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फ्लाइंग कार PAL-V का प्रोडक्शन 2022 से होगा शुरू, कमर्शियल और प्राइवेट ग्राहकों के लिए होगी उपलब्ध
नीदरलैंड की कंपनी पाल-वी (PAL-V) 2022 से अपनी उड़ने वाली कार की बिक्री शुरू करेगी। PAL-V अपनी फ्लाइंग कार को व्यावसायिक तौर पर बेचने वाली दुनिया की पहली कंपनी बनेगी। कंपनी ने बताया है कि उसे यूरोप में फ्लाइंग कारों को बेचने का लाइसेंस मिल गया है और कारों की बुकिंग भी शुरू कर दी गई है।
कंपनी ने अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में भी फ्लाइंग कार की लाइसेंस के लिए आवेदन दिया है और जल्द ही स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। वहीं, कंपनी को फ्लाइंग कारों के लिए यूरोपीय यूनियन एविएशन सेफ्टी एजेंसी (ईएएसए) से उड़ने के लिए प्रमाण मिलना बाकि है। चूंकि यह एक फ्लाइंग कार है, इसलिए इसे उड़ाने के लिए पायलट लाइसेंस अनिवार्य है।
बता दें कि PAL-V के निर्माण में भारत अहम भूमिका निभाने वाला है। मार्च 2020 में कंपनी ने फ्लाइंग कार के निर्माण के लिए गुजरात सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था। इस समझौते के तहत कंपनी ने गुजरात में प्लांट लगाने और 2021 से उत्पादन शुरू करने की बात कही गई थी।
भारत में बनने वाली कारों को यूरोप और अमेरिका में एक्सपोर्ट किया जाएगा। कंपनी ने बताया है कि गुजरात को विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा, व्यापार करने में आसानी, बेहतर बंदरगाह और लॉजिस्टिक सुविधाओं के लिए चुना गया है। हालांकि, कंपनी ने भारत में कार को लॉन्च करने की कोई समयसीमा नहीं बताई है।
PAL-V की बात करें तो इस फ्लाइंग कार में दो लोग बैठ सकते हैं और जमीन पर यात्रा करने के साथ-साथ उड़ान भी भर सकते हैं। सड़क पर 100 मिल प्रतिघंटा की रफ्तार से चलने के साथ यह कार हवा में 200 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ भी सकती है।
यह कार केवल 3 मिनट में फ्लाइंग कार का रूप ले सकती है और फ्यूल टैंक फुल होने पर 500 किलोमीटर तक चल सकती है। चूंकि यह कार पेट्रोल से चलेगी इसलिए इसमें जेट ईंधन की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस फ्लाइंग कार को चलाने के लिए प्रशिक्षण की जरूरत होगी जिसे कंपनी उपलब्ध करेगी।
कंपनी का कहना है कि यह फ्लाइंग कार कमर्शियल और प्राइवेट दोनों उपयोग के लिए उपलब्ध की जाएगी। यह कार इतनी कॉम्पैक्ट है कि इसे एक साधारण कार की तरह पार्किंग स्पेस में पार्क किया जा सकता है। कार में एक एयरोप्लेन की तरह कई जीवन रक्षक उपकरण भी दिए जाएंगे।