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टॉप 10 कार के आग पकड़ने के कारण
आग एक चीज़ है जिसके कारण गंभीर नुकसान हो सकता है। चाहे वह घर हो या ऑटोमोबाइल। कभी कभी गाड़ियों में भी आग लग सकती है, परन्तु जब तक यह महसूस होता है अक्सर तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
ऑटोमोबाइल आग लगने में बहुत प्रवण होते हैं। इनमें बहुत सारे इलेक्ट्रिकल्स और तरल पदार्थ होते हैं तथा कार बनाने में उपयोग में लाये जाने वाले घटक भी आग लगने का कारण बन सकते हैं।
आज हमारी टॉप 10 लिस्ट में हमने 10 कारण बताए हैं जिनके कारण आपके प्रिय वाहन में आग लग सकती है।
हालाँकि बीमा कंपनियां आपकी सहायता करने में समर्थ होती हैं परन्तु बाद में पछताने से अच्छा है कि पहले ही सावधानी बरती जाए।
इन साधारण बातों को ध्यान में रखकर आप अपनी और अन्य लोगों की महत्वपूर्ण ज़िन्दगी बचा सकते हैं।
कहानी अगले भाग में जारी रहेगी। अधिक जानकारी के लिए स्लाइड्स पर क्लिक करें:
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10. डिज़ाइन दोष:
यह दुर्लभ होता है परन्तु वाहन में आग लगने का यह भी एक कारण हो सकता है। संभव है कि कार निर्माता स्वयं ही कभी कभी इसमें कुछ गलत करते हैं। जिन कारों में इस प्रकार के मामले आते हैं उन्हें कंपनी द्वारा जल्द से जल्द सुधारा जाता है। जिन वाहनों को इस प्रकार का ख़तरा होता है तो किसी के गंभीर रूप से घायल होने के पहले कंपनी द्वारा उस वाहन को रिकॉल कर लिया जाता है।
9. रखरखाव में कमी:
वाहन के रखरखाव में कमी भी एक अन्य कारण है जिसके कारण आपके वाहन में आग लग सकती है। नियमित अंतराल पर वाहनों की जांच और सर्विसिंग करवाना आवश्यक होता है। प्रत्येक वाहन का सेवा अंतराल अलग होता है जो निर्माता द्वारा सेट किया हुआ होता है।
8. क्रैशेस:
एक बहुत ही ख़तरनाक कारण। जब कार का एक्सीडेंट होता है तो इसके कारण फ्यूल टैंक या कार का अन्य कोई हिस्सा पंक्चर हो सकता है जिसके कारण तुरंत आग लग सकती है। फ्यूल का लीक होना या वायर का शॉर्ट होना आग लगने का प्रमुख कारण है।
7. बाज़ार में मिलने वाली एसेसरीज़:
कई कार निर्माता किसी कारण से बाज़ार में मिलने वाली एसेसरीज़ की सिफारिश नहीं करते। इनमें से कई एसेसरीज़ वाहन की मूल वायरिंग से इलेक्ट्रिसिटी खींचती हैं जो पूरी तरह से अलग उद्देश्य से बनाई गयी होती हैं। वे अलग फ्यूज़ क्षमता पर काम करते हैं या ऐसा हो सकता है कि कोई वायर खुली रह जाए जिससे स्पार्क निकले और उसके बाद आग लग जाए। बाज़ार में मिलने वाली एसेसरीज़ किसी विश्वसनीय डीलर से ही खरीदें।
6. कैटलिटिक कन्वर्टर का आवश्यकता से अधिक गर्म होना:
गाड़ी का एग्ज़ास्ट सिस्टम और कैटलिटिक कन्वर्टर बहुत अधिक मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न करते हैं। इसके कारण प्लास्टिक से बने हुए पार्ट्स जैसे बम्पर्स या साइड स्कर्ट्स पिघल सकते हैं जिसके परिणामस्वरूप भयानक आग लग सकती है। इसे रोकने का अच्छा तरीका यह है कि अपने वाहन की नियमित अंतराल पर जांच करवाएं तथा लंबी यात्रा के दौरान गाड़ी के पार्ट्स को ठंडा होने के लिए कुछ समय दें।
बाज़ार में मिलने वाले बम्पर्स और बॉडी किट्स ख़तरे को बढ़ा सकते हैं हालाँकि वे सुंदर दिखते हैं परन्तु उनके कारण गाड़ी के पार्ट्स को ठंडा रखने के लिए जितनी हवा की आवश्यकता होती है उसमें कमी आ सकती है।
5. इंजन का आवश्यकता से अधिक गर्म होना:
यह चिंता का एक कारण हो सकता है। एक बार जब इंजन आवश्यकता से अधिक गर्म हो जाता है तो गर्म उबलता हुआ तरल पदार्थ लीक होने लगता है तथा कार के अन्य भागों के संपर्क में आता है जिसके परिणामस्वरूप आग लग सकती है। यह इस बात का उत्कृष्ट उदाहरण है कि किस प्रकार एक छोटी सी गलती या असावधानी श्रृंखलाबद्ध प्रतिक्रिया या दुर्घटना का कारण बन सकती है। यदि कार का रखरखाव ठीक तरह से नहीं किया गया तो इसके इंजन में खराबी आ सकती है जैसे इंजन का आवश्यकता से अधिक गर्म होना, तरल पदार्थों का लीक होना तथा इसके परिणामस्वरूप आग लगना।
4. तरल पदार्थ लीक होना:
जब इंजन चलता है तो तरल पदार्थों का तापमान बहुत अधिक होता है। तरल पदार्थ जैसे शीतलक और ऑइल छलक सकते हैं तथा इंजन के गर्म भागों और कार के प्लास्टिक से बने भागों पर गिर सकते हैं जिसके कारण आग लग सकती है। इसे रोकने का अच्छा तरीका यह है कि ऐसे पाइप और टंकी जिनमें ये तरल पदार्थ भरे रहते हैं उन्हें अच्छी तरह सील करके रखा जाए तथा इन्हें किसी भी प्रकार से नुकसान से मुक्त रखा जाए।
3. इलेक्ट्रिकल्स:
यह बहुत आम समस्या है या आग की अधिकांश दुर्घटनाओं की यही वजह होती है। कार में इलेक्ट्रिकल्स से संबंधित कई बातें होती हैं। वाहन बैटरी से करेंट लेता है तथा फिर इन चार्ज्ड बैटरियों से इलेक्ट्रिसिटी उत्पन्न करता है। अत: इसमें बहुत तारें (वायर) शामिल होती हैं। एक टूटी हुई या नंगी तार आग का कारण बन सकती है जिसके कारण बहुत बड़ी दुर्घटना हो सकती है। आग की दुर्घटना से बचने के लिए तारों को अच्छी तरह इन्सुलेट रखें तथा समय समय पर उनकी जांच करवाएं।
2. फ्यूल लीक:
ईंधन बहुत बहुत अधिक ज्वलनशील पदार्थ होता है। यदि यह प्लास्टिक, धातु, रबर या अन्य किसी वस्तु के संपर्क में आता है तो आपदा के लिए कोई भी समय जल्दी नहीं हो सकता। इस बात का ध्यान रखें कि कहीं से भी फ्यूल (ईंधन) लीक न हो। वाहन की क्षमता से अधिक ईंधन कभी न भरें। किसी भी ज्वलनशील पदार्थ को ईंधन से दूर रखें।
1. गाड़ी में धूम्रपान:
हालाँकि यह बहुत अधिक खतरनाक नहीं लगता परंतु यदि जलती हुई माचिस या सिगरेट का बचा हुआ टुकड़ा अनजाने ही आपकी सीट पर गिर जाए तो आप तनाव और निराशा से भर जायेंगे तथा पहली सिगरेट ने आपकी कार में धुंआ छोड़ा था उसके कारण आपकी कार आग के एक बड़े गोले में बदल जायेगी! समझदार तरीका यह है कि गाड़ी को एक साइड में लगायें, कार से बाहर निकलें तथा फिर धूम्रपान करें।