जानिए आखिर क्यों पुराने 'बुलेट' मालिक मानते हैं खत्म हो रहा रॉयल एनफील्ड का रूतबा

आज के समय में रॉयल इ​न्फील्ड बुलेट का वो चॉर्म कहीं खो सा गया है जो कभी बीते दौर में हुआ करता था। बिक्री के मामले में नई बुलेट ने चाहे जो किर्तिमान स्थापित किये हों।

एक दौर था जब सड़कों पर गाहें बगाहें रॉयल एनफील्ड बुलेट दिखा करती थी। सड़क किनारे लोग अपने कामों में चाहे कितने भी मशगुल क्यों न हो लेकिन जब वो सीधे दिल की गहराईयों को झकझोरने वाली धमक भरी आवाज कानों में पड़ती थी तो लोगों की निगाहें बरबस ही सड़क पर 'बुलेट' को ढूढ़ने लगती थीं। लेकिन एक आज का दौर है जब बुलेट का वो चॉर्म कहीं खो सा गया है। बिक्री के मामले में नई बुलेट ने चाहे जो किर्तिमान स्थापित किये हों लेकिन अब वो अपने सेग्मेंट में इकलौता होने के उस वजूद की छवी को बचा पाने में नाकामयाब हो रहा है।

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एक तरफ कंपनी अपने बुलेट सीरीज में एक से बढ़कर एक मॉडल को जोड़ने में लगी है, दूसरी ओर कुछ लोगों का ये मानना है कि बुलेट का अब वो मजा नहीं रह गया है। हो सकता है कि ये उनकी व्यक्तिगत राय हो लेकिन कहीं न कहीं ये बात तो जरूर उठी है। कंपनी इस बात पर शायद गौर न करें क्योंकि उनकी निगाहें सेल्स के आंकडों पर ठहरी है और बतौर व्यवसायी ऐसा होना भी चाहिए। लेकिन इसके बावजूद भी ये सवाल अपनी जगह दुरुस्त खड़ा है कि, आखिर क्या कारण है कि बुलेट की चमक और धमक धीमीं पड़ रही है। हमने कुछ कारणों पर विश्लेषण किया है। ये कह पाना थोड़ा मुश्किल होगा कि, आप इन कारणों से कितना राब्ता कर पाते हैं लेकिन हमें यकीन है कि, आप इन कारणों को दरकिनार भी नहीं कर पायेंगे। तो आइये जानते हैं वो 5 कारण जिसके वजह से रॉयल एनफील्ड की छवी थोड़ी धुंधली पड़ रही है -

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1. अब नहीं रहा स्टेट्स सिंबल:

अपने शुरूआती दौर में रॉयल एनफील्ड महज एक मोटरसाइकिल नहीं बल्कि एक स्टेट्स सिंबल हुआ करता था। जिनके दरवाजे पर ये बाइक खड़ी रहती थी उनका रौब ही कुछ और हुआ करता था। इसके अलावा जब बाइक का मालिक इसे लेकर सड़क पर उतरता था तो इसे अपनी उंची शान का तमगा समझता था। उस दौर में ये बाइक कुछ एक लोगों के ही पास हुआ करती थी। इसका एक कारण ये था कि, ये कीमत में उंची थी और इसका माइलेज अन्य बाइकों के मुकाबले काफी कम था। हैवी इंजन क्षमता और अपने बिल्ड के कारण ये काफी भारी भरकम हुआ करती थी। हर कोई इसे चलाने की हिमाकत भी नहीं करता था। पुराने बुलेट में कंपनी अन्य बाइकों से अलग हटकर दाहिनी तरफ गियर लिवर और बांयी तरफ ब्रेक लीवर देती थी। ये भी एक प्रमुख कारण था कि हर कोई इसे आसानी से ड्राइव नहीं कर सकता था। लेकिन ये खूबियां उस दौर की बीती बातों जैसी हो चुकी हैं।

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2. कॉमन बाइकों में हो रही गिनती:

आज रॉयल एनफील्ड बुलेट की गिनती एक आम मोटरसाइकिलों में होती है। सड़कों पर इसकी संख्या में इस कदर बढ़ोत्तरी हुई कि ये ऐसे आम हुई जैसे ठेले पर सजा 'आम'। अब रॉयल एनफील्ड बुलेट किसी के लिए स्टेट्स सिंबल नहीं रही इससे भी महंगी और दमदार इंजन क्षमता की बाइकों ने देश की सड़कों पर कब्जा कर लिया। कुछ पुराने लोगों का मानना है कि, इस बाइक को लोग इसलिए खरीदते थें ताकि ये बहुत कम ही लोगों के पास थी और वो इसे अपना रूतबा मानते थें लेकिन अब ऐसा नहीं है। आज अपनी भारी सेल के कारण ये बाइक एक सामान्य वर्ग के लिए भी आसान बाइक हो गयी है। पुराने दौर में लोगों की वजह से बाइक की पहचान नहीं होती थी बल्कि बुलेट की वजह से व्यक्ति जाना जाता था। क्योंकि एक इलाकों में कुछ गिने चुने ही बुलेट के मालिक थें, लेकिन आज हर गली में बुलेट मालिक मिल जायेंगे।

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3. विशेषताओं में परिवर्तन:

आज के दौर में जो नई रॉयल इनफील्ड बाइक बाजार में बेची जा रही है उसमें और पुराने मॉडल में बहुत फर्क आ चुका है। आज के इस बदलते परिवेश में पुराने ढर्रे पर टिके रहना कंपनी और ग्राहकों दोनों के लिए मुश्किल था। आज जहां पेट्रोल की कीमत में पैसों में बढ़ोत्तरी होने पर लोगों की चीख निकल जाती है, ऐसी परिस्थिती में 30 किलोमीटर प्रतिलीटर का माइलेज देने वाली बुलेट की सवारी करना हाथी पर सवारी करने जैसा था। इसलिए कंपनी ने इस बाइक में तकनीकी बदलाव कियें इसे आधुनिक तकनीकी से लैस करते हुए इसके माइलेज को बेहतर किया। इसके अलावा इसके गियर और ब्रेकिंग लीवर को भी सामान्य मोटरसाइकिलों की तरह कर दिया। वहीं बुलेट को लेकर जो बात सबसे ज्यादा मशहूर थी वो थी इसकी स्टार्टिंग।

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ऐसा कहा जाता था कि, हर कोई बुलेट को असानी से स्टॉर्ट नहीं कर सकता है। ऐसा था भी, क्योंकि पुराने मॉडल में एम्पीयर मिलाने के बाद सही वक्त पर किक मारना होता था तभी बाइक स्टार्ट होती थी। यदि सही वक्त पर किक नहीं मारा गया तो इसके बदले चालक को एक तगड़ा झटका लगता था जो कि काफी तकलीफदेह था। इस वजह से हर कोई इस बाइक को ड्राइव करने की नहीं सोचता था। लेकिन आज के समय में बुलेट में सेल्फ स्टॉर्ट जैसी तकनीकी मौजूद है और इसे कोई अदना सा बच्चा भी स्टॉर्ट करने में हिचकता नहीं है।

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4. हैंड मेड पाटर्स की कमी:

नई रॉयल इनफील्ड को कंपनी ने बेहतर बनाने के लिए इसे पूरी तरह मशीनों के हवाले कर दिया है। अब इस बाइक में कुछ भी हैंड मेड आइटम प्रयोग नहीं किया जाता है। सबकुछ असेंबली प्लांट में मशीनों द्वारा किया जाता है। इसके बहुत से कारण है, एक तो ऐसा करने से बाइक पहले से ज्यादा बेहतरीन फीनिश और उच्च गुणवत्ता वाली हो गई है। इसके अलावा बाइक की बढ़ती मांग को देखते हुए हैंड मेड आइटम का इंतजार नहीं किया जा सकता है। ज्यादा से ज्यादा यूनिट के प्रोडक्शन के लिए मशीनों की मदद लेना एक बड़ी जरूरत बन चुका है। वहीं कुछ पुराने बुलेट सवार को इस बात से भी एतराज है, उनका मानना है कि, ऐसा करने से बुलेट क्वालिटी पहले जितनी नहीं है। हो सकता है कि, ये उनकी रूढ़ीवादी सोच का नतीजा हो लेकिन उनका ऐसा मानना भी बुलेट की छवि को धुंधला कर रहा है। आज की रॉयल इनफील्ड बुलेट में एक भी पार्ट हैंड मेड नहीं है।

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5. खो गया हाई-वे का राजा:

जब तक भारतीय बाजार में 200 सीसी की क्षमता की बाइकें नहीं उतरी थीं उस वक्त तक रॉयल इनफील्ड बुलेट को हाई-वे का राजा माना जाता था। लेकिन इस बदलते परिवेश में सड़कों पर एक से बढ़कर एक हैवी सीसी की इंजन क्षमता वाली बाइकों ने कब्जा कर लिया है। पल्सर 220, केटीएम 390, सुजुकी इंट्रूडर और न जाने कितनी ऐसी बाइकें बाजार में आ गई हैं जो कि बुलेट के लिए कड़ी प्रतिद्वंदी साबित हुई है। हालांकि उनके आने से बुलेट की बिक्री में कोई कमी नहीं आई है, दिगर इसके कंपनी की नई तकनीकी के साथ पेश की गई बुलेट की बिक्री में लगातार इजाफा ही दर्ज किया जा रहा है। लेकिन ऐसे बुलेट शौकीन जो इस बाइक को हाई वे किंग मानते थें वो इससे काफी आहत हुए है। उनका मानना है कि, अब इस बाइक का वो रूतबा नहीं रह गया है। अब आप हाइवे पर बुलेट दौड़ाते हैं तो आपकी बगल से 'भन्न' करती हुई कोई दूसरी स्पोर्ट बाइक आपको ओवरटेक कर देती है। आपको बता दें कि, एक दौर था जब रॉयल एनफील्ड देश की सबसे लोकप्रिय क्रूजर बाइकों में से एक थी, लेकिन आज ग्राहकों के पास बहुत सारे विकल्प उपलब्ध हैं।

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खैर, पुराने विचारों और नई तकनीकी का मेल कभी नहीं हो सका है। ये हमेशा से विवाद का विषय रहा है। भले ही बुलेट को लेकर पुराने लोगों के विचार नकारात्मक हों लेकिन उनकी इस सोच का इस बाइक की बिक्री पर कोई असर नहीं पड़ा है। कंपनी लगातार इसकी बिक्री में बढ़ोत्तरी दर्ज कर रही हैै और हर रोज नये बुलेट मालिक सड़क पर उतर रहे हैं। हमारे इस लेख का उद्देश्य किसी भी बुलेट मालिक के भावनाओं को आहत करना ​कत्तई नहीं है ये कुछ पुराने बुलेट मालिकों के मनोभावों से उपजे अलफाज हैं जिन्हें लेख का रूप दिया गया है।

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Hindi
English summary
The popularity of Royal Enfield motorcycles has soared in the last few years.there is a section of older bikers that feel Royal Enfield (RE) motorcycles have lost their charm. Here are the five reasons due to which they feel so.
 
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