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8,000 इलेक्ट्रिक बसों को खरीदने का टेंडर हुआ जारी, पांच शहरों में उतारी जाएंगी 5,450 ई-बसें
सार्वजनिक परिवहन को उत्सर्जन मुक्त बनाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक बसों को चलाने पर जोर दे रही है। हाल ही में केंद्र सरकार ने अपनी एजेंसी कनवर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (सीईएसएल) के जरिये 8,000 इलेक्ट्रिक बसों को खरीदने का टेंडर जारी किया है। सीईएसएल इन बसों को राज्य सरकारों के ट्रांसपोर्ट निगमों को सौंपेगी।
आपको बता दें कि यह सीईएसएल द्वारा जारी किया गया दूसरा सबसे बड़ा टेंडर है। इस साल की शुरूआत में सीईएसएल ने 5,580 इलेक्ट्रिक बसों को खरीदने के लिए टेंडर जारी किया था जिसका मूल्य 5,500 करोड़ रुपये था। टाटा मोटर्स 5,000 बसों को डिलीवर करने के वादे के साथ इस टेंडर की सबसे बड़ी दावेदार रही। सीईएसएल देश के पांच प्रमुख शहरों, दिल्ली, कोलकाता, बेंगलुरु, सूरत और हैदराबाद में 5,450 ई-बसों को उतारने का काम चालू कर चुकी है।
50 हजार ई-बसों को चलाने की है योजना
बताते चलें कि सीईएसएल देश भर में 50,000 इलेक्ट्रिक बसों को उतारने की तैयारी कर रही है। इलेक्ट्रिक बसों को खरीदने की इस परियोजना की कुल लागत 80,000 करोड़ रुपये की है। सार्वजनिक परिवहन को उत्सर्जन मुक्त बनाने एक लिए यह केंद्र सरकार के द्वारा उठाया गया एक बड़ा कदम मन जा रहा है।
सीईएसएल का कहना है कि इस टेंडर के द्वारा इलेक्ट्रिक बसों की खरीद में स्थानीय निर्माताओं को अहमियत दी जाएगी। इससे भारत में इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा। जानकारों का मानना है कि देश के बड़े शहरों में अगले 5-6 साल में सभी बसें इलेक्ट्रिक हो जाएंगी। इससे वायु प्रदूषण पर रोक लगाने में मदद मिलेगी और पर्यावरण संरक्षण का काम भी तेजी से हो पाएगा।
आपको बता दें कि भारत सरकार ने 2070 तक शून्य उत्सर्जन को हासिल करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और बिक्री को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियां लागू की जा रही हैं। केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रित एजेंसी, सीईएसएल इन बसों को खरीदने के लिए टेंडर जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है।
बढ़ रही है इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री तेजी से बढ़ रही है और इसके लिए चार्जिंग स्टेशनों के नेटवर्क का भी विकास किया जा रहा है। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के वाहन पोर्टल के अनुसार, देश में 13 लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण किया जा चुका है। वहीं देश के अलग-अलग राज्यों में 2,500 से ज्यादा चार्जिंग स्टेशन परिचालन मे हैं।
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में तीन गुना इजाफा हुआ है। आंकड़ों को देखें तो, वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 4,29,217 यूनिट्स हुई थी, जबकि वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान यह बिक्री 1,34,821 यूनिट्स की थी। वहीं वित्तीय वर्ष 2019-20 में कुल इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 1,68,300 यूनिट्स थी।
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष के दौरान इलेक्ट्रिक कारों की खुदरा बिक्री 17,802 यूनिट थी, जो वित्त वर्ष 2020-2021 में हुई 4,984 यूनिट की बिक्री से तीन गुना अधिक थी। पिछले वित्त वर्ष में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री 2,31,338 यूनिट रही, जो वित्तीय वर्ष 2020-21 में बेची गई 41,046 यूनिट की तुलना में पांच गुना अधिक रही।