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जॉय ई-बाइक्स ने बेचे 4 हजार से ज्यादा इलेक्ट्रिक स्कूटर, अप्रैल 2022 में बिक्री 766% बढ़ी
जॉय ई-बाइक्स की निर्माता, वार्डविजार्ड मोबिलिटी (WardWizard Mobility) ने बीते अप्रैल महीने में 4,087 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री के साथ 766 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कराई है। कंपनी ने अप्रैल 2021 में केवल 472 यूनिट इलेक्ट्रिक स्कूटरों की बिक्री की थी। वाहन निर्माता ने यह भी बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष (2021-2022) में कंपनी ने 30,761 यूनिट इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री की थी। वहीं इस साल मार्च में 5,020 यूनिट्स की सबसे ज्यादा बिक्री दर्ज की गई थी।

WardWizard इनोवेशन एंड मोबिलिटी लिमिटेड ने गुजरात में 500 करोड़ रुपये के निवेश से नया प्लांट लगाने का काम शुरू कर दिया है। कंपनी दो और तीन-पहिया वाहनों के अनुसंधान और विकास में निवेश करने के साथ, अपनी वडोदरा सुविधा में मोटर असेंबली की स्थापना करेगी और कच्चे माल के निर्माण के लिए सहायक उपकरण विकसित करेगी। इस पहल से राज्य में 6,000 से अधिक नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है।

कंपनी द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन में निवेश से उपकरण बनाने वाले स्थानीय वेंडरों को भी बढ़ावा मिलेगा। पेट्रोल वाहनों का बेहतर विकल्प उपलब्ध होने से ग्राहक इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदने के लिए प्रेरित होंगे जिससे मेक-इन-इंडिया के दृष्टिकोण को बढ़ावा मिलेगा।

कंपनी द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन में निवेश से उपकरण बनाने वाले स्थानीय वेंडरों को भी बढ़ावा मिलेगा। पेट्रोल वाहनों का बेहतर विकल्प उपलब्ध होने से ग्राहक इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदने के लिए प्रेरित होंगे जिससे मेक-इन-इंडिया के दृष्टिकोण को बढ़ावा मिलेगा।

केंद्र सरकार के ई-वाहन पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार देश भर में 9.66 लाख इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पंजीकृत हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक और बिहार इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल करने वाले राज्यों में सबसे आगे हैं। केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर जीएसटी दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत और इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जर या चार्जिंग स्टेशनों पर 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।

ऑटोमोबाइल और ऑटो घटकों के लिए घोषित 25,938 करोड़ रुपये के प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना में इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा। यह योजना पांच साल के लिए लागू की गई है।

देश में हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए, केंद्र सरकार ने 2015 में पैन-इंडिया आधार पर भारत में फास्टर मॉडुलेशन ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME) योजना की शुरूआत की थी। वर्तमान में, FAME योजना के दूसरे चरण को 1 अप्रैल, 2019 से पांच साल की अवधि के लिए लागू किया गया है, जिसमें कुल बजटीय सहायता 10,000 करोड़ रुपये है।