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Two-Wheeler Dealership Banned: रायपुर में हीरो व होंडा के टू-व्हीलर की बिक्री पर लगी रोक
छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग ने डीलरों द्वारा नए मॉडलों का अनुमोदन नहीं लेने पर रायपुर जिले में हीरो मोटरकॉर्प और होंडा दोपहिया वाहनों के एक दर्जन शोरूम द्वारा टू-व्हीलर की बिक्री पर रोक लगा दी है। रायपुर आरटीओ के अनुसार इन वाहन डीलरों ने छत्तीसगढ़ मोटरयान नियम 1994 के नियम 194 (क) के प्रावधानों के तहत राज्य में नए मॉडलों की बिक्री के लिए अनुमति नहीं ली थी।
रायपुर आरटीओ इन डीलरों का पोर्टल बंद करने वाली है जिसके बाद ये डीलर गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाएंगे। विभाग ने फिलहाल इन डीलरों के खिलाफ निलंबन की करवाई की है। यदि डीलर्स मॉडलों को बेचने की अनुमति नहीं लेते हैं तो विभाग इनकी डीलरशिप निरस्त कर सकती है।
रायपुर आरटीओ के अनुसार डीलरों को सभी नए मॉडलों के लिए परिवहन आयुक्त से अनुमोदन प्राप्त करना होगा तभी बिक्री के लिए अनुमति दी जाएगी। ऐसा नहीं करने पर विभाग डीलरशिप का लाइसेंस जब्त कर निलंबन की कार्रवाई कर सकता है।
विभाग ने जारी किया था नोटिस
बता दें कि 24 दिसंबर को परिवहन विभाग ने नोटिस जारी कर टू-व्हीलर्स की बिक्री के संबंध में अप्रूवल लेने से संबंधी स्पष्टीकरण मांगा था। इसके जवाब में डीलर्स ने अलग-अलग जवाब दिया था।
कुछ डीलर्स ने कहा था कि उन्होंने मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत गाड़ियों की बिक्री की अनुमति ले ली है। वहीं कुछ ने कहा कि उन्होंने पूर्व में ही अनुमति ले ली है। कुछ डीलरों ने जल्द ही अनुमति लेने की बात कही थी। इन जवाबों से परिवहन विभाग संतुष्ट नहीं हुआ और अगले आदेश तक लगभग एक दर्जन डीलरों के गाड़ियों की बिक्री करने पर पूरी तरह रोक लगा दी।
क्या है प्रावधान
छत्तीसगढ़ मोटर वाहन नियम के प्रावधान 184-क के अनुसार नवनिर्मित वाहनों के राज्य में विक्रय के लिए वाहन का अनुमोदन परिवहन विभाग से लेना आवश्यक है। नए वाहन की बिक्री के संबंध में सभी डीलरों को वाहन के मेक मॉडल का अनुमोदन प्राप्त करने के बाद ही बिक्री के लिए अनुमति दी गई है।
केंद्र ने जारी किया है नया नियम
इकनोमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार ने पहले ही एक आदेश दिया है कि नए मॉडल की राज्यवार मंजूरी की आवश्यकता नहीं है क्योंकि वे पहले से ही एआरएआई और सक्षम अधिकारियों द्वारा अनुमोदित हैं।
परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा 2017 में जारी किये गए एक सुचना के अनुसार नए मॉडलों की बिक्री के लिए राज्य परिवहन विभाग से अनुमति लेना आवश्यक नहीं है, इन मॉडलों को पहले ही केंद्र सरकार के संस्थानों द्वारा अनुमादित कर दिया जाता है।
इस नोटिस में परिवहन मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र प्रशासित प्रदेशों के परिवहन विभाग से सभी वाहन मॉडलों को निर्बाध्य रूप से अप्रूवल देने का अनुरोध किया है।
नोटिस में बताया गया है कि केंद्रीय मोटर वाहन एक्ट 1989 के नियन 126 में अधिकृत एजेंसियों को वाहन के प्रत्येक मॉडल के टेस्टिंग और अनुमोदन का काम सौंपा गया है।
यही एजेंसियां वाहन के प्रोटोटाइप मॉडल का परीक्षण करती हैं और टाइप अप्रूवल सर्टिफिकेट प्रदान करती हैं। इस मामले पर रायपुर ऑटोमोबाइल डीलर संघ के अध्यक्ष, मनीष राज सिंघानिया ने कहा है कि मंत्रालय के स्पष्ट आदेश के बावजूद छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग का रवैया डीलरों का उत्पीड़न करने वाला है। इससे राज्य परिवहन विभाग के कामकाज पर सवाल खड़ा होता है।