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मोटर व्हीकल एक्ट के विरोध में देश भर में ट्रक ड्राइवर 19 सितंबर को करेंगे हड़ताल
भारत में मोटर व्हीकल एक्ट को लागू हुए पंद्रह दिनों से अधिक का समय हो गया है। इस एक्ट के लागू होने के बाद से ही यह लोगों के बीच चर्चा के विषय बना हुआ है। सरकार ने नए मोटर व्हीकल एक्ट में कई संसोधन किए है।
इन संसोधन की वजह से यातायात कानून का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों पर भारी जुर्माना लगाया जा रहा है। इसे लेकर देश भर में विवाद भी उत्पन्न हो चुका है। कई लोगों ने इस एक्ट को लेकर सरकार को विरोध किया है।
वहीं कई जगहों से पुलिस और आम जनता के बीच मुठभेड़ की भी खबरें आई है। इसे देखते कुछ राज्यों में नए मोटर व्हीकल एक्टो को कुछ समय के लिए रोक लगा दिया गया है। सरकार ने पुलिस कर्मियों को यह निर्देशित किया है कि वे अपने नागरिकों के बीच नए यातायात नियमों को लेकर जागरूकता अभियान चालाएं।
वहीं कुछ राज्यों ने इस कानून को लागू करने से ही मना कर दिया है। इनमें पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों का नाम शामिल है। इसके साथ ही गुजरात में जुर्माने की राशि को घटाकर आधी कर दी गई है।
लेकिन दूसरी ओर इस एक्ट को लेकर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। पिछले कुछ दिनों में लाखों रुपयें तक के भारी जुर्माना वाहन मालिकों पर किया गया है। इनमें ट्रक मालिकों की भी अच्छी संख्या है।
आपको बता दें कि हाल ही में ओडिशा में एक ट्रक पर 6.50 लाख रुपयें का जुर्माना लगाया गया है। खबरों की माने तो यह अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना है। इस तरह के भारी जुर्माने को लेकर वाहन मालिकों में आक्रोश भी उत्पन्न हुआ है। कई जगह लोगों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है।
अभी प्राप्त खबरों के अनुसार 19 सितंबर को ट्रक संघ ने देश भर में हड़ताल पर जाने की घोषणा की है। यह घोषणा अखिल भारतीय ट्रक संघ द्वारा की गई है। इस हड़ताल का मकसद केंद्र सरकार को यातायात उल्लंघन के लिए जुर्माना की राशि को वापस लेने की मांग के लिए है।
रविवार को मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, स्टेट लॉरी ओनर्स फेडरेशन-तमिलनाडु के अध्यक्ष एम आर कुमारसामी ने कहा कि सभी ट्रक मालिक हाल के यातायात उल्लंघन जुर्माना राशि से अधिक प्रभावित हुए हैं।
"हम पहले से ही विभिन्न कारणों से व्यापार करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जिसमें डीजल मूल्य वृद्धि, टायर और अन्य घटकों की दर में वृद्धि शामिल है," इसके बाद नए नियम हमारे लिए किसी मुसीबत से कम नहीं है। सरकार को समझना चाहिए कि भारी जुर्माना वसूलने से ट्रक चालकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।"
वहीं केंद्र सरकार से अपने फैसले को वापस लेने की मांग करते हुए हाल ही में एक पत्र लिखा गया है। यह पत्र ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने लिखा है। इस पत्र में यह साफ किया गया है कि मांगें पूरी न होने पर देश भर में ट्रक चालक हड़ताल पर जा सकते है।
हालांकि अभी इसपर केंद्र सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।इसलिए ट्रक ड्राइवरों के महासंघ ने पूरे भारत में एक दिन की हड़ताल करने का फैसला किया है। इस पर अधिक जानकारी देते हुए कुमारसामी ने कहा, "19 सितंबर को कुल 4.5 लाख ट्रकों का परिचालन नहीं किया जाएगा।"
इसके साथ ही ट्रक चालकों ने केंद्र सरकार से टोल-प्लाजा दर, डीजल दर और तीसरे पक्ष के बीमा प्रीमियम को कम करने की भी मांग की है। अगर देश भर में एक दिन के लिए भी ट्रक चालकों द्वारा हड़ताल किया जाता है, तो इससे आम लोगों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा। साथ ही कई जरूरी चोजों की मूल्य में बी बढ़ोत्तरी हो सकती है।