मवेशियों को रेलवे ट्रैक से दूर रखने के लिए बनेगी 1,000 किमी की दीवार, रेल मंत्रालय का ऐलान

रेल मंत्रालय अब रेलवे ट्रैक को मवेशियों से सुरक्षित रखने के लिए अगले 6 महीनों के भीतर 1,000 किलोमीटर रेलवे ट्रैक की घेराबंदी करेगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि रेल मंत्रालय ट्रैक की सुरक्षा के मुद्दे पर गंभीरता से काम कर रहा है। इसके लिए दो अलग-अलग डिजाइन को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि अगले पांच से छह महीनों में डिजाइन की टेस्टिंग के लिए 1,000 किलोमीटर के ट्रैक की घेराबंदी की जाएगी।

रेल मंत्री ने बताया कि घेराबंदी के लिए बनाई जाने वाली ये दीवारें पारंपरिक दीवारों से अलग होंगी। इससे मवेशियों को ट्रैक पर आने से रोका जा सकेगा और इससे आसपास के ग्रामीणों को भी कोई समस्या नहीं होगी। बता दें कि रेलवे ट्रैक पर मवेशियों के आने से सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं उत्तरी रेलवे जोन में दर्ज की जा रही हैं। उत्तर प्रदेश में मोरादाबाद-लखनऊ रूट, पंजाब में फिरोजपुर, हरियाणा में अम्बाला और दिल्ली में इस साल कुल 6,800 दुर्घटनाएं ट्रैक पर मवेशियों के आने से हुई हैं।

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रेल मंत्रालय की योजना उत्तर मध्य रेलवे और उत्तर रेलवे जोन में कुछ महत्वपूर्ण ट्रैक की घेराबंदी करना है। इस योजना के अनुसार, झांसी डिवीजन में वीरांगना लक्ष्मीबाई-ग्वालियर सेक्शन, प्रयागराज डिवीजन में पंडित दीन दयाल उपाध्याय-प्रयागराज सेक्शन, मुरादाबाद डिवीजन में आलम नगर-शाहजहाँपुर सेक्शन और लखनऊ डिवीजन में आलम नगर और लखनऊ के बीच ट्रैक की घेराबंदी कर उन्हें मवेशियों से सुरक्षित बनाने का काम किया जाएगा।

रेल मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2022 के शुरूआती 9 दिनों में 200 ट्रेनें मवेशियों की चपेट में आने से प्रभावित हुईं। वहीं इस साल अबतक 4,000 से ज्यादा ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। यह समस्या और भी गहरा गई जब 1 अक्टूबर को लॉन्च हुई मुंबई-अहमदाबाद वंदे भारत ट्रेन के मवेशियों के टकराने से क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिससे परिचालन पर प्रभाव पड़ा था। यह ट्रेन 9 दिनों में तीन बार मवेशियों के ट्रैक पर आने से टकराई।

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पीटीआई के अनुसार, 2020-21 में मवेशियों के ट्रेन की चपेट में आने के 26,000 से जयदा मामले दर्ज किये गए जिसमें 6,500 से अधिक मामले केवल उत्तर मध्य रेलवे जोन से थे। यह क्षेत्र दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा कॉरिडोर के 3,000 किलोमीटर के ट्रैक को कवर करता है। इसमें आगरा, झांसी और प्रयागराज जैसे डिवीजन भी शामिल हैं और पूर्व से भारत के उत्तरी भागों तक पहुंचने के लिए ट्रेनों का प्रवेश द्वार है।

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Hindi
English summary
Railways to build boundary walls to prevent cattle runover accident on tracks
Story first published: Thursday, November 17, 2022, 12:46 [IST]
 
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