Just In
- 11 hrs ago टोल प्लाजा पर अब नहीं होंगे ये बोर्ड! केंद्र सरकार ने लिया अहम फैसला, जानें डिटेल्स
- 17 hrs ago Bigg Boss फेम आयशा खान ने खरीदी MG की ये धांसू कार, जानें क्या है खासियत?
- 19 hrs ago मामूली सुरक्षा के बावजूद, बिक्री में टॉप है Maruti Suzuki की ये कारें, आपको कौन सी है पसंद?
- 1 day ago 3 घंटे में पूरा होगा 900 KM का सफर, अहमदाबाद से दिल्ली तक चलेगी दूसरी बुलेट ट्रेन, जानें Railways की प्लान
Don't Miss!
- News Weather Update: हल्की बारिश से आज मिल सकती है राहत
- Education Jharkhand Board 10th Result 2024: कल आयेगा झारखंड बोर्ड 10वीं का परिणाम, कैसे चेक करें JAC Matric Result
- Movies VIDEO: भगवान कृष्ण के सामने सीमा ने की अश्लीलता, वीडियो देख भड़के लोग बोले- कौन से कोठे पर...
- Lifestyle जहरीले अंगूर खाने से बिगड़ सकती हैं तबीयत, एक्सपर्ट ने बताया खाने से पहले कैसे करें साफ
- Finance Quarter 4 Result: Bajaj और Infosys ने जारी किया चौथे क्वार्टर का रिजल्ट, दोनों को मिला है बंपर मुनाफा
- Technology डॉक्सिंग क्या होती है, क्या इसके लिए जेल जाना पड़ सकता है?
- Travel बोरिंग जिंदगी से चाहिए ब्रेक तो घूम आएं ये 6 बटरफ्लाई पार्क, जहां फूलों में रंग भरती हैं तितलियां
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
भारत में 2050 में बिकने वाले 75 फीसदी वाहन होंगे इलेक्ट्रिक, सीईईडब्ल्यू ने जारी की रिपोर्ट
काउंसिल ऑन पावर, सेटिंग एंड वाटर (सीईईडब्ल्यू) का दावा है कि 2050 में भारत की नई यात्री कारों की कुल बिक्री में लगभग 75 प्रतिशत हिस्सेदारी इलेक्ट्रिक कारों की होगी। एजेंसी ने दावा किया है कि भारत में 2030 में खरीदे जाने वाले लगभग 50 फीसदी नए दोपहिया वाहन और लगभग 50 फीसदी चारपहिया वाहन इलेक्ट्रिक होंगे।
सीईईडब्ल्यू ने एक शोध में दावा किया है कि इसके अतिरिक्त, 2050 तक इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या नौ गुना बढ़ जाएगी। हालांकि, शोध में यह भी कहा गया है कि आय में सुधार के चलते दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री कम होने लगेगी। रिपोर्ट में बताया गया है कि लोगों की आय में सुधार से चारपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ेगी और इसके साथ ही देश में बिजली की खपत में तेजी से बढ़ेगी।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत का परिवहन क्षेत्र कुल बिजली उत्पादन का 21 प्रतिशत खपत करता है। इसके साथ ही भारत विकसित देशों के मुकाबले इलेक्ट्रिक वाहनों से कम उत्सर्जन भी कर रहा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि देश में चार्जिंग स्टेशनों को लगाने की धीमी गति इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की प्रक्रिया को बाधित कर रही है। इसके अलावा, उपकरणों और सेमीकंडक्टर की कमी इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को भी प्रभावित कर रही है।
शोध में खुलासा किया गया है कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में तेजी लाने के लिए भारत सरकार को ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर और स्थानीय सप्लाई चेन को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। इसके लिए सरकार को ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश करने की योजना तैयार करनी होगी।
आपको बता दें कि ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में 13 लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत हैं। फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME) फेज- II योजना के तहत, 68 शहरों में 2,877 सार्वजनिक ईवी (EV) चार्जिंग स्टेशन और 9 एक्सप्रेसवे और 16 हाईवे पर 1,576 ईवी चार्जिंग स्टेशनों को स्थापित करने की योजना को स्वीकृति दी गई है।
ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (Beauro of Energy Efficiency) के आंकड़ों के मुताबिक देश में कुल 2,826 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन चालू हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए हाईवे और एक्सप्रेसवे पर भी चार्जिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं, ताकि चार्जिंग की समस्या को कम किया जा सके। NHAI ने हाईवे और एक्सप्रेसवे के कई नए परियोजनाओं में चार्जिंग स्टेशनों भी स्थापित करने की स्वीकृति दी है।
केंद्र सरकार 2030 तक निजी कारों में 30 प्रतिशत, वाणिज्यिक कारों में 70 प्रतिशत, बसों में 40 प्रतिशत और दोपहिया और तिपहिया वाहनों में 80 प्रतिशत तक इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री की उम्मीद कर रही है।
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए स्वच्छ ऊर्जा श्रोतों से बिजली तैयार करने पर भी जोर दिया जा रहा है। इसके अलावा हाइड्रोजन फ्यूल सेल से चलने वाले वाहनों के लिए ग्रीन हाइड्रोजन को तैयार करने वाली इकाइयों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने बजटीय आवंटन की घोषणा की है।