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देश में गैर ISI मार्क वाले हेलमेट की बिक्री हुई बैन, कानून तोड़ने पर लगेगा तगड़ा जुर्माना
भारत में बिना ISI मार्क वाले नकली और खराब क्वालिटी के हेलमेट की बिक्री को 1 जून से बैन कर दिया गया है। सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने पिछले साल 26 नवंबर को एक अधिसूचना में बताया था कि देश में वाहन चालकों की सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए सरकार नए नियम लागू कर रही है जिसमे अब बगैर ISI मार्क वाले हेलमेट की खरीद-बिक्री गैर कानूनी होगी।
इस अधिसूचना के तहत नए नियम को 1 जून 2021 से लागू कर दिया गया है। बता दें कि अब गैर ISI मार्क वाले हेलमेट की बिक्री करने पर कम से कम 2 साल की जेल और 2 लाख रुपये जुर्माने की सजा हो सकती है। यह नियम गैर ISI मार्क हेलमेट के निर्माता, इम्पोर्टर और विक्रेता पर समान रूप से लागू होगा।
बता दें कि भारत में उत्पादों को ISI सेफ्टी मार्क देने का काम ब्योरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स यानी BIS करती है। यह एक सरकारी संस्था है जो उतपदाओं के लिए सुरक्षा मानक निर्धारित करती है। बीआईएस के द्वारा निर्धारित किये गए स्टैंडर्ड के अनुसार सभी हेलमेट बनाने वाली कंपनियों को सर्टिफिकेशन लेना पड़ता है।
देश में बिक रहे नकली हेलमेट के चलते BIS ने देश की उच्च न्यायालय के समक्ष चिंता जताई थी कि सड़क दुर्घटनाओं की समय गैर ISI मार्क वाले नकली हेलमेट दोपहिया चालक के सर की सुरक्षा नहीं कर पाते। इससे सड़क दुर्घटनाओं में दोपहिया वाहन चालकों की मौत की संख्या में इजाफा हो रहा है।
BIS की अपील पर परिवहन मंत्रालय ने एक सूचना जारी कर गैर ISI हेलमेट की बिक्री को गैरकानूनी करार दे दिया। सरकार के इस फैसले का हेलमेट निर्माताओं ने स्वागत किया है। उनका मानना है कि इससे लोगों में असली और सुरक्षित हेलमेट का उपयोग करने का चलन बढ़ेगा जिससे सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या में कमी आएगी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भारत में 2016 में सड़क हादसों में 3,00,000 लोगों की मौत हुई जिसमें 40 प्रतिशत संख्या उन दोपहिया वाहन चालकों की थी जिन्होंने हेलमेट नहीं पहना था। इसी तरह, 2018 में हेलमेट नहीं पहनकर वाहन चलने पर करीब 43,614 लोगों की मौत हुई।
देश में ISI मार्क हेलमेट को अनिवार्य करना दोपहिया वाहन चालकों की सुरक्षा के लिए उठाया गया एक बड़ा कदम है। इससे देश भर में सड़क हादसों में होने वाली मौतों को कम करने में मदद मिलेगी।