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भारत में ये कंपनी इलेक्ट्रिक स्कूटर और कार करेगी लाॅन्च, ओला इलेक्ट्रिक को मिलेगी टक्कर
डार्विन प्लेटफॉर्म ग्रुप ऑफ कंपनीज (डीपीजीसी) की एक सहायक कंपनी डार्विन ईवीएटी ने इस साल के अंत तक भारत में अपने इलेक्ट्रिक वाहनों को लॉन्च करने की घोषणा की है। कंपनी ने दिसंबर 2022 तक तीन इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर जबकि 2024 की शुरुआत में एक इलेक्ट्रिक कार को लॉन्च करने का ऐलान किया है।
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कंपनी ने कहा है कि उसके इलेक्ट्रिक वाहनों को 2023 की शुरुआत में भारत में बिक्री के लिए उतार दिया जाएगा।
डार्विन ने दिसंबर 2022 तक अपने तीन इलेक्ट्रिक टू व्हीलर - डार्विन D5, डार्विन D7 और डार्विन D14 को लॉन्च करने की घोषणा की है। इन उत्पादों को पूरे भारत में उपलब्ध कराया जाएगा। डार्विन का कहना है ये वाहन पूरी तरह भारत में बनाए जाएंगे। कंपनी इन वाहनों में जापानी तकनीक का इस्तेमाल करंव वाली है।
कंपनी इन उत्पादों के साथ युवा भारतीय ग्राहकों को लक्षित करना चाहती है। डार्विन के इलेक्ट्रिक टू व्हीलर्स की इस नई रेंज में ट्रेंडी डिजाइन, डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, कीलेस एंट्री, स्पीड कंट्रोल गियर, अधिक रेंज, बैटरी स्वैपिंग और कई अन्य फीचर्स होंगे।
कंपनी ने बताया कि डार्विन ग्रुप ने भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को लॉन्च करने के लिए अभी तक 450 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इसमें ई-वाहनों के अनुसंधान और विकास के साथ-साथ रणनीतिक सहयोग और साझेदारी में किया गया निवेश शामिल है। कंपनी ने यह भी कहा कि भारत में ई-वाहन बाजार में प्रतिस्पर्धा को देखते हुए एक व्यापक रणनीति बनाई गई है। इसके तहत बिक्री नेटवर्क को बढ़ाने के साथ-साथ का ई-वाहनों की मार्केटिंग और सर्विस पर भी मजबूत पकड़ बनाई जाएगी।
डीपीजीसी के सीईओ, राजा रॉय चौधरी ने लॉन्च से पहले की जानकारी साझा करते हुए कहा, "हमारा बुनियादी ढांचा इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को शुरू करने के लिए तैयार है। जापानी प्रौद्योगिकी से लैस डार्विन के वाहनों का उत्पादन दिल्ली-एनसीआर स्थित सुविधा में पहले ही शुरू हो चुका है। यह विनिर्माण संयंत्र पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ विनिर्माण प्रथाओं को अपनाता है।"
वाहन पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार देश में 3 अगस्त 2022 तक 13,92,265 इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत हैं। देश में कुल 7,93,370 इलेक्ट्रिक तीन-पहिया वाहन पंजीकृत हैं, जबकि इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की संख्या 5,44,643 यूनिट है। वहीं पंजीकृत इलेक्ट्रिक कारों की संख्या 54,252 यूनिट है।
मौजूदा समय में पेट्रोल वाहनों पर 48 प्रतिशत के मुकाबले इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी केवल 5 प्रतिशत है। वर्तमान में इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाली बैटरी सेल को चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देशों से आयात किया जा रहा है जिससे देश में बैटरी सेल की कीमत अधिक हो जाती है और इलेक्ट्रिक वाहन महंगे हो जाते हैं। हालांकि, भविष्य में भारत में बैटरी सेल का उत्पादन शुरू होने से इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत में कमी आएगी।
केंद्र सरकार 2030 तक निजी कारों के लिए 30 प्रतिशत, वाणिज्यिक कारों के लिए 70 प्रतिशत, बसों के लिए 40 प्रतिशत और दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए 80 प्रतिशत तक इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री की उम्मीद कर रही है।
इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए कोयले के बजाय सौर और बायोमास जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से बिजली बनाने पर दिया जा रहा है। इसके अलावा ग्रीन हाइड्रोजन की तकनीक भी विकसित की जा रही है ताकि आने वाले समय में हाइड्रोजन फ्यूल सेल से भी वाहनों को चलाया जा सके।