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बिहार के सभी सर्वजनिक वाहनों में लगाए जाएंगे ट्रैंकिग डिवाइस और पैनिक बटन
बिहार से एक खबर आ रही है। बिहार परिवहन विभाग सार्वजनिक वाहनों में वीएलटी (व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस) और पैनिक बटन लगाने जा रहा है। यह पूरा कार्य वर्ष 2019 के अंत तक कर लिया जाएगा। सभी वाहनों में ट्रैकिंग डिवाइस और पैनिक बटन को यात्रियों के पहुंच के नजदीक लगाया जाएगा।
इसके लिए बिहार परिवहन विभाग जल्द ही एक अधिसूचना जारी कर ट्रैकिंग डिवाइस और पैनिक बटन को सभी वाहनों के लिए अनिवार्य घोषित करेगा। यह दोनों डिवाइस सभी कमर्शियल और सार्वजनिक वाहनों में लगाई जाएंगी। हालांकी इसे लागू करने की सभी संरचना को पिछले वर्ष अक्टूबर में ही तैयार कर लिया गया था।
लेकिन इसे पूरी तरह से लागू वर्ष 2019 के अंत तक कर लिया जाएगा। इस पर 22 जून को सड़क परिवहन विभाग के अधिकारी और डिवाइस निर्माताओं के बीच बैठक भी हुई है, जिसमें ट्रैकिंग डिवाइस और पैनिक बटन की कार्यप्रणाली और इसकी उपयोगिता पर चर्चा किया गया है।
बिहार परिवहन विभाग के सेक्रेट्ररी संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि वीएलटी और पैनिट बटन के निर्माताओं ने इसकी उपयोगिता, काम करने के तरीके को हमारे समक्ष प्रदर्शित किया है। हम इस पर विचार कर रहे है। बिहार गृह विभाग और प्राइवेट एजेंसियों के माध्यम से हम जल्द ही लिस्ट और कंमाड सेंटर का निर्माण कर लेंगे। जिसके बारे में सभी वाहन मालिकों को सूचित कर दिया जाएगा।
उन्होंने यह भी बतलाया कि इस तकनीक की मदद से सभी वीएलटी डिवाइस की जानकारी को निर्माताओं द्वारा वाहन डाटाबेस ऐप में अपलोड कर दिया जाएगा। इससे यह और भी ज्यादा सुरक्षित तरीके से उपयोग की जा सकती है।
प्रत्येक डिवाइस में जीपीएस ट्रैकिंग उपलब्ध होगा। जिससे अगर कोई व्यक्ति डिवाइस पर पैनिक बटन दबाता है, तो इसकी सूचना तुरंत ही कमांड सेंटर और नियंत्रण केंद्रों तक पहुंच जाएगी और उस व्यक्ति तक तुरंत मदद पहुंचा दी जाएगी।
परिवहन सेक्रेट्ररी ने यह भी कहा कि स्कूली बसों और निजी कैब सहित सभी बसों में 2019 के अंत तक वीएलटी डिवाइस लगाना होगा, जबकि अधिसूचना जारी होते ही नए वाहन इस डिवाइस के साथ ही उपलब्ध होंगे। "साथ ही वाहनों में पैनिक बटन को इस तरह से फिट किया जाएगा कि हर यात्री की पहुंच इस पर हो।"
उन्होंने कहा, "बसों में, आपातकालीन बटन आसानी से दिखाई देने वाले स्थानों पर लगाए जाएंगे और दोनों तरफ के सभी यात्रियों के पहुंच में होंगे। महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों के लिए, प्रत्येक पंक्ति के लिए एक अलग से पैनिक बटन होगा।"
यह सभी डिवाइस बिहार राज्य के सभी सार्वजनिक वाहनों में लगाए जाएंगे। अगर बिहार राज्य में वाहनों की संख्या पर बात करे तो वाहन विभाग के सूत्रों के अनुसार राज्य में लगभग 1.5 लाख बसें और निजी कैब हैं।
वही निजी कैब में सभी वाहनों की यात्री पंक्ति के नजदीक एक आपाताकालीन बटन होगा, जिसकी पहुंच सभी यात्रियों तक हो सके, इसका ध्यान रखना अनिवार्य है। साथ ही ड्राइवर पंक्ति में भी अलग से एक आपातकालीन बटन होगा।
परिवहन विभाग के सेक्रेट्ररी ने यह भी बतलाया कि वीएलटी डिवाइस निर्माताओं को एमओआरटीएच की अधिसूचना के तहत प्रत्येक डिवाइस का परीक्षण करवाना होगा। सभी डिवाइस का परीक्षण केंद्रीय वाहन मोटर नियम 1989 के निर्देशों के अनुसार किया जाएगा।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पूर्व ऐसा ही एक फैसला मध्य प्रदेश सरकार ने भी लिया था। वहां भी सरकार की योजना कमर्शियल वाहनों में जीपीएस आधारित ट्रैकिंग डिवाइस और पैनिक बटन लगाने की है, जो राज्य के सभी बस और टैक्सी में लगाए जाएंगे।