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Hyundai Aura और Accent की हुई टक्कर, क्रैश टेस्ट में हो गया मजबूती का खुलासा
दुनिया भर में कार सुरक्षा उपकरणों के मानकीकरण के अपने मिशन के हिस्से के रूप में, ग्लोबल एनसीएपी (Global NCAP) कई पहलों पर काम कर रहा है। 2030 तक, संगठन का लक्ष्य सभी कारों को इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल, दुर्घटना से बचाव के तकनीक और इंटेलिजेंट स्पीड कंट्रोल सिस्टम जैसी सुरक्षा सुविधाओं से लैस करना है। अब तक, कार सुरक्षा मानक अलग-अलग देशों के अनुसार भिन्न है। एक तरह जहां अमेरिका और यूरोपियन यूनियन के विकसित देशों में कारें काफी सुरक्षित बनाई जाती है, वहीं दूसरी तरफ भारत और दक्षिण पूर्वी एशिया के देशों में कारें वैश्विक सुरक्षा मानदंडों से काफी पीछे हैं।

भूगोल के आधार पर सुरक्षा मानकों में अंतर को उजागर करने के लिए, ग्लोबल एनसीएपी ने हुंडई ग्रैंड i10 सेडान (औरा) और हुंडई एक्सेंट के बीच आमने-सामने की टक्कर को अंजाम दिया है। इस परीक्षण के लिए एनसीएपी ने हुंडई की दो कारों को चुना जिसमें से एक मेक्सिको में बेची जाने वाली ग्रैंड आई10 सेडान थी जो भारत में हुंडई के संयंत्र में बनाई गई है।

वहीं, दूसरी कार हुंडई एक्सेंट थी जो अमेरिका में बेची जा रही है और मैक्सिको में निर्मित है। ये दोनों कारें संबंधित देशों में उपलब्ध सबसे सस्ती सेडान में से हैं। क्रैश टेस्ट के परिणाम स्पष्ट रूप से विभिन्न देशों में कार निर्माताओं द्वारा पालन किए जाने वाले सुरक्षा मानकों में अंतर को प्रदर्शित करते हैं।

जहां एक्सेंट में इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल (ईएससी) और 6 एयरबैग जैसी सुरक्षा विशेषताएं हैं, वहीं मेक्सिको में बिकने वाला औरा मॉडल केवल दो फ्रंट एयरबैग से लैस है। दुर्घटना परीक्षण में, हुंडई एक्सेंट ने चालक के लिए मामूली से अच्छी सुरक्षा प्रदान की और इसकी संरचना स्थिर पाई गई।

इसकी तुलना में, हुंडई औरा ने ड्राइवर के लिए 'कमजोर' से 'खराब' सुरक्षा प्रदान की। टेस्ट में पाया गया कि औरा की संरचना से समझौता किया गया है जिससे चालक को जानलेवा चोटें लगने की संभावना बढ़ जाती है। ग्लोबल एनसीएपी ने इस टेस्ट में हुंडई औरा को शून्य-स्टार रेटिंग दिया।

दुनिया भर में कारों की सुरक्षा और परीक्षण को एक तरह बनाने में कई तरह की चुनौतियां सामने आ रही हैं। एक कम आय वाले देश में एक औसत कार खरीदार की क्रय शक्ति विकसित देश में उसके समकक्ष की तुलना में काफी कम होती है। ऐसे में एक कम आय वाले व्यक्ति के लिए महंगी और सभी सुरक्षा फीचर्स से लैस कार खरीद पाना मुमकिन नहीं होता।

अगर उभरती अर्थव्यवस्थाओं और कम आय वाले देशों में कार निर्माता विकसित देशों की तरह ही मानकों का उपयोग करते हैं, तो कारें खरीदारों के एक बड़े वर्ग की पहुंच से बाहर हो जाएंगी। विश्व स्तर पर सुरक्षा मानकों के मानकीकरण (स्टैंडर्डराइजेशन) के विचार को एक ऐसे समय लागू करना आसान होगा जब सभी देश आर्थिक रूप से समान होंगे और भविष्य में ऐसा जल्द होने की संभावना नहीं है।

बताते चलें कि भारत में कारों की सुरक्षा को जांचने की प्रक्रिया के मानकीकरण के लिए परिवहन मंत्रालय ने भारत एनसीएपी (Bharat-NCAP) को लागू करने की मंजूरी दे दी है। भारत एनसीएपी को 1 अप्रैल, 2023 से लागू किया जाएगा।