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रेलवे के जरिए कारों का ट्रांसपोर्ट 68% बढ़ा, चलाए जा रहे नए प्राइवेट वैगन
चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों यानी अप्रैल से अगस्त के बीच रेलवे के जरिए छोटे यात्री वाहनों का ट्रांसपोर्ट सालाना आधार पर 68% बढ़ा है। इसमें सबसे ज्यादा ट्रांसपोर्ट कारों का हुआ है। हाल के वर्षों में भारतीय रेलवे के माध्यम से ऑटोमोबाइल ट्रैफिक में जबरदस्त उछाल देखा गया है।
रेल मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि इस वित्तीय वर्ष अगस्त तक इसी उद्देश्य के लिए 2,206 रेक लोड किए गए हैं। जबकि वित्तीय वर्ष 2021-22 में 3,344 रेक लोड हुए थे। इस तरह रेलवे के माध्यम से यात्री वाहनों का ट्रांसपोर्ट 2013-14 में 1.5% से बढ़कर 2021-22 में 16% हो गया है।
रेलवे, ट्रांसपोर्ट का एक अच्छा माध्यम होने के नाते, न केवल ऑटोमोबाइल उद्योग को लंबी दूरी पर थोक मात्रा में ट्रांसपोर्ट करने में मदद करता है। ऑटोमोबाइल ट्रैफिक में यह वृद्धि विभिन्न पहलो का परिणाम है। इसमें विशेष प्राइवेट ओनरशिप वाले वैगनों की उपलब्धता शामिल है।
रेल मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक, सोसाइटी फॉर इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) सहित ऑटोमोबाइल उद्योग में हितधारकों द्वारा उठाए गए मुद्दों के आधार पर, ऑटोमोबाइल फ्राइट ट्रेन ऑपरेटर (एएफटीओ) नीति को समय-समय पर सरल बनाया गया है। यह ऑटोमोबाइल निर्माताओं को उनकी जरूरतों के लिए, खासतौर से वैगनों के मालिक होने की अनुमति देता है।
मारुति ने 2.33 लाख कार डिस्पैच की
एसयूवी वाहनों को स्थान देने के लिए, मंत्रालय ने ऑटो-कैरियर वैगनों का एक नया डिजाइन जोड़ा, जिसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। वर्तमान में, भारतीय रेलवे के पास 90 नए संशोधित माल रेक का बेड़ा है। इसके अलावा, ऑटोमोबाइल फ्राइट ट्रेन ऑपरेटर योजना के तहत अनुमोदित ट्रेन ऑपरेटरों द्वारा 43 बीसीएसीबीएम रेक शामिल किए गए हैं।
इसके अलावा, उद्योग की मांगों के अनुसार ऑटोमोबाइल यातायात के लिए और अधिक टर्मिनल खोले जा रहे हैं।
मारुति ने 2.33 लाख कार डिस्पैच की
मारुति सुजुकी इंडिया ने भारतीय रेलवे नेटवर्क की मदद से पिछले वित्तीय वर्ष (2021-22) में 2.33 लाख कार डिस्पैच कर चुकी है। कंपनी पिछले 8 सालों से अपने वाहनों के डिस्पैच के लिए भारतीय रेलवे की फ्रेट सर्विस का इस्तेमाल कर रही है।
कंपनी के अनुसार, अगर वह इतने कारों को ट्रक से डिस्पैच करती तो ट्रकों को 1.56 लाख से भी ज्यादा ट्रिप करने पड़ते। वहीं इस दौरान 17.40 करोड़ लीटर डीजल की खपत होती। मारुति ने बताया कि रेलवे की सर्विस से वह ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन भी कम कर रही है। पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, मारुति सुजुकी पिछले 8 सालों में रेलवे से 11 लाख कारों का डिस्पैच कर चुकी है जिससे 4,800 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन कम हुआ है।
ड्राइव स्पार्क के विचार
ट्रेन से कार को ट्रांसपोर्ट करना कोई नया चलन नहीं है यह दशकों से हो रहा है। ट्रक के मुकाबले ट्रेन में कार को ट्रांसपोर्ट करना आसान होता है। साथ ही एक ही ट्रेन से एमपीवी को भी बड़ी मात्रा में ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है। जबकि सड़क के रास्तों से सिर्फ छोटे वाहनों के ट्रांसपोर्ट में आसानी होती है। साथ ही इससे डीजल से होने वाले प्रदूषण से कुछ हद तक राहत मिलती है।