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भारत में ब्रांडेड हेलमट — हेलमट खरीदने से पहले जान ले यह जरूरी बातें
भारत दुनिया में दो पहिया वाहनों का सबसे बड़ा बाजार है तथा यहां दो पहिया वाहनों दुर्घटना भी अधिक होता है। ऐसी घटनाओं को रोकने का सबसे आसान उपाय हेलमेट का प्रयोग करना है।
बाइक चलाते समय हेलमेट सबसे जरूरी सुरक्षा उपकरण है। भारत में कई राज्यों में बाइक चलाते समय अनिवार्य रूप से हेलमेट पहनने का नियम बना दिया गया है। कई राज्यों में एक कदम आगे बढ़ते हुए पीछे की सवारी का भी हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है।
हालांकि सिर्फ हेलमेट पहन लेना पर्याप्त नहीं होता है। हेलमेट पहन कर बाइक चलाते समय कई चीजों का ध्यान रखना पड़ता है। यह बहुत जरूरी है कि हेलमेट चालक को फिट बैठे तथा वहां अच्छे से बंधा हुआ हो। एक ढीला या आधा बंधा हुआ हेलमेट अपने आप निकल सकता और आपकी सुरक्षा करने में नाकाम हो सकता है।
हेलमेट भी कई प्रकार के विकल्प जैसे टाइप, रंग, ग्राफिक्स, डिजाइन तथा सुरक्षा स्तर के साथ आते है। आम तौर पर तीन प्रकार के हेलमेट फूल फेस, मॉड्यूलर तथा ओपन फेस बाजार में प्रचलित है।
फूल फेस हेलमेट जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है यह सामने से लेकर पीछे तक पूरे सिर को ढकता है। फूल फेस हेलमेट अन्य प्रकार के हेलमेट के मुकाबले में सबसे सुरक्षित होते है। दुनिया भर के अधिकतर बेस्ट ब्रांड फुल फेस हेलमेट ही बनाते है हालांकि उनका स्टाइल व डिजाइन बदलता रहता है।
इससे बिल्कुल अलग ओपन फेस हेलमेट होते है। जैसे कि नाम से ही जाहिर है यह सिर्फ सिर को ढकता है तथा चालक के चेहरे को बिना कोई सुरक्षा के खुला छोड़ देता है। इस हेलमेट में देखने में आसानी होती है तथा चलाने के समय हवा आसानी से पास हो पाताहै लेकिन अन्य हेलमेट के मुकाबले यह कम सुरक्षा प्रदान करता है।
फूल फेस हेलमेट व ओपन फेस हेलमेट के बीच में मॉड्यूलर हेलमेट आता है। यह दोनों की तरह काम करता है, सिर्फ एक बटन दबाने से ही यह फ्लिप होकर फूल या ओपन हेलमेट बन सकता है।
लेकिन आपको कैसे पता चलेगा कि जो हेलमेट आपने चुना है वह दुर्घटना के समय आपकी रक्षा करेगा। सभी हेलमेट आम तौर पर प्लास्टिक व फाइबर ग्लास के बनाये जाते है तथा अंदर से पॉलीस्टीरीन फोम से कवर किया जाते है। महंगे हेलमेट में केवलर या कार्बन फाइबर का भी प्रयोग किया जाता है जो वजन में हल्का होता है तथा बेहतर सुरक्षा प्रदान करता है।
भारतीय बाजार में हेलमेट के कई ब्रांड उपलब्ध है। भारत में सबसे अच्छा हेलमट स्टीलबर्ड, वेगा, LS2, HJC, SMK, बेल, शोए व AGV के द्वारा बनाये जाते है। यह सभी कंपनियां मुख्य तीनों प्रकार की हेलमेट का निर्माण करती है तथा अच्छे डिजाइन, ग्राफिक्स, रंग व सुरक्षा स्तर भी उपलब्ध करवाती है। इन हेलमेट की कीमत 1000 रुपयें से शुरू होकर 50,000रुपयें तथा उससे भी अधिक तक जाती है।
देश में डिजाइन किये गए हेलमेट चालक को सिर्फ एक ही बार सुरक्षा प्रदान करने के लिए तैयार किये जाते है लेकिन क्या यह पर्याप्त है? इसलिए एक चालक के लिए बहुत जरूरी है कि उसके पास दोपहिया वाहन इंश्योरेंस पॉलिसी भी हो जो कि किसी दुर्घटना में चालक व बाइक दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सके। भारत में कई कंपनिया है जो दो पहिया वाहन इंश्योरेंस पॉलिसी प्रदान करती है जिसमें बिना झंझट के रिन्यूवल, एक्सपायर पॉलिसी का रिन्यूवल, थर्ड पार्टी लाइबिलिटी तथा लॉन्ग टर्म इंश्योरेंस शामिल है।
लेकिन आप यह सुनिश्चित कर सकते है कि अधिकतर हेलमेट बिकने से पहले स्टैंडर्ड गाइडलाइन के कड़े टेस्ट को पास करते है। भारत में हेलमेट के लिए अपने गॉइडलाइन मौजूद है जो कि ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) द्वारा बनाये गए है।
वो हेलमट जो इन नियमों को पास कर जाते है उनमें ISI सर्टिफिकेट स्टीकर लगा होता है जो कि आम तौर पर हेलमेट के पीछे हिस्से में दिया होता है। भारत में अंतर्राष्ट्रीय स्टैंडर्ड सर्टिफिकेशन जैसे DOT व ECE वाले हेलमेट ब्रांड भी मौजूद है। तो ध्यान रखे कि हमेशा हेलमेट अवश्य पहने और सुरक्षित रहे।