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हिंदुस्तान एम्बेसडर को रिप्लेस कर BMW 7-सीरिज लाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी ही थे
भारत के पुर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का 93 साल की उम्र में निधन हो गया है। गुरुवार, 16 अगस्त 2018 को शाम पांच बजकर पांच मिनट पर दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) में उन्होंने अंतिम सांस ली है। उनके निधन से पुरे देश में शोक की लहर है और एक सप्ताह के लिए राजकीय शोक की घोषणा कर दी गई है। अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे, लेकिन इसमें उनका तीसरा और अंतिम कार्यकाल ही पांच साल का था , शुरुआती दो में वो महज 13 दिन और 13 महिने के लिए ही प्रधानमंत्री बने थे। अपने इस कार्यकाल में उन्होंने देश को काफी कुछ दिया है। लेकिन क्या आपको पता है कि अटल बिहारी वाजपेयी ही भारत के पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने जमाने से प्रधानमंत्रियों की आधिकारिक कार रही हिंदुस्तान एम्बेसडर को रिप्लेस कर BMW 7-सीरिज लाए थे।
हिंदुस्तान एम्बेसडर को बदलने का निर्णय प्रधानमंत्री के सुरक्षा एजेंसियों ने लिया था। उस समय जब लोगों ने सरकार को बताया कि किस तरह BMW 7-सीरिज प्रधानमंत्री की मौजूदा सवारी हिंदुस्तान एम्बेसडर से ज्यादा सुरक्षित है तो सुरक्षा एजेंसियों ने BMW 7-सीरिज की जांच पड़ताल कर कुछ एडिशनल फीचर्स जुड़वाए और उसे प्रधानमंत्री के बेड़े में शामिल कर दिया। उसके बाद प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी उसी कार से चलने लगे।
प्रधानमंत्री की कार होने के नाते स्वाभाविक तौर पर उसमें सेफ्टी के अतिरिक्त इंतजाम किये गए और कुछ एडिशनल फीचर्स भी जोडे़ गए थे। जैसे की प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के लिए लाई गई BMW 7-सीरिज को पुरी तरह से बुलेटप्रूफ बनाया गया। इसके अलावा इसमें इलेक्ट्रिक सिक्योरिटी गैजेट्स ईत्यादि लगाए गए थे।
BMW 7-सीरिज में जैमर डिवाइस के साथ-साथ ही बेहद दमदार 8-सिलिंडर इंजन लगा था जो कि आपातकाल के समय तेजी से पिकअप करने में सक्षम होती। इसके अलावा BMW 7-सीरिज पर बॉम्ब, गोली और पॉइज़न गैस ईत्यादि का भी कोई असर नहीं होता था।
BMW 7-सीरिज के पावर स्पेसिफिकेशन की बात करें तो ये दो वेरिएंट में उपलब्ध है। एक में 3.0 लीटर ट्विन टर्बो इंजन लगा है जो कि अधिकतम 326 बीएचपी की पावर और 450 न्यूटन मीटर का टॉर्क जेनरेट करता है। वहीं इसके दुसरे वेरिएंट में भी 3.0-लीटर ट्विन टर्बो यूनिट लगा है लेकिन ये पावर आउटपुट अलग देता है। ये यूनटि 265 बीएचपी की पावर और 620 न्यटन मीटर का टॉर्क जेनरेट करता है।
वहीं बात अगर हिंदुस्तान एम्बेसडर की करें तो ये भारत में नेताओं की पसंदीदा कार रही है। इसका प्रोडक्शन भारत में भले ही बंद कर दिया गया हो, लेकिन इसके चाहने वाले आपको आसानी से मिल जाएंगे। एक समय था जब देश के प्रधानमंत्री भी इसी कार से चलते थे, लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री बनने के बाद इसकी जगह BMW 7-सीरीज ने ले ली। लेकिन उसके बाद भी मंत्री और नेता इसका लगातार उपयोग करते रहे।
सरकारी एम्बेसडर ज़्यादातर पेट्रोल वेरिएंट्स थीं जिनमें Isuzu 1.8-लीटर, नैचुरली-एस्पिरेटेड, 4-सिलिंडर पेट्रोल इंजन लगा था जो कि अधिक्तम 75 बीएचपी और 135 एनएम टॉर्क उत्पन्न करता था।
ये कार काफी भारी थी और इसका वज़न 1,100 किलोग्राम था। एम्बेसडर 1958 से 2014 तक बिकी थी। ये कार यूनाइटेड किंगडम के मॉरिस मोटर लिमिटेड की मॉरिस ऑक्सफोर्ड सीरीज़ 3 पर आधारित थी। भारत में लॉन्च की गई एम्बेसडर दरअसल हिंदुस्तान लैंडमास्टर की उत्तराधिकारी थी जो खुद ऑक्सफोर्ड सिरिज II का रीबैज्ड वर्जन थी।
हालांकि एम्बेसडर बनाने वाली कंपनी ने इसे बेच दिया है। प्रसिद्ध एम्बेसडर ब्रांड को पॉइजोट के रूप में नया मालिक मिल गया। हिंदुस्तान मोटर्स ने इस ब्रांड को यूरोपीय वाहन कंपनी पॉइजोट को 80 करोड़ रुपए में बेचा है।
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