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नियमों का उल्लंघन कर बेची जा रही हैं कम स्पीड वाली इलेक्ट्रिक स्कूटर, सरकार ने दी कंपनियों को चेतावनी
केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कम स्पीड वाले स्कूटरों के हो रहे अवैध उत्पादन पर राज्य सरकारों को सूचना जारी की है। मंत्रालय का कहना है कि कई इलेक्ट्रिक स्कूटर कंपनियां तय सीमा से अधिक रफ्तार पर चलने वाले स्कूटरों को कम स्पीड वाले स्कूटर श्रेणी में बेच रहे हैं, जो कि मंत्रालय द्वारा बनाये गए नियमों का उल्लंघन है।
क्या है मामला?
दरअसल, 20 से 25 किमी/घंटा की रफ्तार पर चलने वाले इलेक्ट्रिक स्कूटरों को लो-स्पीड यानी कम रफ्तार वाले स्कूटर श्रेणी में रखा जाता है। ऐसे स्कूटरों को चलाने के लिए रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस की जरूरत नहीं होती है। ये स्कूटर छोटी बैटरी के साथ आते हैं और इनकी रेंज भी कम होती है। हालांकि, मंत्रालय का कहना है कि कई कंपनियां कम स्पीड वाली स्कूटर श्रेणी में ऐसे स्कूटर्स बेच रहीं हैं जिनकी अधिकतम रफ्तार 45-50 किमी/घंटा है।
परिवहन मंत्रालय का कहना है कि ऐसे इलेक्ट्रिक स्कूटरों को बिना रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस के बेचा जा रहा है, जो नियमों का उल्लंघन तो है ही साथ में यात्रियों की सुरक्षा के साथ भी खिलवाड़ है। परिवहन मंत्रालय ने कहा कि ऐसे इलेक्ट्रिक वाहन केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम, 1989 का उल्लंघन करते हैं।
सरकार ने दिया सख्त निर्देश
मंत्रालय ने कहा कि अधिनियम द्वारा अनिवार्य प्रावधानों के तहत, दोषी पाए गए डीलरों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। डीलर ऐसे वाहनों को बिना किसी प्रकार की मंजूरी लिए या वाहन पहचान मानदंडों और बीमा में फैक्टरिंग के बिना बेच रहे हैं और यहां तक कि परीक्षण एजेंसियों द्वारा किए गए सत्यापन के साथ छेड़छाड़ भी कर रहे हैं।
मंत्रालय ने कहा कि इस तरह के हाई-स्पीड बैटरी वाहनों को देश भर में बेचा जा रहा है और हर राज्य में ऐसे वाहनों के कई डीलरों के काम करने की सूचना मिली है। मंत्रलय ने राज्यों को नियमों का उल्लंघन करने वाले डीलरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का सुझाव दिया है।
मोटर वाहन कानून का हवाला देते हुए, परिवहन मंत्रालय ने कहा कि लो-स्पीड इलेक्ट्रिक वाहन 25 किमी/घंटा की स्पीड कैप का पालन करने के अलावा, वाहन का कुल वजन (बैटरी के बिना) 60kg से अधिक नहीं होना चाहिए। ऐसे वाहनों में आगे और पीछे दोनों तरफ उपयुक्त ब्रेक और रिफ्लेक्टर लगे होने चाहिए।
साल 2020 की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर सेगमेंट में 97 प्रतिशत बिक्री इलेक्ट्रिक स्कूटर से हुई, वहीं इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल और साइकिल का बहुत कम योगदना है। इन दोपहिया वाहनों में से, कम गति वाले स्कूटर (अधिकतम गति 25kph) और जिन्हें पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है, ने कुल इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री में 90 प्रतिशत का योगदान दिया।
केंद्र सरकार के वाहन पोर्टल के अनुसार देश में 14 लाख इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत हैं। कुल पंजीकृत वाहनों में इलेक्ट्रिक तीनपहिया वाहनों की संख्या सबसे ज्यादा है, इसके बाद इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन और इलेक्ट्रिक कारों की संख्या है। मौजूदा समय में पेट्रोल वाहनों पर 48 प्रतिशत के मुकाबले इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी केवल 5 प्रतिशत है।