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दुनिया के सबसे ज्यादा ट्रैफिक वाले शहरों में शामिल हुई दिल्ली, ट्रैफिक जाम में ये है रैंकिंग
अग्रणी नेविगेशन सिस्टम निर्माता टॉमटॉम द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, भारत की राजधानी दिल्ली विश्व स्तर पर सबसे खराब यातायात प्रबंधन के मामले में 11वें स्थान पर है। इसके अलावा, चार भारतीय शहरों को ट्रैफिक जाम के लिए दुनिया के 25 सबसे खराब शहरों में शामिल किया गया है। अध्ययन में आगे कहा गया है कि मानसून का मौसम जाम को बढ़ा देता है और ड्राइविंग की स्थिति को और भी खराब कर देता है।

टॉमटॉम का अध्ययन 404 शहरों को शामिल करते हुए 58 देशों में किया गया था। अध्ययन के अनुसार, 21 अगस्त, 2021 दिल्लीवासियों के लिए सबसे खराब दिन था, जहां मानसून के मौसम में भारी बारिश के कारण 71 प्रतिशत सड़कें जाम थीं। सुबह के समय औसतन 77 प्रतिशत जाम की स्थिति दर्ज की गई, जबकि शाम को यह 53 प्रतिशत थी।

हाल ही में दिल्ली के पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने जानकारी दी कि राष्ट्रीय राजधानी में 2020 की तुलना में 2021 में सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों की कुल संख्या में वृद्धि हुई है। उन्होंने आंकड़ों को साझा करते हुए बताया कि 2020 में दिल्ली में सड़क हादसों में 1,151 लोगों की मौत हुई थी, जबकि यह आंकड़ा 2021 में बढ़कर 1,180 हो गया। रेड लाइट जंपिंग, ओवरस्पीडिंग, ट्रिपल राइडिंग आदि प्रमुख यातायात अपराध के रूप में दर्ज किये गए हैं।

दिल्ली पुलिस द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, कंपाउंडिंग चालान की कुल संख्या 1,74,166 और अदालती चालान 10,71,712 हैं। 2020 में, दिल्ली में कुल 3,976 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें से 1,119 घातक दुर्घटनाएं थीं। 2021 में 4,512 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें से 1,145 घातक दुर्घटनाएं थीं। 2020 में दिल्ली में सड़क दुर्घटनाओं में कुल 1,151 लोगों की मौत हुई, जबकि 2021 में, घातक दुर्घटनाओं में कुल 1,180 लोगों की मौत हुई।

संसद में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा पेश की गई एक रिपोर्ट में सड़क दुर्घटनाओं के लिए शराब के नशे में गाड़ी चलाने और गलत साइड में ड्राइविंग करने को सड़क हादसों का मुख्य कारण बताया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2020 में कुल 3,66,138 सड़क दुर्घटनाएं हुईं।

इन मामलों में लाल बत्ती उल्लंघन के कारण 2,721 दुर्घटनाएं हुईं। वाहन चलाते समय मोबाइल फोन के इस्तेमाल से 6,753 दुर्घटनाएं हुईं, जबकि अन्य कारणों से कुल 62,738 दुर्घटनाओं के मामले दर्ज किए गए। शराब पीकर गाड़ी चलाने से 8,355 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जबकि गलत साइड से गाड़ी चलाने से 20,228 दुर्घटनाओं के मामले दर्ज हुए।

जहां तक यातायात नियमों के उल्लंघन के कारण जुर्माना वसूलने का सवाल है, उत्तर प्रदेश में पिछले साल सबसे अधिक जुर्माना वसूला गया है। उत्तर प्रदेश ने जुर्माने के रूप में 447 करोड़ रुपये, हरियाणा ने 326 करोड़ रुपये, राजस्थान ने 267 करोड़ रुपये और बिहार ने 258 करोड़ रुपये उल्लंघनकर्ताओं से वसूले हैं।