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अमेरिका जैसी होंगी उत्तर प्रदेश की सड़कें, राजमार्ग परियोजनाओं में खर्च होंगे 5 लाख करोड़ रुपये
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि वे उत्तर प्रदेश की सड़कों को अमेरिका के जैसी बनाएंगे। गडकरी ने मिर्जापुर में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन करने के एक कार्यक्रम में कहा कि परिवहन मंत्रालय ने राज्य में सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने के लिए 5 लाख करोड़ रुपये का खर्च करने की योजना तैयार की है। उन्होंने कहा कि इस राशि से उत्तर प्रदेश की सड़कों के आधारभूत संरचना में सुधार किया जाएगा जिससे यहां की सड़कें अमेरिका की सड़कों के जैसी बेहतर बनाई जाएंगी।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यूपी के जौनपुर और मिर्जापुर को जोड़ने वाले 232 किलोमीटर लंबे हाईवे परियोजना की आधारशिला रखी। इस हाईवे को 4,160 करोड़ रुपये के खर्च से बनाया जा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य में विकास की गति को बढ़ाने के लिए सड़क परियोजनाएं महत्वपूर्ण हैं। माल की तेज और सुरक्षित आवाजाही के वादे के साथ, मंत्री ने राज्य के सभी हिस्सों को जोड़ने के लिए बेहतर सड़क बुनियादी ढांचे की आवश्यकता को रेखांकित किया।
इस महीने की शुरुआत में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा एक्सप्रेसवे की आधारशिला रखी थी, जो 594 किलोमीटर में फैला है और इसे 36,200 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा। पीएम मोदी ने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का भी उद्घाटन किया था, जो अब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों तक कई पूर्वी जिलों में यात्रा के समय में कटौती करता है।
बता दें कि नितिन गडकरी ने राज्यसभा में कहा था कि देश में नवंबर 2021 तक राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 1,40,937 किमी है। उन्होंने कहा कि भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई अप्रैल 2014 में लगभग 91,287 किमी से बढ़कर इस साल नवंबर के अंत तक लगभग 1,40,937 किमी हो गई है।
आंकड़ों को साझा करते हुए गडकरी ने कहा था कि 2014-15 से इस साल नवंबर के अंत तक, लगभग 82,058 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का आवंटन किया गया, जबकि इसी अवधि के दौरान लगभग 68,068 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण किया गया है।
उन्होंने राज्यसभा में कहा कि लगभग 1,13,000 करोड़ की लागत से 4,970 किलोमीटर में फैली 49 परियोजनाएं वर्तमान में प्रगति के विभिन्न चरणों में हैं और इन्हें 2023-24 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
गडकरी ने आगे कहा कि परिवहन मंत्रालय ने लगभग 3.6 लाख करोड़ के कुल निवेश के लिए अतिरिक्त 27 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे या एक्सेस-नियंत्रित राजमार्गों की अवधारणा शुरू की है।
वहीं फास्टफ के बारे में बताते हुए गडकरी ने कहा कि इस साल 11 दिसंबर तक, FASTag के माध्यम से कुल टोल प्लाजा शुल्क का लगभग 96-97 प्रतिशत एकत्र किया जाता है। वर्ष 2020-21 में, भारत भर में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के टोल प्लाजा पर 2020-21 में 27,744.15 करोड़ रुपये का टोल शुल्क एकत्र किया गया था।
देश में यात्रा में लगने वाले समय को कम करने के लिए परिवहन मंत्री नितिन गडकरी हाईवे पर वाहनों की रफ्तार को बढ़ाने पर भी विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि वे जल्द ही हाईवे और एक्सप्रेसवे पर स्पीड लिमिट को बढ़ाने के लिए संसद में बिल पेश करेंगे।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वर्तमान में देश, प्रदूषण और अर्थव्यस्था की वजह से परेशानियों से गुजर रहा है। उन्होंने बताया कि पेट्रोलियम पर भारत सरकार का इम्पोर्ट बिल फिलहाल 8 लाख करोड़ रुपये सालाना है जो पांच साल के भीतर बढ़कर 25 करोड़ रुपये हो जाएगा। हम पेट्रोल और डीजल वाहनों के इस्तेमाल से प्रदूषण को बढ़ा रहे हैं जिससे हमें बचने की जरूरत है।