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चीन ने बनाई दुनिया की सबसे तेज ट्रेन, 600 किलोमीटर प्रतिघंटा है रफ्तार
चीन ने मंगलवार को दुनिया की सबसे तेज मैग्लेव ट्रेन की शुरुआत की है। यह ट्रेन 600 किलोमीटर प्रतिघंटा की अधिकतम रफ्तार से पटरी पर दौड़ती है। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, नई मैग्लेव परिवहन प्रणाली की सार्वजनिक तौर पर शुरुआत चीन के तटीय शहर किंगदाओ में हुई है।
इस हाई स्पीड मैग्लेव ट्रेन परियोजना की शुरुआत अक्टूबर, 2016 में हुई थी। एक रिपोर्ट में कहा गया कि 2019 में 600 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की इस ट्रेन का प्रोटोटाइप बनाया गया। इसका सफल परीक्षण जून, 2020 में पूरा किया गया था। इस ट्रेन में 10 डिब्बे लगाए जा सकते हैं। प्रत्येक की क्षमता 100 यात्रियों की होगी।
इस ट्रेन से 1,500 किलोमीटर के दायरे में यात्रा की शुरुआत की जाएगी। परंपरागत ट्रेनों की तरह मैग्लेव रेल के पहिये रेल ट्रैक के संपर्क में नहीं आते जिसके कारण ये तेज गति प्राप्त कर सकते हैं। मैग्लेव ट्रेनें बिजली से बनाने वाले चुंबकीय तरंगों के सहारे पटरियों पर तैरते हुए चलती हैं। ट्रेन और पटरियों के बीच घर्षण न होने के कारण ये काफी तेज गति प्राप्त कर लेती है।
यह ट्रेनें बेहद महंगी होती हैं इसलिए काफी कम देश ही इनका इस्तेमाल कर रहे हैं। इन ट्रेनों का इस्तेमाल करने वालों में चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, फ्रांस और स्पेन जैसे देश शामिल हैं। चीन लगभग दो दशकों से इन ट्रेनों का सीमित पैमाने पर इस्तेमाल कर रहा है।
वर्तमान में, मेगासिटी शंघाई में एक छोटी मैग्लेव लाइन है जो हवाई अड्डे से शहर तक चलती है। वर्तमान में चीन में कोई इंटरसिटी या अंतर-प्रांत मैग्लेव लाइनें नहीं हैं, लेकिन शंघाई और चेंगदू जैसे कुछ शहरों ने अनुसंधान करना शुरू कर दिया है।
चीनी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि मैग्लेव ट्रेन 350 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली देश की मौजूदा हाई-स्पीड ट्रेनों और 800 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ने वाले हवाई जहाजों के बीच "अंतर को भरने" में मदद करेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रेन तकनीकी रूप से ज्यादा उन्नत है। ट्रेन की ब्रेकिंग सिस्टम को कुशल बनाया गया है जिससे ब्रेकिंग दूरी 16 किमी से घटकर 10 किमी हो गई है। इस ट्रेन में यात्रियों के लिए इंटरनेट और वायरलेस चार्जिंग की भी सुविधा उपलब्ध है।
Image Courteys: China Xinhua News And China News