Just In
- 15 hrs ago टोल प्लाजा पर अब नहीं होंगे ये बोर्ड! केंद्र सरकार ने लिया अहम फैसला, जानें डिटेल्स
- 21 hrs ago Bigg Boss फेम आयशा खान ने खरीदी MG की ये धांसू कार, जानें क्या है खासियत?
- 23 hrs ago मामूली सुरक्षा के बावजूद, बिक्री में टॉप है Maruti Suzuki की ये कारें, आपको कौन सी है पसंद?
- 1 day ago 3 घंटे में पूरा होगा 900 KM का सफर, अहमदाबाद से दिल्ली तक चलेगी दूसरी बुलेट ट्रेन, जानें Railways की प्लान
Don't Miss!
- Technology Youtube, UPI पेमेंट सपोर्ट के साथ Itel ने भारत में नया फीचर फोन किया लॉन्च, दाम 1800 रुपये से कम
- Lifestyle नारियल पानी Vs नींबू पानी, गर्मियों में हाइड्रेड रहने के लिए क्या पीना है ज्यादा फायदेमंद?
- News विधानसभा चुनाव 2024: सिक्किम, अरुणाचल में 92 सीटों पर मतदान जारी
- Movies 'स्मार्ट लड़कियों की चॉइस..' बॉयफ्रेंड के साथ नजर आईं स्मृति मंधाना हुईं ट्रोल, लोगों उड़ाया मजाक!
- Education Jharkhand Board 10th Result 2024: कल आयेगा झारखंड बोर्ड 10वीं का परिणाम, कैसे चेक करें JAC Matric Result
- Finance Quarter 4 Result: Bajaj और Infosys ने जारी किया चौथे क्वार्टर का रिजल्ट, दोनों को मिला है बंपर मुनाफा
- Travel बोरिंग जिंदगी से चाहिए ब्रेक तो घूम आएं ये 6 बटरफ्लाई पार्क, जहां फूलों में रंग भरती हैं तितलियां
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
देश के 5 बड़े शहरों में व्हीकल रिसायकलिंग प्लांट खोलेगी यह कंपनी
भारत में वाहन स्क्रैपेज पालिसी लागू होने के बाद अब कई कपनियों ने स्क्रैपिंग फर्म में निवेश करना शुरू कर दिया है। हाल ही में हैदराबाद स्थित रैमकी एनवायरो इंजीनियर्स लिमिटेड (REEL) ने देश के पांच बड़े शहरों में व्हीकल रीसाइकलिंग प्लांट लगाने की घोषणा की है। कंपनी पहले चरण में दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई में रीसाइक्लिंग प्लांट लगाएगी। अगले चरण में, रीसाइकलिंग नेटवर्क पूरे भारत में 25 से ज्यादा स्थानों तक विस्तारित होगा।
कंपनी इस पहल के हिस्से के रूप में यात्री और वाणिज्यिक वाहन दोनों क्षेत्रों में अग्रणी ऑटोमोटिव कंपनियों के साथ साझेदारी करना चाहती है। एक रिपोर्ट के अनुसार देश में 2025 तक लगभग 2 करोड़ से ज्यादा वाहनों की तय समय सीमा समाप्त हो जाएगी। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अगर पुराने वाहनों के लिए स्थायी समाधान नहीं ढूंढा गया तो ये वाहन भविष्य में प्रदूषण का महत्वपूर्ण कारण बनेंगे।
वाहन स्क्रैप कराने पर मिलती है छूट
यूनियन बजट 2021 में पुराने वाहनों के लिए वाहन स्क्रैपिंग नीति की घोषणा की गई थी। इस नीति के तहत देश में प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों का रिकॉर्ड तैयार कर उन्हें हटाया जाएगा। स्क्रैपिंग नीति में पुराना वाहन स्क्रैप कराने वाले वाहन मालिकों को नए वाहन की खरीद पर छूट देने का प्रावधान है। केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक बयान में कहा था कि वाहन स्क्रैपेज पॉलिसी के तहत पुराना वाहन स्क्रैप कराने वाले लोगों को नई कार की कीमत पर 5 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत सरकार पुराने और अधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को चिन्हित कर टैक्स लगा सकती है। बताया जाता है कि पुराने वाहनों के रीसायकल होने के बाद नए वाहन उनकी जगह लेंगे जो ईंधन की अधिक बचत करेंगे साथ ही उत्सर्जन भी कम करेंगे।
स्क्रैपिंग योजना में 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश
स्क्रैपिंग नीति से देश में नए रोजगार भी उत्पन्न होंगे। केंद्र सरकार स्क्रैपिंग नीति के तहत 10,000 करोड़ रुपये का निवेश करने वाली है जिससे 50,000 नौकरियां सृजित होंगी। वाहन स्क्रैपेज पॉलिसी से देश में वाहन निर्माताओं का कारोबार 30 प्रतिशत बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा जो अभी 4.5 लाख करोड़ रुपये का है। वाहन कंपनियों के अलावा स्क्रैप इंडस्ट्री से जुड़े लोगों की भी आमदनी बढ़ेगी।
फ्यूल एफिसिएंट वाहनों के आने से ईंधन की कम खपत होगी जिससे सरकार को तेल आयात भी कम करना पड़ेगा और विदेश मुद्रा भंडार की भी बचत होगी। वाहनों का तय समय पर पॉल्यूशन टेस्ट करवाना अनिवार्य किया गया है। इसके लिए सरकार प्राइवेट पार्टनर्स की मदद से देशभर में स्वचालित टेस्ट सेंटर खोल रही है।
2 करोड़ वाहन हो जाएंगे बेकार
इस नीति के तहत लगभग 2 करोड़ पुराने भारी, मध्यम और हल्के वाहनों को स्क्रैप किया जाएगा। इस नीति के तहत 20 साल से अधिक पुराने 51 लाख हल्के मोटर वाहन, 15 साल से ज्यादा पुराने 34 लाख हल्के मोटर वाहन और 17 लाख से अधिक मध्यम और भारी मोटर वाहन जो 15 साल से अधिक पुराने हैं, उन्हें स्क्रैपिंग के लिए चिन्हित किया गया है।
ऐसे वाहन नए वाहनों के मुकाबले 10-12 गुणा अधिक उत्सर्जन करते हैं। वाहन स्क्रैपिंग से इससे पुराने धातु की रीसाइक्लिंग, वायु प्रदूषण में कमी, वर्तमान वाहनों की अधिक ईंधन दक्षता के कारण तेल आयात में कमी और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।