Just In
- 1 hr ago KIA की इस कार को ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट में मिली 5-स्टार रेटिंग्स, भरपूर सुरक्षा सुविधाओं से है लैस
- 4 hrs ago चिलचिलाती गर्मी में लखनऊ ट्रैफिक पुलिस को मिला खास हेलमेट, अब और एक्शन में नजर आएगी पुलिस
- 6 hrs ago 100 साल की उम्र में 50 साल पुरानी विंटेज कार चला रहे हैं केरल के बुजुर्ग, VIDEO देख हैरान रह जाएंगे आप!
- 7 hrs ago नई Bajaj Pulsar 400 का टीज़र जारी, बेहतरीन फीचर्स और पावरफुल इंजन के साथ इस दिन होगी लॉन्च
Don't Miss!
- Education UPSC CSE Result 2023: यूपीएससी सीएसई रिजल्ट में कितने मुस्लिम उम्मीदवार सफल हुए, देखें सूची
- News चुनाव आयोग की बड़ी कार्रवाई, आंध्र प्रदेश के डीजीपी इंटेलिजेंस का किया तबादला
- Movies सीमा हैदर को याद आए पाकिस्तान के वो पुराने दिन, बोलीं- मैं रोती रही लेकिन.. एक रात के लिए भी...
- Lifestyle नींद में आंखे खोलकर बोलते हैं विक्की कौशल, कितना खतरनाक हो सकता है ये स्लीपिंग डिसऑर्डर!
- Technology Realme C65 5G भारत में 10 हजार से कम कीमत में होगा लॉन्च, जानें फीचर्स
- Travel IRCTC का मानसखंड यात्रा टूर पैकेज, देवभूमि उत्तराखंड के ऐतिहासिक मंदिरों में करें दर्शन
- Finance Aadhaar Card: कहीं आपके आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल तो नहीं हुआ, ऐसे करें तुरंत चेक
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
Why School Buses Are Yellow In Colour: स्कूल बसों को पीले रंग से ही क्यों किया जाता है पेंट, जानें वजह
छोटे बच्चों को स्कूल तक ले जाने और घर छोड़ने का काम इन दिनों स्कूल बसों का है। आपने देखा ही होगा कि हर स्कूल बस पर स्कूल का नाम लिखा होता है, लेकिन साथ ही हर स्कूल को येलो कलर का पेंट किया जाता है। कलर का अपना एक अलग महत्व होता है और इसी लिए येलो कलर की स्कूल बस का भी अपना महत्व है।
लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर ज्यादातर स्कूल बसों को येलो कलर का पेंट जॉब क्यों किया जाता है? क्या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण है? आज हम यहां पर आपको इसी सवाल का जवाब देने जा रहे हैं कि सकूल बसों पर येलो कलर क्यों किया जाता है।
हम सभी जानते हैं कि लाल रंग का सफेद प्रकाश के विभिन्न घटकों के बीच अधिकतम तरंग दैर्ध्य लगभग 650 एनएम होता है। यह आसानी से बिखरता नहीं है और बहुत दूर से भी स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। लेकिन लाल रंग को सावधानी से जुड़े संकेतों में इस्तेमाल किया जाता है।
इसलिए स्कूल बस को लाल रंग से रंगना एक अच्छा विकल्प नहीं होगा। अब सवाल यह उठता है कि फिर ज्यादातर स्कूल बसों को पीले रंग से ही क्यों रंगा जाता है? स्कूल बस को पीले रंग से रंगा गया है क्योंकि यह रंग किसी की भी आंखों को जल्दी से आकर्षित करता है।
इस रंग पर किसी भी इंसान का ध्यान तुरंत ही आकर्षित हो जाता है, क्योंकि यह एक विशिष्ट उपस्थिति देता है। यह देखा गया है कि जब हम अपने दैनिक जीवन में रंगों की बात करते हैं तो पीला रंग आंख को सबसे अधिक दिखाई देने वाला रंग होता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि स्कूल बस के पीले रंग को नेशनल स्कूल बस क्रोम येलो के नाम से भी जाना जाता है। दूर से आसानी से दिखने के अलावा स्कूल बस को पीले रंग से पेंट करने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी है, जिसके बारे में जान कर आपको हैरानी होगी।
बता दें कि पीला रंग एक ऐसा रंग है, जिसे हम बारिश, कोहरे और ओस में भी आसानी से देख सकते हैं। यही नहीं जब हम कई रंगों को एक साथ देखते हैं तो पीला रंग ही एक ऐसा रंग है जो सबसे पहले हमारा ध्यान आकर्षित करता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार पीले रंग का लैटरल पैरिफेरल विजन लाल रंग की तुलना में 1.24 गुना अधिक है। इसका मतलब यह है कि बाकी रंगों की तुलना में पीले रंग में 1.24 गुना अधिक आकर्षण है और अन्य सभी रंगों के मुकाबले ज्यादा दृश्यता भी है।
साल 2012 में उच्च न्यायालय ने स्कूलों में कुछ बदलाव करने के लिए दिशा-निर्देश दिए थे। इनमें स्कूल का नाम स्कूल बस पर लिखने, स्कूल बस में प्रधानाचार्य का मोबाइल नंबर होने, स्कूल बस में प्राथमिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होने जैसे अन्य निर्देश जारी किए थे।