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चौंकानेवाला खुलासा: सेकंड हैंड कार डीलर्स के कहने पर चुराई टोयोटा फॉर्च्यूनर
दिल्ली पुलिस ने कार चोरी के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिसिया कारवाई के दौरान इस इस गिरोह के एक सदस्य की मौत भी हो गई। हालांकि उसका साथी , जिसका नाम रवि बताया जा रहा है को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और तीसरा साथी वहां से भागने में कामयाब हो गया और अभी फरार चल रहा है।
पुलिसिया कारवाई में जिस शख्श की मौत हुई उसका नाम नूर मोहम्मद बताया जा रहा है। पुलिस के मुताबिक वो उत्तर भारत में सक्रिय कार चोरी के कई गैंग का मेम्बर था और कई वारदातों को अंजाम दे चुका है।
कारवाई के दौरान रवि नाम के जिस शख्स को गिरफ्तार किया गया है पुछताछ में उसने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। रवि के मुताबिक कार चोरी की घटनाओं के पीछे कई सेकेंड हैंड डीलर का भी हाथ है। रवि ने बताया कि सेकेंड हैंड कार डीलर्स को जिस गाड़ी का भी ऑर्डर मिलता था हम उसे दिल्ली या आस-पास के इलाकों से चुराकर कार डीलर्स को देते थे। फिर वे उसे अपने ग्राहकों को बेच देते थे।
कार चोरी का ये गिरोह पुरे उत्तर भारत में सक्रिय था और वहां से गाड़ियां चुराकर पुर्वोत्तर के सेकेंड हैंड कार डीलर्स को बेच देते थे। रवि ने बताया कि पिछेले दिनों दिल्ली के तीन अलग-अलग इलाकों से जो तीन टोयोटा फॉर्च्यूनर चोरी हुई थी उसे भी उन्होंने ही चुराया था।
रवि ने खुलासा किया कि चोरी के बाद कारों को सुनसान इलाकों में पार्क कर दिया जाता था और कोई आसानी से पहचान न ले इसलिए कार को कवर से ढक दिया जाता था। कार का नंबर प्लेट बदलने का काम तो सबसे पहले किया जाता था। हालांकि चोरों की ये तरकीब ही उनकी पुलिस के हाथों में आने का कारण बनी। पुलिस ने उस टोयाटा फॉर्च्यूनर को स्पॉट कर लिया था जहां उन्होंने उसे पार्क किया था। उसके बाद पुलिस वाले जाल बिछाकर बैठे थे और 18 घंटे के इंतजार के बाद जैसे ही वो इसे लेने आए पुलिस ने उन्हें पकड़ने की कोशिश की और इसी कारवाई में नूर मोहम्मद मारा गया और रवि पकड़ा गया और एक साथी वहां से फरार हो गया।
अब पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है। पुलिस के मुताबिक इस कारवाई के बाद बहुत से मेंबर फरार हो गए हैं और पुलिस को आशंका है कि वो उत्तर प्रदेश और हरियाणा में छुपे हो सकते हैं।
रवि के बारे में पुलिस ने बताया कि कार चोरी के गिरोह में शामिल होने से पहले वो एक गैरेज में मैकेनिक का काम करता था। उसके बाद वो नूर मोहम्मद के संपर्क में आया और बहुत जल्दी पैसे कमाने के लालच में उसने नूर मोहम्मद के गिरोह में शामिल हो गया।
इस घटना से साफ हो जाता है कि आपको अपने कार की सुरक्षा को लेकर सावधान हो जाना चाहिए। सिर्फ सीसीटीवी कैमरे के भरोसे कार को नहीं छोड़ा जा सकता। क्योंकि इन चोरों ने जहां भी कारें चुराई थीं उनमें से कई स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे और फिर भी वो कार चुराने और पहचान छुपाने में कामयाब रहे।
दुसरी सबसे बड़ी बात की सेकेंड हैंड कार खरीदने से पहले कार डीलर, कार और कार के कागजात की अच्छी तरह से तहकीकात कर लें। जिससे आप ठगे जाने या फिर इन गिरोहों का शिकार होने से बच सकते हैं।
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