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Types Of Ambulance: कोविड मरीज के लिए कितने प्रकार के एम्बुलेंस है उपलब्ध, जानें विस्तार से
देश में कोविड के दूसरे लहर के दौरान एम्बुलेंस की मांग में भारी वृद्धि दर्ज की गयी है, बतातें चले कि 15 प्रतिशत से अधिक कोरोना मरीजों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ रहा है। ऐसे में हम एम्बुलेंस के प्रकार व उससे जुड़ी जानकारी लेकर आये हैं ताकि अगली बार इस तरह की स्थिति का सामना करे तो आपको यह जानकारी रहे कि किस तरह का एम्बुलेंस बुलाना चाहिए।
भारत में आमतौर पर इमरजेंसी एम्बुलेंस का उपयोग किया जाता है, सरकारी हेल्पलाइन नंबर 108 में कॉल करने पर अस्पताल ले जाने के लिए इसी एम्बुलेंस का इस्तेमाल किया जाता है। जिसमें ऑक्सीजन सप्लाई के साथ स्टाफ भी आता है। यह सर्विस रोड वैन से लेकर बोट, हेलिकॉप्टर के रूप में भी उपलब्ध है।
वहीं खासकर कोविड के समय में एम्बुलेंस वेंटिलेटर की मांग में भारी वृद्धि हुई है। हालांकि सिर्फ कुछ चुनिंदा अपस्ताल ही इसका उपयोग करते हैं क्योकि यह बहुत महंगी होती है और आम लोगों की पहुँच से बाहर होती है। इसमें पूरी तरह आईसीयू बैकअप होता है और एडवांस लाइफ सपोर्ट से जुड़ी सभी उपकरण होते हैं।
डॉक्टर्स का कहना है कि कोरोना के मरीजों के लिए इमरजेंसी एम्बुलेंस सबसे उपयुक्त होता है। हालांकि अगर आप किसी प्राइवेट जगह से एम्बुलेंस मंगवा रहे हैं तो पहले से ही ऑक्सीजन की उपलब्धता की जांच कर ले। वहीं अगर मरीज पहले से ही ऑक्सीजन सपोर्ट में हैं तो आप वैन एम्बुलेंस या कार एम्बुलेंस को भी बुला सकते हैं।
वैसे तो एम्बुलेंस सर्विस कई प्रकार के होते हैं लेकिन भारत में आमतौर पर छह प्रकार के एम्बुलेंस का उपयोग किया जाता है। पहला तो सामान्य एम्बुलेंस होता है जिसे मरीज के दो तीन बीमार होने पर बुलाया जाता है। इसे बुलाने का मकसद मरीज को जल्दी से अस्पताल पहुंचाना होता है।
दूसरा प्रकार का एम्बुलेंस एडवांस एम्बुलेंस होता है जिसे इमरजेंसी एम्बुलेंस कहा जाता है। इसकी मांग में भारी वृद्धि हुई है, इनमें सभी आधुनिक मेडिकल उपकरण दिया जाता है जिसमें ऑक्सीजन भी शामिल है, ऐसा इसलिए ताकि मरीज का उपचार जल्द से जल्द शुरू किया जा सके।
तीसरे प्रकार का एम्बुलेंस मोर्चुरी एम्बुलेंस कहलाता है जिसमें मरीज के शव को ले जाने का काम किया जाता है। इसके अलावा अब एक नए प्रकार का एम्बुलेंस आया है जिसका उपयोग नये जन्में बच्चों के लिए किया जाता है, जिसमें बच्चों के इलाज के लिए सभी सुविधाएं होती है।
इसके बाद पांचवें प्रकार का एम्बुलेंस वह होता है जिसमें मरीज को एक जगह से दूसरे जगह ले जाने का काम किया जाता है, इसमें उसके इलाज से जुड़ी सुविधाओं का ध्यान रखा जाता है ताकि ट्रांसपोर्ट के दौरान कोई समस्या ना आये। यह अलग-अलग मरीजों के लिए अलग हो सकता है।
छठवें प्रकार का एम्बुलेंस एयर एम्बुलेंस होता है जिसमें आमतौर पर मरीज को एक शहर/देश से दूसरे शहर/देश ले जाया जाता है। वैसे तो सामान्य मरीज को अस्पताल पहुंचाने के लिए किया अन्य वाहन का भी उपयोग किया जाता है लेकिन एम्बुलेंस एक खास तरह के वाहन होते हैं।
एम्बुलेंस को किसी भी तरह के रेड सिग्नल पर नहीं रुकना होता है, साथ ही सड़क पर इस वाहन को जल्दी रास्ता मिलता है। वैसे तो बहुत से लोग एम्बुलेंस की कमी की वजह से अपने कार में ही अस्पताल ले जाते हैं, लेकिन यह बहुत ही रिस्क भरा हो सकता है और ऐसा करने से बचने की सलाह देते हैं।