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इस राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों की चल रही है बंपर सेल, तीन साल में छह गुना बढ़ी बिक्री
देश भर में इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) की बिक्री में बढ़ोतरी हो रही है। मेट्रो शहरों को छोड़ दें, तो अब छोटे शहरों में भी इलेक्ट्रिक दोपहिया और तीन पहिया वाहनों की जबरदस्त बिक्री चल रही है। राजस्थान (Rajasthan) में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। राजस्थान ट्रांसपोर्ट विभाग (Rajasthan Transport Department) के आंकड़ों को देखें तो तीन साल में राजस्थान में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में छह गुना इजाफा हुआ है। यह आंकड़ा सितंबर 2019 से सितंबर 2022 तक का है। राजस्थान ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, एल.के. स्वामी ने बताया कि राज्य में लोग अब आधुनिक तकनीक और स्वच्छ ईंधन से चलने वाले वाहनों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। ऐसे में बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
राजस्थान में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में बढ़ोतरी की एक और वजह राज्य की इलेक्ट्रिक वाहन नीति (Rajasthan EV Policy) है। पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में राजस्थान में कुल 6,627 इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत थे, वहीं 2021 में ई-वहनों का कुल पंजीकरण 23,451 था। वहीं इस साल सितंबर के पहले सप्ताह तक राज्य में ई-वाहन पंजीकरण बढ़कर 42,900 यूनिट हो गया।
बेचे गए कुल ई-वाहनों में से 28,000 दोपहिया और 13,400 तीन पहिया इलेक्ट्रिक वाहन हैं जबकि इलेक्ट्रिक यात्री वाहनों (कारों) की संख्या 1,500 यूनिट है। बता दें कि राजस्थान सरकार ने पिछले साल ही राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन नीति को लागू किया था। राजस्थान सरकार इलेक्ट्रिक दोपहिया और तीनपहिया वाहनों की खरीद पर कैश सब्सिडी दे रही है।
राजस्थान सरकार ई-वाहन नीति के तहत लाभ देने के लिए दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 5,000 करोड़ रुपये से 10,000 करोड़ रुपये और तिपहिया वाहनों के लिए 10,000 करोड़ रुपये से 20,000 करोड़ रुपये की राशि का आवंटन करेगी। इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों को कितना लाभ दिया जाएगा, इसका आकलन इलेक्ट्रिक वाहन की बैटरी क्षमता के अनुसार किया जाएगा।
हाल ही में राजस्थान सरकार ने भुगतान के लंबित मामलों के निपटारे के लिए ट्रांसपोर्ट विभाग को 40 करोड़ रुपये की राशि जारी की है। ट्रांसपोर्ट विभाग के अनुसार, इस राशि में से 5 करोड़ रुपये की राशि का उपयोग 3,000 ई-वाहन ग्राहकों को अनुदान देने के लिए किया जाएगा।
हालांकि, अन्य राज्यों के विपरीत, राजस्थान सरकार इलेक्ट्रिक यात्री वाहनों (कारों) और ई-बसों पर कोई सब्सिडी नहीं दे रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, दोपहिया और तिपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए राजस्थान में अनुदान की राशि महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली की तुलना में कम है। पिछले वित्तीय वर्ष में राजस्थान सरकार ने 12 क्षेत्रीय ट्रांसपोर्ट केंद्रों में पंजीकृत ई-वाहन खरीदारों को 18 करोड़ रुपये की राशि का अनुदान दिया था
राजस्थान सरकार को उम्मीद है कि ई-वाहन नीति के लागू होने से इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें कम होंगी और बिक्री में इजाफा आएगा। सरकार के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, राज्य में प्रदूषण को कम करने में ई-वाहन मुख्य भूमिका निभाएंगे। ई-वाहनों की बिक्री बढ़ने से पेट्रोल और डीजल वाहनों की बिक्री में कमी आएगी, जिससे प्रदूषण भी कम होगा और साथ में ईंधन के आयत पर होने वाला खर्च भी कम होगा।
बता दें कि ई-कॉमर्स, डिलीवरी और फ्लीट व्यापार में व्यावसायिक उपयोग के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बड़ी संख्या में इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे बाजार में दोपहिया और तिपहिया इलेक्ट्रिककी मांग बढ़ी है। इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाने की लागत कम होती है इसलिए के व्यापार के लिए भी फायदेमंद साबित हो रहे हैं। इन सभी कारणों से दोपहिया और तिपहिया सेगमेंट में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में वृद्धि हुई है। राजस्थान सरकार का लक्ष्य इन दो खंडों में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देना है।