भारतीय लोग सीट-बेल्ट क्यों नहीं पहनते?

By Abhishek Dubey

ट्रैफिक रूल के नियमों का पालन करने में भारत सबसे सुस्त देशों में गिना जा सकता है। शहरों में तो थोड़ा बहुत नियम लोग मान भी लेते हैं लेकिन टियर-2 सिटी और ग्रामिण इलाकों में तो लोग न के बराबर ट्रैफिक रुल फॉलो करते हैं। सब नियमों में ही एक नियम है कि कार ड्राइव करते समय ड्राइवर और फ्रंट पैसेंजर या को-ड्राइवर कह लीजिए, उन्हें सीट-बेल्ट पहनना अनिवार्य है। इसमें ड्राइवर जरूर सीट-बेल्ट पहनते हैं लेकिन बहुत कम फ्रंट पैसेंजर होते हैं जो सीट बेल्ट लगाते हैं। बैक पैसेंजर अर्थात पीछे बैठने वाले तो शायद ही कभी मुश्किल से सीट-बेल्ट लगाते हैं। इसके पीछे बहुत से कारण हैं जिन्हें आज हम जानेंगे और ये मारुति सुजुकी के सर्वे में भी सामने आए हैं।

भारतीय लोग सीट-बेल्ट क्यों नहीं पहनते?

कानून

जैसा की ऊपर हमने बताया कि भारत में कार यात्रा के दौरान पीछे बैठने वाले लोग शायद ही सीट-बेल्ट लगाते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है कि भारत में ऐसा कोई कानून नहीं है कि पीछे के पैसेंजर को भी सीट-बेल्ट लगाना अनिवार्य है। कानून सिर्फ ड्राइवर और को-ड्राइवर के लिए है। इसकी वजह से बहुत कम ऑटोमेकर अपनी कारों में बैक पैसेंजर के लिए भी सीट-बेल्ट देते हैं। यदि लगा भी हो तो कोई-कोई यात्री ही होता है जो सीट-बेल्ट लगाता है।

भारतीय लोग सीट-बेल्ट क्यों नहीं पहनते?

देखने वाले डरपोक मानेंग

जी हां सर्वेक्षण में पाया गया है कि करीब 40% लोग ऐसा मानते हैं कि सीट-बेल्ट पहनने से लोग उन्हें डरपोक मानेंगे। इससे लोगों को लगेगा कि ये मरने से डरता है। कई लोग इसे कमजोरी की निशानि भी मानते हैं। लोगों ने कहा कि यदि वे सीट-बेल्ट पहनते हैं तो उनके सहयात्री उन्हें अलग नजर से देखते हैं और कई बार उनका मजाक भी उड़ाते हैं।

भारतीय लोग सीट-बेल्ट क्यों नहीं पहनते?

लोग जागरुक नहीं

सर्वे में करीब 34% लोगों का ये मानना था कि उन्हें यकिन नहीं कि सीट-बेल्ट पहनने के कारण वो एक्सीडेंट के दौरान किसी भी चोट या इंजरी से बच सकते हैं। लोगों का कहना था कि वो नहीं मानते कि सीट-बेल्ट एक्सीडेंट के दौरान उनकी जान बचा सकते हैं।

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युवा वर्ग

युवा वर्ग हमेशा से ही सीट-बेल्ट से भागता आया है। सर्वे में युवाओं ने कहा कि वो सीट-बेल्ट की परवाह नहीं करते। करीब 80 % सिंगल लोगों ने कहा कि वो सीट-बेल्ट नहीं पहनेत। 66% शादी-शुदा जिनके एक बच्चे और 50 प्रतिशत जोड़ों ने कहा कि वो भी ऐसा ही करते हैं। इसीसे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत में सीट-बेल्ट लोगों के लिए मायने नहीं रखता। कुछ उम्रदराज लोग ही नियमित रूप से सीट-बेल्ट पहनते हैं।

भारतीय लोग सीट-बेल्ट क्यों नहीं पहनते?

कपड़े

करीब 32% भारतीयों ने कहा कि वो सीट-बेल्ट इसलिए नहीं पहनते की उनके कपड़े खराब हो जाएंगे। लोगों ने कहा कि कई बार-सीट बेल्ट गंदे होते हैं और इससे उनके कपड़े पर दाग पड़ सकता है। कइयों ने कहा कि सीट-बेल्ट के कारण उनके कपड़े सीकुड़ जाते हैं। लोगों ने सीट-बेल्ट न पहनने के तमाम कारण गिनाए, ये जानते हुए भी की एक्सीडेंट होने पर कई बार सीट-बेल्ट आपकी जान बचा सकता है।

भारतीय लोग सीट-बेल्ट क्यों नहीं पहनते?

सीट-बेल्ट का यह है फायदा

ग्लोबल स्टडीज़ के मुताबिक, सीट-बेल्ट पहनने से ऐक्सिडेंट में मौत की आशंका 45 पर्सेंट तक कम हो जाती है। इतना ही नहीं, सीरियस इंजरी की आशंका में भी 50 पर्सेंट की गिरावट आती है। सीट बेल्ट नहीं पहनने वालों का किसी ऐक्सिडेंट में वाहन के बाहर आ जाने का खतरा सीट-बेल्ट पहने वालों के मुकाबले 30 गुना अधिक होता है।

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English summary
Reasons why Indians DON’T wear seat-belts in cars. Read in Hindi.
 
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