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सिगरेट पीना बैन, फिर भी एयरोप्लेन में क्यों रखे जाते है एशट्रे? जानें क्या है इसका कारण
दुनिया भर में 2000 का दशक आते आते एयरोप्लेन पर सिगरेट पीन पर पाबंदी लगा दी गयी थी लेकिन इसके बावजूद आज के नए एयरोप्लेन में भी एशट्रे देखनें को मिल जाते हैं। सिगरेट पीने पर बैन होने के बावजूद एयरोप्लेन पर यह एशट्रे क्यों और किसलिए रखें जाते हैं? अज हम आपके लिए इसी सवाल का जवाब लेकर आये हैं कि एयरोप्लेन में एशट्रे रखने का क्या कारण है।
80 के दशक से कई एयरलाइन ने अपने एयरोप्लेन पर सिगरेट पीने पर पाबंदी लगानी शुरू कर दी थी जो कि 2000 तक पूर्ण रूप से बंद हो गयी। अब करीब 20 साल बाद भी प्लेन पर एशट्रे देखनें को मिलता है। अगर आपने कभी यात्रा के दौरान ध्यान दिया होता तो यह एशट्रे आमतौर पर टायलेट के भीतर होते है। लेकिन ऐसा क्यों किया जाता है? आइये जानें...
दरअसल सीधे और साफ शब्दों में कहे तो कुछ लोग अभी नियमों का पालन नहीं करते और एयरोप्लेन में भी सिगरेट पीने लगते है, इससे वह पूरे एयरोप्लेन को खतरे में डाल देते है। ऐसे स्थिति को ध्यान में रखते हुए एशट्रे को रखा जाता है ताकि कोई यात्री नियम को अनदेखा कर एयरोप्लेन के भीतर सिगरेट पीता भी है तो टायलेट, दीवार या फर्श पर डालने से बेहतर एशट्रे में डाला जाए।
एशट्रे को एयरोप्लेन में एक न्यूनतम उपकरण के रूप में देखा जा सकता है ताकि सिगरेट पीने पर केबिन या प्लेन में आग लगने जैसी घटना ना हो और जलते हुए सिगरेट को सही जगह पर बुझाया जा सके। ऐसे में किसी भी प्लेन में एशट्रे को देखकर यह कतई नहीं मानना चाहिए कि उसमें सिगरेट पीने अनुमित है, यह सिर्फ असुविधा से बचने व किसी घटना को रोकने के लिए रखा जाता है।
क्या है प्लेन में स्मोकिंग के नियम?
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एयरक्राफ्ट नियम, 1937 के अनुसार, एयरक्राफ्ट के किसी भी हिस्से में या उसके आसपास, जहां पर भी स्मोकिंग के प्रतिबंध होने की नोटिस दिखे, वहां पर किसी भी व्यक्ति को स्मोकिंग नहीं करनी है। इसके साथ-साथ लैंडिंग, टेक-ऑफ, रिफ्यूलिंग या किसी भी समय जब स्मोकिंग पर प्रतिबंध का नोटिस ना दिखे तब भी स्म्किंग नहीं करनी है।
हालांकि कुछ खास प्लेन जिनको केंद्र सरकार से अनुमति प्राप्त है और स्मोकिंग के अनुसार नियम का पालन किया गया है, उनमें स्मोकिंग की जा सकती है। वहीं केंद्र सरकार एयरोप्लेन कंपनियों को सभी जरूरी स्थानों पर स्मोकिंग प्रतिबंध की नोटिस लगाने को कहती है ताकि किसी भी तरह की दुर्घटना से बचा जा सके।
हाल ही में एक ऐसी ही घटना की वीडियो सामने आई थी जिसमें एक यात्री को प्लेन में स्मोक करते हुए देखा गया था। यह वीडियो उन्होंने खुद बनाकर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पब्लिश की थी। इसकी जानकारी मिलने पर नियमों के अनुसार कार्यवाही करते हुए स्पाइसजेट ने उस यात्री को 15 दिनों के लिए 'नो फ्लाई लिस्ट' में डाल दिया था।
ड्राइवस्पार्क के विचार
एयरोप्लेन पर एशट्रे रखना एक सोचा समझा कदम है और यह किसी भी दुर्घटना की स्थिति में काम आता है। प्लेन में सिगरेट पीने की पाबंदी के बावजूद भी कुछ यात्री इस नियम का उल्लंघन करते है, ऐसे में इस घटना से किसी भी तरह के नुकसान से बचने के लिए ऐसा किया जाता है।