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ओला इलेक्ट्रिक को मिला सरकार का नोटिस, स्कूटर में आग लगने का कारण पूछा
ओला इलेक्ट्रिक को हाल ही में सेंट्रलकंस्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (सीसीपीए) ने इलेक्ट्रिक स्कूटर्स में आग लगने की घटनाओं के मामलें नोटिस भेजा है। सीसीपीए ने ओला इलेक्ट्रिक से इस नोटिस का जवाब 15 दिन मांगा है और कंपनी को यह नोटिस करीब 15 जून को दिया है। इससे पहले ऐसा ही नोटिस प्योर ईवी व बूट मोटर्स को दिया था, अब यह ओला इलेक्ट्रिक को दिया गया है।

बतातें चले कि पिछले कुछ महीनों में ओला सहित कई कंपनियों की इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने की घटना सामने आई थी और इसके बाद से इस घटना की खूब चर्चा हुई थी। इसके साथ ही भारत सरकार के सुरक्षा नियमों पर भी सवाल उठ रहे थे इस वजह से सीसीपीए ने इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की घटना का स्वत संज्ञान लिया था।

सीसीपीए ने ओला इलेक्ट्रिक से स्कूटर्स में आग लगने की घटना का कारण पूछा है और क्वालिटी के स्टैण्डर्ड को पूछा है। अप्रैल महीने में इन घटनाओं के सामने के बाद 1441 यूनिट इलेक्ट्रिक स्कूटर्स को वापस मंगाया था। कंपनी का कहना है कि बैटरी सिस्टम AIS 156 नियमों का पालन करता है। हालांकि सरकार इन नियमों जल्द ही बदलाव करने की सोच रही है।

ओला ने कहा था कि रिकॉल होने वाली स्कूटरों का हमारे सेवा इंजीनियरों द्वारा निरीक्षण किया जाएगा और बैटरी सिस्टम, थर्मल सिस्टम के साथ-साथ सुरक्षा प्रणालियों की भी पूरी तरह से जांच की जाएगी। हाल ही में, देश के विभिन्न हिस्सों में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में आग लगने की व्यापक घटनाएं हुई हैं, जिससे निर्माताओं को अपने वाहनों को वापस बुलाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

आग की घटनाओं के बाद ओकिनावा ऑटोटेक ने 3,000 यूनिट, जबकि प्योरईवी ने लगभग 2,000 यूनिट इलेक्ट्रिक वाहनों को वापस बुलाया। इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग की घटनाओं की जांच करने और निर्माताओं पर उचित कार्रवाई करने के लिए केंद्र सरकार ने एक विशेष पैनल गठित किया है। हाल ही में केंद्र सरकार की फायर एक्सप्लोसिव एंड एनवायरनमेंट एजेंसी (सीएफईईए) ने इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को वाहनों में आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए नोटिस भेजा है।

बता दें कि परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनियों को सख्त निर्देश दिया है। गडकरी ने वाहन निर्माताओं को एक कड़ा संदेश देते हुए कहा कि वे ऐसे मामलों की जांच एक एक्सपर्ट कमेटी से करवाएंगे और वाहन कंपनियों पर भारी जुर्माना लगाने का निर्देश जारी करेंगे।

करेगी देश में उत्पादन
अब कंपनी देश में ही बैटरी सेल का उत्पादन करने वाली है। जानकारी सामने आ रही है कि कंपनी बैटरी सेल निर्माण के क्षेत्र में कदम रखने की योजना पर काम कर रही है। सॉफ्टबैंक समूह समर्थित कंपनी भारत में 50 गीगावाट घंटे तक की क्षमता वाला बैटरी सेल निर्माण संयंत्र बनाने के लिए कई वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं के साथ बातचीत कर रही है।

अपने व्यापक इलेक्ट्रिकफिकेशन को बढ़ावा देने के हिस्से के रूप में, फर्म की 50 Gwh बैटरी प्लांट के साथ-साथ एडवांस सेल और बैटरी तकनीक वाली कंपनियों में निवेश करने की योजना है। Ola Electric को सालाना एक करोड़ इलेक्ट्रिक स्कूटर चलाने के लिए 40 गीगावॉट की बैटरी क्षमता की जरूरत है।