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Hero Electric दो साल के भीतर देश में लगाएगी 10,000 ईवी चार्जिंग स्टेशन, जानें क्या है प्लान
भारत की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक दोपहिया कंपनी भारत में 2022 तक 10,000 ईवी चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना करेगी। शुक्रवार को हीरो इलेक्ट्रिक ने दिल्ली आधारित इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग सोलूशन्स स्टार्टअप मैसिव मोबिलिटी (Massive Mobility) के साथ साझेदारी की घोषणा करते हुए इसकी पुष्टि की है। इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर निर्माता का कहना है कि इससे देश में उपलब्ध मौजूदा चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा मिलेगा।
कंपनी ने यह भी बताया कि ये चार्जिंग स्टेशन सभी तरह के इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग के लिए उपलब्ध होंगे और इससे चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का मानकीकरण करने में मदद मिलेगा। हीरो इलेक्ट्रिक का नया ईवी पार्टनर मैसिव मोबिलिटी एक स्टार्टअप है जिसका उद्देश्य 3-व्हीलर और 2-व्हीलर ईवी की सभी चार्जिंग जरूरतों के लिए एक 'स्मार्ट कनेक्टेड नेटवर्क' स्थापित करना है। यह अपने क्लाउड-आधारित समाधानों के माध्यम से ईवी मालिकों को चार्जिंग प्वाइंट और पार्किंग सेवाएं उपलब्ध कराता है।
मैसिव मोबिलिटी का दावा है कि इससे हीरो इलेक्ट्रिक को भारत में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। इस मौके पर हीरो इलेक्ट्रिक के सीईओ सोहिंदर गिल ने कहा "भारत सरकार द्वारा हाल की घोषणाओं ने ईवी उद्योग को अगले स्तर पर ले जाने में मदद की है। हम इलेक्ट्रिक वाहनों के पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत बनाने में मदद कर रहे हैं।"
दोनों कंपनियों ने संयुक्त रूप से अपने चार्जिंग स्टेशनों का उपयोग करके उपभोक्ता व्यवहार को मापने के लिए एक सर्वेक्षण भी किया है। सर्वेक्षण के अनुसार, ज्यादातर ईवी ग्राहक मोबाइल ऐप या इंटरनेट के माध्यम से स्मार्ट चार्जर की तलाश करते हैं। इसके अलावा चार्जिंग के लिए 16 AMP के चार्जिंग पॉइंट और लंबे कॉर्ड की मांग ज्यादा देखी गई।
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सरकार ने की नई पहल
केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए सभी तरह के इलेक्ट्रिक वाहनों को रजिस्ट्रेशन और रिन्यूअल शुल्क से मुक्त कर दिया है। इस फैसले के बाद अब इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाले ग्राहक रजिस्ट्रेशन शुल्क की बचत कर सकते हैं। बता दें कि केंद्र सरकार के साथ कई राज्य सरकारें भी अपनी इलेक्ट्रिक वाहन नीतियों के तहत बैटरी से चलने वाले वाहनों के रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन शुल्क में छूट दे रही हैं।
केंद्र सरकार की तरफ से यह फैसला तब आया है जब देश भर में ईंधन की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। सरकार ईंधन की बढ़ती कीमतों के बीच वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए अधिक लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों पर स्विच करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को प्रोत्साहित करने के लिए बैटरी से चलने वाले सभी वाहनों पर जीएसटी दर (GST Rate) को 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है। इसके अलावा कई राज्य सरकारें भी सब्सिडी और छूट देकर इलेक्ट्रिक वाहनों के उतपादन और बिक्री को प्रोत्साहित कर रही हैं।
बता दें कि हाल ही में केंद्र सरकार ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए 26,000 करोड़ रुपये की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी है। हालांकि, पिछली योजनाओं से अलग इस बार सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर में ध्यान केंद्रित कर रही है। बता दें कि पिछले साल केंद्र सरकार ने ऑटोमोबाइल और कल-पुर्जा क्षेत्र के लिए 57,043 करोड़ रुपये की पीएलआई स्कीम की घोषणा की थी। हालांकि, सरकार ने हाइड्रोजन ईंधन और इलेक्ट्रिक वाहनों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए इस क्षेत्र के लिए योजना को घटाकर 25,938 करोड़ रुपये कर दिया है। यह योजना 5 साल के लिए लागू की गई है।