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World's Largest Airplane Test: दुनिया की सबसे बड़ी एयरोप्लेन की दूसरी टेस्ट फ्लाइट हुई पूरी, जानें
दुनिया की सबसे बड़ी एयरोप्लेन बन कर तैयार हो चुकी है और हाल ही में इसकी दूसरी फ्लाइट को टेस्ट किया गया है। दुनिया की सबसे बड़ी एयरोप्लेन स्ट्रेटोलॉन्च आसमान पर करीब 2।5 घंटे तक रही और 14,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ा। स्ट्रेटोलॉन्च में छह बोइंग इंजन लगाये गये हैं, यह 117 मीटर तक चौड़ी है।
बतातें चले कि इससे पहले अमेरिकी सरकार ने अरबपति ने हावर्ड ह्यूज को करीब 700 अमेरिकी सैनिकों को युद्ध में भेजने के लिए बड़े एयरोप्लेन बनाने को कहा था। उस एयरोप्लेन की पंखों की चौड़ाई 97,5 मीटर थी और अब करीब 80 साल बाद उससे बड़े एयरक्राफ्ट को टेस्ट किया गया है।
यह स्ट्रेटोलॉन्च की दूसरी टेस्ट फ्लाइट थी, यह दो बड़े बोइंग प्लेन की तरह लगती है जो कि एक दूसरे के समानांतर उड़ते हैं। हालांकि पुराने प्लेन के मुकाबले इसका उपयोग सैनिक भेजने के लिए नहीं बल्कि ऊँची जगहों से राकेट व स्पेस वाहन भेजने के लिए किया जाएगा।
स्ट्रेटोलॉन्च के टेस्ट के सफल होने पर एक अधिकारी ने कहा कि हाइपरसोनिक बाजार में यह हमारे राष्ट्र की क्षमता को और भी मजबूत करता है। हमारी फ्लाइट हमारे वादे के एक कदम और पास चलाया गया है, जो कि प्रीमियर हाइपरसोनिक फ्लाइट टेस्ट सर्विस डिलीवर करना है।
वहीं इससे पहले दुनिया की सबसे बड़ी एयरक्राफ्ट एच-4 हर्क्युलस सिर्फ 1947 में सिर्फ एक बार सफल उड़ान भर पायी थी और अब इसे आम जनता के देखने के लिए ओरेगन राज्य में बड़े से हैंगर में रखा गया है।
इसमें छह 747-400 इंजन का उपयोग किया गया है और पूरी तरह से कम्पोजिट मटेरियल का उपयोग किया गया है। स्ट्रेटोलॉन्च सिस्टम ने इस टेस्ट फ्लाइट का ट्वीट करके इस टेस्ट का वीडियो भी जारी किया है। कंपनी ने इसे दुनिया की सबसे बड़ी आल कम्पोजिट एयरक्राफ्ट कहा है।
यह एयरक्राफ्ट इतनी बड़ी व मजबूत है कि अन्य वाहनों को ऊपर के वातावरण में ले जाकर स्पेस में छोड़ सकती है। जहां एच-4 हर्क्युलस की लंबाई अमेरिकन फूटबाल फिल्ड जितनी बड़ी थी लेकिन स्ट्रेटोलॉन्च की लंबाई उससे भी बड़ी है।
स्ट्रेटोलॉन्च कंपनी को 2011 में माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर पॉल एलेन द्वारा शुरू किया गया था। कंपनी का मिशन हाई स्ट्रेटोफेरिक प्लेटफॉर्म तैयार करना था जिसकी मदद से सैटेलाइट लॉन्च करना है।