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अब नहीं लगेगी इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग, कोमाकी ने लाॅन्च की फायरप्रूफ फेरो फॉस्फेट बैटरी
गुरुग्राम आधारित इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कोमाकी ने अपनी इलेक्ट्रिक स्कूटरों को आग से बचाने के लिए एक नया उत्पाद लॉन्च किया है। कंपनी ने अपने इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने से संबंधित कई घटनाओं के बाद, नई लिथियम-आयन फेरो फॉस्फेट (LiFePO4) बैटरी की पेशकश की है। कंपनी का दावा है कि नई फेरो फॉस्फेट बैटरी नियमित लिथियम-आयन बैटरी की तुलना में अधिक आग प्रतिरोधी है।
कोमाकी का कहना है कि LiFePO4 बैटरियों में आयरन होता है जो अत्यधिक तापमान की स्थिति में उन्हें सुरक्षित बनाता है। इन बैटरियों में कम सेल (लगभग एक तिहाई) भी होते हैं जो सीधे बैटरी पैक के अंदर उत्पन्न संचयी गर्मी को कम करते हैं। नियमित बैटरियों की तुलना में, नई फेरो फॉस्फेट बैटरी का 2,500-3,000 चार्ज साइकिल का लंबा जीवन चक्र होता है जो उन्हें अधिक संसाधनपूर्ण बनाता है। कंपनी के मुताबिक इन बैटरियों को एक बार चार्ज करने पर 300 किमी से ज्यादा की रेंज देने का दावा किया गया है।
कोमाकी ने आगे कहा कि बैटरी के लिए एक 'सक्रिय संतुलन तंत्र' भी विकसित किया है। जैसा कि नाम से पता चलता है, यह तंत्र सक्रिय रूप से निश्चित समय पर बैटरी कोशिकाओं को संतुलित करता है। हालांकि, कंपनी ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह प्रक्रिया कैसे काम कैसे करती है।
नई बैटरियों को लॉन्च करने के अलावा, कंपनी ने ग्राहकों को रीयल-टाइम डेटा की सुविधा के लिए ऐप-आधारित सेवा भी पेश की है। इसके अलावा, कंपनी ने हार्डवेयर बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम (बीएमएस) के लिए एक अपडेट भी जारी किया है, जो अब हर सेकेंड बैटरी की स्थिति को पढ़ता और अपडेट करता है।
कोमाकी इलेक्ट्रिक डिवीजन के निदेशक, गुंजन मल्होत्रा ने कहा, "यह सफलता कोमाकी को बाजार में एक विश्वसनीय ब्रांड के रूप में स्थापित करेगी। हमने एक उपयोग में आसान मोबाइल एप्लिकेशन विकसित किया है जो अंतिम उपयोगकर्ताओं और डीलरों को बैटरी स्वास्थ्य के बारे में सूचित करेगा। यह मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) को केंद्रीय स्थान से बैटरी की मरम्मत करने की भी अनुमति देगा। यह बैटरियों के अनावश्यक रूप से चार्ज और डिस्चार्ज होने से बचाएगा जिससे बैटरी को नुकसान से बचाया जा सकता है।"
बता दें कि इस साल की शुरूआत में ओला इलेक्ट्रिक, ओकिनावा, प्योर ईवी, जितेंद्र इलेक्ट्रिक समेत कई कंपनियों के इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने के मामले सामने आए थे। इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने के मामलों की जांच के लिए एक सरकारी कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि आग लगने वाले इलेक्ट्रिक स्कूटरों की बैटरी माॅड्यूल में गड़बड़ी है और इन स्कूटरों में बेहतर बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम नहीं दिया जा रहा है।
सरकार से फटकार के बाद इन कंपनियों ने बाजार से अपनी हजारों खराब इलेक्ट्रिक स्कूटरों को वापस बुला लिया है। इन कंपनियों को सरकार ने तलब करते हुए 'कारण बताओ' नोटिस भी जारी किया है।
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने देश में बढ़ते इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की घटनाओं के बीच उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए लिथियम आयन बैटरी के लिए अब नए प्रदर्शन मानक जारी किए हैं।नई लिथियम बैटरी के मानक के अनुसार अब इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनियों को बैटरी की विश्वसनीयता, चार्जिंग क्षमता, अलग-अलग वातावरण और तापमान में काम करने की क्षमता की जांच के लिए बैटरियों का अलग से परीक्षण करना होगा। नए मानकों में लिथियम-आयन बैटरियों के परीक्षण से संबंधित प्रक्रिया को भी सूचित किया गया है।