Just In
- 14 hrs ago
एक्ट्रेस ने रॉयल एनफील्ड बाइक के साथ शेयर की तस्वीरें, सोशल मीडिया पर हुई वायरल
- 14 hrs ago
Top Car News Of The Week: टॉप कार न्यूज: सिट्रोन सी5 एयरक्रॉस लॉन्च, महिंद्रा एक्सयूवी700, हुंडई अल्काजार पेश
- 15 hrs ago
साइकिलिंग करते हुए मोबाइल फोन चलाने की मिली सजा, वीडियो देख हंसी न छूट जाए तो कहना
- 1 day ago
Car Fire Safety Tips: अगर कार में लग जाए आग, तो ऐसे बचाएं अपनी जान, फाॅलो करें ये टिप्स
Don't Miss!
- Sports
IPL 2021 KKR vs SRH: पांडे-बेयरस्टो पर भारी राणा-त्रिपाठी की पारी, जीत में निभाई अहम भूमिका
- Movies
चुपके चुपके की रिलीज़ के 46 साल पूरे, अमिताभ बच्चन ने शेयर की खास याद
- News
ट्रेन में सफर से पहले कोरोना निगेटिव रिपोर्ट दिखाना होगा? जानिए हर सवाल का जवाब
- Lifestyle
जानिए सी-सेक्शन के कितने समय के बाद महिलाएं कर सकती हैं ड्राइविंग
- Finance
Mutual Fund : इस ट्रिक को अपनाया तो गारंटीड बनेंगे करोड़पति, इतना लगेगा समय
- Education
HBSE 10th 12th Time Table 2021 Revised: हरियाणा बोर्ड 10वीं 12वीं परीक्षा 2021 का समय बदला, जानिए नया टाइम
- Technology
OnePlus Nord का प्री-ऑर्डर अमेज़न पर 15 जून से होगी शुरू; इसको खरीदने वाले पहले बने
- Travel
ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों का संगम : पठानकोट
Why School Buses Are Yellow In Colour: स्कूल बसों को पीले रंग से ही क्यों किया जाता है पेंट, जानें वजह
छोटे बच्चों को स्कूल तक ले जाने और घर छोड़ने का काम इन दिनों स्कूल बसों का है। आपने देखा ही होगा कि हर स्कूल बस पर स्कूल का नाम लिखा होता है, लेकिन साथ ही हर स्कूल को येलो कलर का पेंट किया जाता है। कलर का अपना एक अलग महत्व होता है और इसी लिए येलो कलर की स्कूल बस का भी अपना महत्व है।

लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर ज्यादातर स्कूल बसों को येलो कलर का पेंट जॉब क्यों किया जाता है? क्या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण है? आज हम यहां पर आपको इसी सवाल का जवाब देने जा रहे हैं कि सकूल बसों पर येलो कलर क्यों किया जाता है।

हम सभी जानते हैं कि लाल रंग का सफेद प्रकाश के विभिन्न घटकों के बीच अधिकतम तरंग दैर्ध्य लगभग 650 एनएम होता है। यह आसानी से बिखरता नहीं है और बहुत दूर से भी स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। लेकिन लाल रंग को सावधानी से जुड़े संकेतों में इस्तेमाल किया जाता है।
MOST READ: प्यूजो ने पेश किया अपने इतिहास से प्रेरित नया लोगो, जानें

इसलिए स्कूल बस को लाल रंग से रंगना एक अच्छा विकल्प नहीं होगा। अब सवाल यह उठता है कि फिर ज्यादातर स्कूल बसों को पीले रंग से ही क्यों रंगा जाता है? स्कूल बस को पीले रंग से रंगा गया है क्योंकि यह रंग किसी की भी आंखों को जल्दी से आकर्षित करता है।

इस रंग पर किसी भी इंसान का ध्यान तुरंत ही आकर्षित हो जाता है, क्योंकि यह एक विशिष्ट उपस्थिति देता है। यह देखा गया है कि जब हम अपने दैनिक जीवन में रंगों की बात करते हैं तो पीला रंग आंख को सबसे अधिक दिखाई देने वाला रंग होता है।
MOST READ: रेनॉल्ट ट्राइबर टर्बो की लॉन्च 2022 तक के लिए टली, जानें क्या है वजह

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि स्कूल बस के पीले रंग को नेशनल स्कूल बस क्रोम येलो के नाम से भी जाना जाता है। दूर से आसानी से दिखने के अलावा स्कूल बस को पीले रंग से पेंट करने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी है, जिसके बारे में जान कर आपको हैरानी होगी।

बता दें कि पीला रंग एक ऐसा रंग है, जिसे हम बारिश, कोहरे और ओस में भी आसानी से देख सकते हैं। यही नहीं जब हम कई रंगों को एक साथ देखते हैं तो पीला रंग ही एक ऐसा रंग है जो सबसे पहले हमारा ध्यान आकर्षित करता है।
MOST READ: सिट्रोन ने अब बैंगलोर में खोला अपना पहला डीलरशिप, जानें

वैज्ञानिकों के अनुसार पीले रंग का लैटरल पैरिफेरल विजन लाल रंग की तुलना में 1.24 गुना अधिक है। इसका मतलब यह है कि बाकी रंगों की तुलना में पीले रंग में 1.24 गुना अधिक आकर्षण है और अन्य सभी रंगों के मुकाबले ज्यादा दृश्यता भी है।

साल 2012 में उच्च न्यायालय ने स्कूलों में कुछ बदलाव करने के लिए दिशा-निर्देश दिए थे। इनमें स्कूल का नाम स्कूल बस पर लिखने, स्कूल बस में प्रधानाचार्य का मोबाइल नंबर होने, स्कूल बस में प्राथमिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होने जैसे अन्य निर्देश जारी किए थे।