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उत्तर प्रदेश: मात्र प्रिंटिंग पेपर न होने की वजह से हजारों RC पेंडिंग
यूपी से बेहद ही हैरान कर देनेवाला मामला सामना आया है। इस खबर को पढ़कर पता चलेगा कि अफसर शाही कितनी सुस्ती में काम करती है और सरकार कितनी आलसी है। यूपी के मेरठ आरटीओ में मात्र प्रिंटिंग पेपर न होने की वजह से करीब 7 हजार रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) का काम पेंडिंग पड़ा है।
मेरठ आरटीओ के अधिकारी विजय कुमार का कहना है कि जिस कंपनी को प्रिंटिंग पेपर का टेंडर दिया गया था वही पेपर की सप्लाई करने में देरी कर रही है। उन्होंने कहा इस समय पुरे राज्य की यही समस्या है। पुरे राज्य में पेपर की कमी हो रही है।
हालांकि उन्होंने ये भी बताया कि फिलहाल पेपर उपलब्ध है और काम शुरू हो गया है, लेकिन ये माल कम है और कभी भी खत्म हो सकता है। एक बार खत्म हो जाने पर पेपर फिर कब उपलब्ध होगी इसकी कोई निश्चितता नहीं है।
मेरठ आरटीओ में पहले रोजाना 200 रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट्स का काम होता था, लेकिन अब ये पेपर की उपलब्धता पर निर्भर करता है कि कितने RC बनेंगे। अधिकारी ने ये भी कहा कि RC न होने पर और उनके बनने में लगने वाली देरी के कारण लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
लेकिन इस समस्या के लिए किसी प्रिंटिंग पेपर सप्लाई करने वाली कंपनी को दोष देना कत्तई सही नहीं है। हां उसका कुछ योगदान जरूर हो सकता है। लेकिन अगर इतने बड़े प्रदेश में ट्रांसपोर्ट व्यवस्था में ऐसी छोटी-मोटी समस्याओं के लिए एडवांस में तैयारियां न की जाएंगी तो दिक्कत तो होगी। कहने का तात्पर्य है कि स्टॉक के हिसाब से संबंधित विभाग को पहले ही इसकी व्यवस्था कर लेनी चाहिए थी।
सरकार और अधिकारी को तत्परता से काम करना चाहिए और भविष्य के लिए हमेशा सतर्क रहना चाहिए। लेकिन सरकारी काम तो ऐसे ही होते हैं। फाइलें बस एक टेबल से दुसरे पर घुमती रहती हैं। पिछले करीब 3 महिने से उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में मात्र प्रिंटींग पेपर की वजह से काम रूक जाए तो सरकार को आत्मचिंतन करने की जरूरत है कि वो और उसकी नौकरशाही कितनी लचर है।
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