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ओला इलेक्ट्रिक ने तमिलनाडु प्लांट में उत्पादन किया बंद, जानें क्या है इसके पीछे का कारण
इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माता कंपनी ओला इलेक्ट्रिक ने अपने कृष्णागिरी, तमिलनाडु प्लांट में अपने इलेक्ट्रिक स्कूटरों का उत्पादन लगभग एक सप्ताह के लिए रोक दिया है। जहां कंपनी ने कहा कि प्लांट वार्षिक रखरखाव और नई मशीनों की स्थापना के लिए बंद था, वहीं इस डेवलपमेंट की जानकारी रखने वाले कुछ लोगों की मानें तो इन्वेंट्री पिल-अप उपकरण डाउनिंग का मुख्य कारण था।
बताया जा रहा है कि ओला इलेक्ट्रिक के पास इस प्लांट में स्कूटरों की लगभग 4000 यूनिट्स मौजूद हैं। कंपनी इस प्लांट को 'फ्यूचर फैक्ट्री' के नाम से पुकारती है। इसके अलावा कई हजारों यूनिट्स जो इस गिनती में नहीं हैं, यहां उन ग्राहकों को शिप करने के लिए तैयार हैं, जिन्होंने स्कूटर का प्री-ऑर्डर किया है।
कंपनी के एक सूत्र के अनुसार, जिस समय ओला इलेक्ट्रिक ने 21 जुलाई को लाइन बंद की थी, उस समय इसका दैनिक उत्पादन 600 की मौजूदा स्थापित क्षमता के मुकाबले लगभग 100 यूनिट्स का था। ओला ने प्लांट में परीक्षण उत्पादन शुरू किया, जिसे अक्टूबर में तमिलनाडु के होसुर जिले के कृष्णागिरी में 'फ्यूचर फैक्ट्री' नाम दिया गया।
यहां नियमित रूप से उत्पादन दिसंबर माह में शुरू किया गया था। ओला इलेक्ट्रिक के इस प्लांट में उत्पादन शुरू हुए लगभग आठ महीने ही हुए हैं। ओला इलेक्ट्रिक के एक प्रवक्ता ने कहा कि "अधिकांश ऑटो कंपनियों की तरह, जो अपने कारखानों में वार्षिक रखरखाव से गुजरती हैं, हमने भी किया।"
आगे प्रवक्ता ने कहा कि "इसे किसी भी बिंदु पर उत्पादन बंद करने के रूप में नहीं माना जा सकता है। इसलिए, यह स्पष्ट करते हुए कि (सूचना) असत्य है।" कंपनी ने दैनिक उत्पादन या बुकिंग संख्या पर स्पष्टीकरण नहीं दिया है। कंपनी ने उत्पादन के निलंबन की अवधि के बारे में विस्तार से नहीं बताया है।
ओला इलेक्ट्रिक, जिसने शुरुआत में अग्रिम भुगतान के साथ ओला एस1 प्रो लगभग 150,000 बुकिंग हासिल की थी। कंपनी ने अपने आक्रामक प्री-लॉन्च मार्केटिंग के चलते यह बुकिंग हासिल की थी, लेकिन वाहनों के प्रदर्शन और क्वालिटी के बारे में शिकायतों के बाद कंपनी को बड़ी संख्या में रद्दीकरण का सामना करना पड़ा।
कंपनी ने दिसंबर के अंत से अपने स्कूटर्स की डिलीवरी शुरू कर दी थी। पहले कुछ महीनों के भीतर ओला स्कूटर में आग लगने की घटनाओं की व्यापक आलोचना हुई और इसी के चलते कंपनी को एक सरकारी जांच से भी गुरजना पड़ा था।
बता दें कि ओला इलेक्ट्रिक ने हाल ही में भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सेल बनाने के लिए केंद्र की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है। सॉफ्टबैंक समर्थित ओला ने कहा कि यह भारत सरकार द्वारा अपनी महत्वाकांक्षी 80,000 करोड़ रुपये की सेल पीएलआई योजना के तहत चुनी गई एकमात्र भारतीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी कंपनी है, जिसने मार्च में अपनी बोली के लिए अधिकतम 20 गीगावाट घंटे (जीडब्ल्यूएच) प्राप्त किया है।