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नवंबर 2021 में वाहनों का डिस्पैच औंधें मुंह गिरा, कंपनियों ने कम किया उत्पादन
सेमीकंडक्टर चिप की वैश्विक संकट का असर भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर पर भी पड़ा है। चिप की कमी के वाहन निर्माताओं के उत्पादन में कमी दर्ज की गई जिसके चलते कंपनियों ने डीलरों को कम वाहन डिस्पैच किये। पिछले महीने (नवंबर 2021 में) मारुति सुजुकी, हुंडई, होंडा, रेनॉल्ट, किया, एमजी, हीरो मोटोकॉर्प, बजाज, टीवीएस समेत कई कंपनियों के वाहन डिस्पैच में गिरावट दर्ज की गई। वहीं टाटा मोटर्स, महिंद्रा, टोयोटा, फॉक्सवैगन, निसान, स्कोडा और फिएट ने डीलरों को पिछले साल नवंबर के मुकाबले इस साल में ज्यादा वाहन डिस्पैच किये। आइये जानते हैं पिछले महीने भारत में क्या रहा ऑटो सेक्टर का हाल।
नवंबर 2021 में देश की दिग्गज कार निर्माताओं ने डिस्पैच में कटौती की। पिछले महीने डीलरों को भेजी गई कारों के आंकडों की बात करें तो, मारुति सुजुकी ने 1,09,726 यूनिट, हुंडई ने 37,001 यूनिट, टाटा मोटर्स ने 29,778 यूनिट, महिंद्रा ने 19,485 यूनिट, किया ने 14,214 यूनिट, टोयोटा ने 13,002 यूनिट, होंडा ने 5,457 यूनिट, रेनॉल्ट ने 5,052 यूनिट, फॉक्सवैगन ने 3,000 यूनिट, निसान ने 2,651 यूनिट, एमजी ने 2,481 यूनिट, स्कोडा ने 2,196 यूनिट, फिएट ने 1,100 यूनिट और सिट्रोन ने 100 यूनिट कारें डिस्पैच की हैं।
दोपहिया वाहन निर्माताओं की बात करें तो, हीरो मोटोकॉर्प ने देश भर में डीलरों को 3,28,862 यूनिट वाहन डिस्पैच किये हैं। वहीं होंडा 2,56,170 यूनिट, टीवीएस मोटर ने 1,75,940 यूनिट, बजाज 1,44,953 यूनिट और रॉयल एनफील्ड ने 44,930 यूनिट वाहनों को डिस्पैच किया है।
नवंबर 2021 में कमर्शियल वाहनों की डिस्पैच कम हुई है लेकिन कार और मोटरसाइकिल की तुलना में इनके डिस्पैच की स्थिति बेहतर रही। पिछले महीने टाटा मोटर्स ने 28,295 यूनिट, महिंद्रा ने 14,979 यूनिट, अशोक लेलैंड ने 9,364 यूनिट और वीईसीवी ने 3,302 यूनिट का डिस्पैच किया।
पिछले महीने देश की 15 कार कंपनियों ने अपने डीलरों को कुल 2,45,216 वाहनों का डिस्पैच किया जो नवंबर 2020 में भेजे गए 2,86,477 यूनिट के मुकाबले 14.40 फीसदी कम है। वहीं पांच दोपहिया वाहन निर्माताओं ने 9,50,755 मोटरसाइकिल और स्कूटर्स का डिस्पैच किया।
पिछले साल नवंबर में डीलरों को भेजे गए 14.5 लाख यूनिट दोपहिया वाहनों के मुकाबले 36 फीसदी की भारी कमी दर्ज की गई। नवंबर 2021 में कमर्शियल वाहनों का डिस्पैच 3.90 प्रतिशत घटकर 55,940 यूनिट रह गया जो नवंबर 2020 में 58,211 यूनिट था।
देश जहां में यात्री वाहनों की मांग दूसरी कोविड-19 लहर के बाद वापस बढ़ रही थी, वहीं सेमीकंडक्टर की कमी के बीच वाहन निर्माताओं के लिए उत्पादन और आपूर्ति चिंता का विषय बन गया है। सेमीकंडक्टर चिप की कमी एक अभूतपूर्व समस्या के रूप में सामने आई है जिसका कोई समाधान या राहत नहीं है।
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता मारुति सुजुकी ने सेमीकंडक्टर की कमी के चलते दिसंबर के उत्पादन में भी कमी की चिंता जताई है। मारुति सुजुकी ने आशंका जताई है कि उसके हरियाणा और गुजरात प्लांट में इस कैलेंडर वर्ष में उत्पादन प्रभावित रहेगा। कंपनी ने बताया गया है कि वह अगले महीने (दिसंबर में) उत्पादन के 80 से 85 फीसदी के बीच होने की उम्मीद कर रही है।
मारुति सुजुकी ने पहले कहा था कि चिप की कमी के चलते उत्पादन बाधित है इसलिए डिलीवरी की समय-सीमा को आगे बढ़ाने के लिए कंपनी मजबूर है। वहीं कंपनी ने यह भी कहा था कि ग्राहकों का इंतजार लंबा न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
बता दें कि वाहन कंपनियों के लिए नया साल भी चुनौतीपूर्ण रहने वाला है। जानकारों का मानना है कि 2022 में पूरे साल चिप की वैश्विक कमी जारी रहेगी। विशेषज्ञों का यह भी अनुमान है कि अगर कोविड-19 वायरस का नया संस्करण भारत में दस्तक देता है, तो यह मोटर वाहन क्षेत्र के लिए एक और मुसीबत लेकर आएगा। मारुति ने सितंबर में 40 फीसदी, अक्टूबर में 60 फीसदी जबकि नवंबर में 85 फीसदी उत्पादन लक्ष्य हासिल किया है।