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Suzuki Gixxer Cup — एक रोमांचकारी रेस का अनुभव
सुजुकी इंडिया ने जिक्सर कप की शुरूआत सन 2015 में Gixxer SF मोटरसाइकिल के साथ की थी।
सुजुकी इंडिया ने जिक्सर कप की शुरूआत सन 2015 में Gixxer SF मोटरसाइकिल के साथ की थी। हालांकि भारत में मोटर रेसिंग अभी अन्य देशों के मुकाबले थोड़ा कम प्रचलित है लेकिन जब से इस चैंपियनशिप की शुरूआत हुई तब से देश के कई युवा रेसरों को एक नया प्लेटफार्म मिल गया। इसके अलावा सुजुकी रेड बुल रोड़ कप का भी आयोजन करती है।
ऐसा पहली बार था कि जब सुजुकी इंडिया ने इस रेस के लिए हमें और हमारे मीडिया साथियों को आमंत्रित किया था। इस दौरान ये रेस बहुतों के लिए पहला अनुभव भी था। ये एक तरह का मीडिया इंड्योरेंस रेस था। जिसमें मीडिया के लोगों ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। ये सच है कि नदी की धारा की गति जाननी हो तो आपको नदी में छलांग लगानी ही पड़ती है। ये अनुभव भी कुछ ऐसा ही था।
सुजुकी जिक्सर कप मीडिया इंड्योरेंस रेस बीते 1 और 2 सितंबर को कारी मोटर स्पीडवे कोयम्बटूर में आयोजित किया गया था। आपको बता दें कि, कारी रेस ट्रैक देश की सबसे ज्यादा टेक्निकल रेस ट्रैक है और यहां पर कई ट्रिकी रेस कॉर्नर भी है। जिससे रेसर्स को गाहें बगाहें दो चार होना पड़ता है।
कोयम्बटूर एयरपोर्ट पर उतरने के बाद हम सीधे कारी मोटर स्पीडवे पर पहुंचे जहां पर हमने प्रैक्टिस सेशन और ब्रीफिंग अटेंड की। इस ब्रीफिंग में हमें रेस ट्रैक के नियम कानून और फ्लैग सम्बंधी जानकारी दी गई। जिसके बाद हम 15 मिनट का प्रैक्टिस सेशन दिया गया और फिर हम रेस ट्रैक पर पहुंच गयें। उस दौरान रेस ट्रैक बिलकुल सूखा था और हवा में थोड़ी नमी भी थी। लेकिन हमारे भीतर एक नये अनुभव के लिए जोश और रोमांच खूब भरा हुआ था।
जब पहली बार हमें रेसिंग Suzuki Gixxer SF दी गई उस वक्त सब कुछ बदला हुआ लग रहा था। इस बाइक को पूरी तरह से एक रेसिंग बाइक के तौर पर तैयार किया गया था। बेहतरीन क्लीप हैंडलबार, रेस ट्यून्ड एग्जॉस्ट, परफार्मेंश एयर फिल्टर, कंपाउंड टायर और पिछे की तरफ उठा हुआ रेसिंग सीट हमारें भीतर एक रेसर के जज्बे को मानों जिंदा कर रहा था।
बाइक के हाथ में आने के बाद हमने सबसे पहले रेसिंग ट्रैक और बाइक के तमाम फीचर्स पर गौर किया और बारीकियों को समझने की कोशिश की। इसके बाद हमने उक्त रेसिंग ट्रैक पर तकरीबन 5 लैप्स पूरे कियें जिसके बाद हमारा प्रैक्टिस सेशन खत्म हुआ। जैसा कि हमने आपको पहले बताया कि, ये एक इंड्यूरेंस रेस था इसलिए हर टीम में दो राइडर्स थें।
इसके बाइ रेस टाइमिंग को घटा कर 75 मिनट से 60 मिनट कर दिया गया और सभी राइडर्स को अधिकतम 25 मिनट तक सिंगल स्टींट में बाइक ड्राइव करने की अनुमति दी गई। हालांकि ये 15 से 20 मिनट भी कारी स्पीडवे जैसे चुनौतीपूर्ण रेसिंग ट्रैक पर ड्राइव करने के लिए बहुत मुश्किल भरें थें।
अगले दिन 2 सितंबर को हम सभी सुबह जल्दी उठें और ट्रैक पर पहुंच गयें। जहां पर हमें फाइनल स्ट्रैटजी बनानी थीें और अपने टीम मेंबर्स के साथ आगे की योजना को तय करना था। इस दौरान हमें एक प्रैक्टिस ब्रीफ दिया गया और बॉडी वॉर्म अप कराया गया ताकि रेस के लिए सभी लोग तैयार हो सकें। ये सारी तैयारिंया क्वालीफार्इंग राउंड के लिए हो रही थीं, खैर दो लैप के बाद आखिरकार मैं क्वालिफाई हो सका।
यदि इमानदारी से बात करूं तो क्वालिफाईंग राउंड पूरे रेसिंग सेशन का सबसे मुश्किल भरा समय था। मैनें कई बार रिदम के साथ बाइक को ड्राइव करने के लिए संघर्ष किया इसके अलावा मैं चाहता था कि बिना कोई एक गलती किये मैं रेस को पूरा करूं। हालांकि इस दौरान मेरे बाइक की स्पीड अन्य चालकों के मुकाबले थोड़ी धीमीं थी लेकिन आखिरकार मैं रेस क्वालीफाई करने में कामयाब रहा।
इसके अलावा मेरी टीम का साथी इस क्वालीफाईंग रेस में अव्वल आया और फिर हम दोनों ने मिलकर अपनी योजना बनाई कि मेरे टीम का साथ रेस की शुरूआत करेगा और पहले हॉफ के बाद 20 मिनट तक मैं ड्राइव करूंगा और फिर फाइनल स्टींट के लिए मेरा साथ रेसिंग ट्रैक पर उतरेगा।
खैर हमारी रेस शुरू हुई और हमारे साथ ने हमारी टीम की तरफ से रेस को एक बेहतरीन शुरूआत दी और बिना समय गवायें वो इस रेस में फस्ट हॉफ तक बढ़त बनायें रहें। रेस के लगभग 20 मिनट के बाद मेरे साथी ने मुझे ट्रैक पर आने का इशारा किया और मैं किसी मझे हुए रेसर की तरह अपनी बाइक को लेकर ट्रैक पर कूद पड़ा।
शुरूआती दौर में मुझे खुद को बाइक और ट्रैक के अनुसार ढालना था लेकिन कुछ लैप के पूरे होने के बाद मेरे भीतर भी आत्मविश्वास बढ़ गया और फिर मैं बाइक को एक बेहतर रफ्तार देने लगा। लगभग 15 मिनट के बाद मेरे साथी ने मुझे वापस आने का इशारा किया ताकि वो फाइनल लैप के लिए रेस ट्रैक पर उतर सके। इस दौरान मौसम में काफी नमी थी साथ ही गर्मी होने की वजह से थोड़ी बहुत परेशानी हो रही थी लेकिन किसी तरह मैं बाइक की रफ्तार धीमीं करते हुए अपने साथी के हाथों में ट्रैक की कमान सौंपने के लिए आगे बढ़ा।
फाइनल राउंड के लिए सभी रेसर काफी फुर्ती से अपने साथी रेसर्स से तालमेल बनाते हुए ट्रैक पर बदलाव कर रहे थें। ये सब कुछ काफी तेजी हो रहा था। हर किसी के भीतर रेस को जीतने का जुनून था। मेरे साथ रेसर ने भी तत्काल रेसिंग ट्रैक पर अपनी बाइक उतारी और थोड़ी ही देर में वो हवा से बातें करने लगा। बहरहाल, हमनें अपने 60 सेकेंड में 35 लैप पूरे कर लिये थें। लेकिन इस परिणाम से मैं काफी उत्साहित था जैसा कि ये पहली बार था कि मैं रेसिंग ट्रैक पर उतरा था ये रिजल्ट मेरी आशा से कहीं ज्यादा था।
अंतत: ये एक बेहद ही रोमांचकारी अनुभव था। बिना रेसिंग ट्रैक पर कभी बाइक दौड़ाये इस तरह से किसी रेस का हिस्सा बनना अपने आप में ही काफी रोचक था। Suzuki Gixxer SF के साथ कारी मोटर स्पीडवे ट्रैक पर ये अनुभव कभी न भूलने वाला अहसास दे गया था और हम सुजुकी इंडिया का इस मौके के लिए शुक्रिया अदा करते हैं।
सुजुकी जिक्सर कप मीडिया इंड्यूरेंस रेस पर ड्राइवस्पार्क के विचार:
सुजुकी इंडिया की तरफ से किया जाने वाला ये एक बेहद ही शानदार प्रयास है। इससे देश के कई नये हुनरमंदों को रेसिंग ट्रैक पर उतरने का मौका मिलेगा। इसके अलावा भारत में भी मोटर रेसिंग को लेकर लोगों के भीतर जिज्ञासा और नई उर्जा का संचार होगा। ये रेस पूरी तरह से सफलता का एक नया अध्याय थी और हम आशा करते हैं कि निकट भविष्य में ऐसे ही रोमांचकारी आयोजन होते रहेंगे। बीते कुछ दिनों में भारत में भी मोटर रेसिंग को लेकर लोगों का क्रेज बढ़ रहा है ऐसे में ये काफी जरूरी हो जाता है कि ऐसे हुनरमंदों को बेहतर प्लेटफार्म के साथ ही अन्य सुविधायें भी मुहैया कराई जायें।