Just In
- 32 min ago
हार्ले-डेविडसन नाइटस्टर भारतीय बाजार में हुई लॉन्च, कंपनी ने डिलीवरी भी कर दी शुरू, जानें कीमत
- 1 hr ago
राॅयल एनफील्ड को टक्कर देने आ रही है बजाज-ट्रायम्फ की बाइक, 350cc इंजन से होगी लैस
- 1 hr ago
महिंद्रा बोलेरो मैक्स पिक-अप सिटी 3000 भारतीय बाजार में हुई लॉन्च, जानें क्या है कीमत और फीचर्स
- 3 hrs ago
नई जीप कंपास 5th एनिवर्सरी एडिशन भारतीय बाजार में हुई लॉन्च, क्या है कीमत और फीचर्स
Don't Miss!
- News
तेजी से घट रही इस देश की आबादी, 1950 के बाद आया सबसे बड़ा जनसंख्या का संकट
- Finance
ऐसे बढ़ेगी कमाई : Business को कैसे दें तरक्की, चेक करें बेस्ट टिप्स
- Technology
अब खाना बनाना हुआ और भी आसान, भारत में लॉन्च हुआ Xiaomi Air Fryer
- Travel
दुनिया का तीसरा सबसे ऊंचा मोटर योग्य दर्रा, चांग ला पास
- Movies
बॉलीवुड की ऑनस्क्रीन भाई-बहनों की जोड़ियां जिनमें दिखा कमाल का बॉन्डिंग
- Education
UPSC NDA NA Admit Card 2022 Download यूपीएससी एनडीए एनए एडमिट कार्ड 2022 डाउनलोड करें
- Lifestyle
Perfume लगाना महिलाओं के लिए खतरे से खाली नहीं, इससे हो सकता है कैंसर !
- Sports
जोकोविच ने कोरोना को लिया हल्के में, अब सामने आया राफेल नडाल का बयान
Electric Buses: 2030 तक देश के 25 राज्यों में उतारी जाएंगी 50,000 इलेक्ट्रिक बसें
2030 तक भारतीय सड़कों पर 50,000 इलेक्ट्रिक बसों की तैनाती में तेजी लाने के लिए, भारत सरकार की स्वामित्व वाली कंपनी कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (सीईएसएल) ने वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट इंडिया (डब्ल्यूआरआई इंडिया) की मदद से विचार-विमर्श शुरू कर दिया है। ग्रैंड चैलेंज की सफलता के बाद, सीईएसएल ने भारत के 25 राज्यो में 2030 तक 50,000 इलेक्ट्रिक बसों (ई-बसों) की तैनाती में तेजी लाने के लिए विचार-विमर्श शुरू किया है।

ग्रैंड चैलेंज के तहत, सीईएसएल ने पांच शहरों - बेंगलुरु, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता और सूरत में 5,450 ई-बसों की तैनाती की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सकल लागत अनुबंध मॉडल पर आधारित निविदा पर खरीदी जाने वाली इलेक्ट्रिक बसें डीजल और सीएनजी बसों की तुलना में क्रमशः 27 प्रतिशत और 23 प्रतिशत सस्ती होंगी।

सरकारी थिंक-टैंक, नीति आयोग ने सीईएसएल को ग्रैंड चैलेंज के दायरे को बढ़ाने और अगले सात वर्षों में 50,000 ई-बसों की मांग को विकसित करने का निर्देश दिया है। सीईएसएल इन पांच राज्यों में पुराने बसों का आंकड़ा तैयार करेगी जिसेक बाद चरणबद्ध तरीके से पुराने बसों को हटाकर इलेक्ट्रिक बसों को लाया जाएगा।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सीईएसएल से 25 राज्यों में 30,000 से अधिक पुरानी बसों को स्क्रैप करने के लिए एक कार्यक्रम तैयार करने का अनुरोध किया है। बयान में कहा गया है कि ग्रैंड चैलेंज, ई-बसों की खरीद के लिए दुनिया की सबसे बड़ी निविदा है। इसमें ई-बसों की मांग को पांच शहरों में समान रूप से पूरा किया जाएगा।

देश में तेजी से बढ़ रही है इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री तेजी से बढ़ रही है और इसके लिए चार्जिंग स्टेशनों के नेटवर्क का भी विकास किया जा रहा है। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के वाहन पोर्टल के अनुसार, देश में 10.60 लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण किया जा चुका है। वहीं देश के अलग-अलग राज्यों में कुल 1,742 चार्जिंग स्टेशन परिचालन मे हैं।

देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में तीन गुना इजाफा हुआ है। आंकड़ों को देखें तो, वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 4,29,217 यूनिट्स हुई थी, जबकि वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान यह बिक्री 1,34,821 यूनिट्स की थी। वहीं वित्तीय वर्ष 2019-20 में कुल इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 1,68,300 यूनिट्स थी।

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष के दौरान इलेक्ट्रिक कारों की खुदरा बिक्री 17,802 यूनिट थी, जो वित्त वर्ष 2020-2021 में हुई 4,984 यूनिट की बिक्री से तीन गुना अधिक थी। पिछले वित्त वर्ष में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री 2,31,338 यूनिट रही, जो वित्तीय वर्ष 2020-21 में बेची गई 41,046 यूनिट की तुलना में पांच गुना अधिक है।

फाडा ने उल्लेख किया कि पिछले वित्त वर्ष में इलेक्ट्रिक वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री बढ़कर 2,203 यूनिट हो गई, जबकि वित्त वर्ष 2020-21 में यह सिर्फ 400 यूनिट थी।