजनाओं के तहत 2030 तक अपनी ऊर्जा का 50 प्रतिशत नवीकरणीय संसाधनों से प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है। अगर भारत इस लक्ष्य को पाने में कामयाब रहेगा तो देश में 2030 तक देश में 100 करोड़ टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम किया जा सकता है।