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भारत कारों का तीसरा सबसे बड़ा बाजार, लेकिन नहीं मिल रहे इलेक्ट्रिक कारों को ग्राहक, ये है बड़ी वजह
बीते साल भारत जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कार बाजार बन गया। साल 2022 में भारत में 4 लाख से ज्यादा कारें बेची गईं। भारत अब केवल अमेरिका और चीन से पीछे है। भारत इलेक्ट्रिक वाहनों का भी उभरता बाजार है जहां मौजूदा समय में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की सबसे ज्यादा मांग है। हालांकि, इलेक्ट्रिक कारों के मामले में ऐसा नहीं है। भारत में कंपनियों को अपनी इलेक्ट्रिक कारों को बेचने में मशक्कत करनी पड़ रही है।
रेंज और चार्जिंग की दिक्कत बन रही समस्या
हालांकि, मौजूदा समय में बेची जा रही इलेक्ट्रिक कारों की रेंज एक दशक पहले बेची जाने वाली इलेक्ट्रिक कारों से बहुत अधिक है। लेकिन इसके बावजूद लोग इलेक्ट्रिक कार खरीदने से परहेज कर रहे हैं। इलेक्ट्रिक कारों की सीमित रेंज बिक्री में सबसे बड़ी चुनौती बन रही है। इसके अलावा चार्जिंग स्टेशनों की कमी और चार्जिंग में लगने वाला अधिक समय भी लोगों को इलेक्ट्रिक कार खरीदने से हतोत्साहित कर रहा है।

ई-वाहनों की अधिक कीमत बनी चुनौती
एक तरफ जहां इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन अब लोगों को किफायती कीमत पर उपलब्ध किये जा रहे हैं, इलेक्ट्रिक कारें अभी भी आम ग्राहकों के पहुंच से बाहर है। इलेक्ट्रिक कारों पर दिए जाने वाले छूट के बाद भी इनकी कीमत एक पेट्रोल कार से कहीं अधिक है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में लिथियम की कीमतों में बढ़ोतरी से भारत में इलेक्ट्रिक कारों की लागत भी बढ़ रही है और इस वजह कीमतों को नियंत्रण में रखना आसान नहीं है।
मौजूदा समय में एक इलेक्ट्रिक कार की बैटरी की लागत कार की कुल लागत का 50 प्रतिशत है। यही वजह है कि बैटरी की कीमतों में बढ़ोतरी से इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत में बड़ा प्रभाव पड़ता है।
हाइब्रिड वाहन बन सकते हैं विकल्प
इस साल जनवरी में आयोजित ऑटो एक्सपो 2023 बेहद खास रहा। यह इसलिए क्योंकि इस ऑटो एक्सपो में देश और दुनिया की कई कंपनियों ने अपने पारंपरिक वाहनों के साथ-साथ इलेक्ट्रिक, हाइब्रिड, फ्लेक्स फ्यूल, सीएनजी और हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों को भी पेश किया। जानकारों की मानें तो, हाइब्रिड वाहन महंगे इलेक्ट्रिक वाहनों का बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं। हाइब्रिड वाहन भी ईंधन से चलते हैं लेकिन इनमें लगा इलेक्ट्रिक सिस्टम उत्सर्जन को कम करने में मदद करता है।

मारुति और टोयोटा मोटर ने पिछले साल भारत में अपने हाइब्रिड वाहनों को लॉन्च किया है। हालांकि, हाइब्रिड वाहन पूरी तरह उत्सर्जन मुक्त नहीं होते लेकिन बड़े पैमाने पर इनके इस्तेमाल से प्रदूषण स्तर में कमी की जा सकती है। वहीं, दूसरी ओर कंपनियां E80 फ्लेक्स फ्यूल से चलने वाले वाहन भी तैयार कर रही हैं। ऑटो एक्सपो में मारुति सुजुकी और टोयोटा ने अपने फ्लेक्स फ्यूल वाहनों को भी पेश किया। वहीं टाटा मोटर्स और एमजी मोटर्स जैसी कंपनियों ने हाइड्रोजन फ्यूल सेल से चलने वाले पूरी तरह उत्सर्जन मुक्त वाहनों से पर्दा उठाया।