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ये हैं सबसे कम उम्र के नेशनल रेसर, तिजिल राव
किसी बड़े काम को करने के लिए जरूरी नहीं कि, आपकी उम्र भी बड़ी हो। इस बात को साबित कर दिया है बैंगलुरू के रहने वाले 15 वर्षीय तिजिल राव ने।
ये सच है कि हौसलों से उड़ान होती है, उम्र क्या है महज कुछ बदलते नंबर। उम्र का हौसलों से कोई वास्ता नहीं होता है ये महज एक रूहानी बात होती है जो हमारे जेहन में पबस्त रहती है। किसी बड़े काम को करने के लिए जरूरी नहीं कि, आपकी उम्र भी बड़ी हो। इस बात को साबित कर दिया है बैंगलुरू के रहने वाले 15 वर्षीय तिजिल राव ने। जिन्होनें बैंगलुरू में चल रहे MRF MMSC FMSCI इंडियन नेशनल रेसिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लिया। ये अब तक के सबसे कम उम्र के रेसर हैं।
आपको बता दें कि, तिजिल राव मोमेंटम मोटरस्पोर्ट के लिए रेसिंग करते हैं और उनके कोच हैं चार बार के नेशनल रेसिंग चैंपियनशिप विजेता दिपक पॉल। इस बार नेशनल रेसिंग चैंपियनशिन शुरू हो चुकी है। इस चैंपियनशिप की पहली रेस पिछले महीने 22 जून और 24 जून के बीच आयोजित की गई थी। उस रेस में तिजिल पहली और तीसरी रेस में 10वें और 11वें स्थान पर रहें। हालांकि तिजिल टॉप 5 में आने के लिए लगातार मेहनत कर रहे थें लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा न हो सका और तिजिल ने 1:09 मिनट में अपना फास्टेस्ट लैप खत्म किया।
फार्मूला एलजीबी 1300, एक एंट्री लेवल सिंगल सीटर ओपेन व्हील क्लॉस रेसिंग कार है और इसका प्रयोग इंडियन मोटरस्पोर्ट में किया जाता है। इस कार में 1.3 लीटर की क्षमता का मारुति स्विफ्ट का इंजन लगाया गया है। इसके अलावा इस कार में बहुत सारे तकनीकी बदलाव किये जाते हैं ताकि ये कार हाई स्पीड प्रदान कर सके। इस कार में 13 इंच का एमआरएफ रेसिंग व्हील प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा इस कार की अधिकतम स्पीड 175 किलोमीटर प्रतिघंटा है।
खैर परिणाम जो भी हो, लेकिन इस चैंपियनशिप में सबकी निगाहें तिजिल पर ही टिकी रहीं। तो आइये आपको बताते हैं नेशनल रेसिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लेने वाले सबसे कम उम्र के रेसर तिजिल राव के बारे में -
तिजिल राव सबसे कम उम्र के रेसर:
इस उम्र में जब बच्चे क्रिकेट और बॉल से खेलते हैं उस उम्र में तिजिल को रफ्तार से खेलने का शौक है। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि जब तिजिल का जन्म हुआ था उस वक्त उन्हें क्लबफुट नाम की बीमारी थी। इसका मतलब ये है कि उनके पैर अंदर के डायरेक्शन में मुड़े हुए थें। महज 3.5 साल की उम्र में तिजिल की पहली सर्जरी हुई और उसके तीन साल के बाद उनकी दूसरी सर्जरी हुई। जन्म के वक्त तिजिल का वजन महज 10 पौंड था। इस कंडीशन में लगातार दो सर्जरी होने के बाद शायद ही किसी को उम्मीद हो कि, एक दिन ये बच्चा रेस में हिस्सा लेगा। लेकिन सारी धारणाओं को धता बताते हुए तिजिल ने ये कारनामा कर दिखाया है।
सर्जरी होने के बाद समय के साथ तिजिल कई तरह के स्पोर्ट में हिस्सा लेने लगें, जैसे कि स्वीमिंग, बास्केटबॉल आदि। गौरतलब हो कि, सबसे कम उम्र के रेसर होने के साथ ही तिजिल एक स्टेट लेवल स्केटर भी हैं। लेकिन तिजिल को रेसिंग करना सबसे ज्यादा पसंद है। इस समय तिजिल बैंगलुरू के मिरंबिका स्कूल आॅफ न्यू एज में 10वीं कक्षा में पढ़ रहे हैं।
तिजिल जब 11 साल के थें उस वक्त वो पहली बार बैंगलुरू आॅटो एक्सपो 2014 में पहली बार रेस कांसेप्ट स्टैंड घुमने गये थें। उस वक्त रेस कांसेप्ट के ही माध्यम से तिजिल देश के वर्तमान फार्मूला वन रेसर अर्जुन मैनी के संपर्क में आये। अर्जुन मैनी के गाइंडेंस में तिजिल ने बहुत जल्द ही तमाम गुण बातें सीख लीं, जैसे कि कैसे समय पर लैप कम्पलीट करें, कार को तेज गति से कैसे दौड़ायें आदि।
इसके अलावा तिजिल अली वाईएच के साथ भी ट्रेनिंग ले रहे थें। उस दौरान उन्होने पहली बार बीपीसी रेसिंग टीम की तरफ से नेशनल गो कार्टिंग रेस में हिस्सा लिया। गो कार्टिंग रेस के दौरान वो अपनी हर रेस में बेहतर प्रदर्शन कर रहे थें और आखिरकार वो इस रेस में सातवें स्थान पर रहें।
सन 2017 में तिजिल मोमेंटम मोटरस्पोर्ट में शामिल हुएं। यहां पर 14 साल की उम्र में वो टीम के सबसे कम उम्र के रेसर बनें। अपने पहले ट्रेनिंग सेसन में ही तिजिल ने अद्भुत कारनामा कर दिखाया। वो फार्मूला एलजीबी 1300 क्लॉस में 1:15 मिनट में ही अपना लैप पूरा किया। उस रेस में अन्य सभी रेसर उनसे पीछे थें।
तिजिल देश के जाने माने रेसर्स अर्जुन मैनी और दीपक चिनप्पा को अपनी प्रेरणा का स्त्रोत मानते हैं। उनका मानना है कि, वो अगले कुछ सालों में फार्मूला 2 का भी हिस्सा बनेंगे। तिजिल लगातार अपने रेसिंग स्कील पर काम कर रहे हैं और उनका पूरा फोकस रेसिंग पर ही है। इस बारे में उनके माता पिता ने बताया कि, वो रेसिंग को लेकर कितना उत्साहित है। उन्होनें बताया कि, उसकी पुरानी शारीरिक परेशानियां कभी भी उसके रेसिंग में आड़े नहीं आयें।
उनके माता पिता मानते हैं कि, तिजिल ऐसे लोगों के लिए परफेक्ट उदाहरण हैं जो ऐसी किसी भी तरह की शारीरिक परेशानी से दो चार हो रहे हैं। उन्होनें बताया कि, बचपन से ही तिजिल अपने काम को लेकर काफी संजीदा थें और एक बार वो जो भी करने की ठान लेते थें वो कर के ही दम लेते हैं। निश्चय ही तिजिल का ऐसा जुनून ही उन्हें कामयाबी की शिर्ष बुलंदियों पर लेकर जायेगा। महज 15 साल का एक ऐसा बच्चा जिसके चलने के बारे में सवाल खड़े किये जाते थें आज वो नेशनल चैंपियनशिप में हिस्सा लेकर सफलता की नई दौड़ लगा रहा है।
भारत में मोटरस्पोर्ट मशहूर न होने का कारण:
भारत में क्रिकेट जैसे खेल के सामने अन्य स्पोर्ट फीके पड़ चुके हैं। वहीं अगर हम मोटरस्पोर्ट की बात करें तो ये बेहद ही खर्चीला स्पोर्ट है। इसके लिए हर साल बच्चों की ट्रेनिंग आदि के लिए उनके माता पिता को लाखों रुपये खर्च करने होते हैं। इस बारे में तिजिल के पिता सुमुखा राव और मां सपना राव ने बताया कि, पहले रोटेक्स गो कार्टिंग सीरीज में हिस्सा लेने के लिए उन्हें 17 लाख रुपये खर्च करने पड़े थें। उसके बाद जब तिजिल ने मोमेंटम मोटरस्पोर्ट ज्वाइन कर लिया तब हर सीजन के लिए तकरीबन 8 लाख रुपये खर्च करने पड़ते हैं। इन खर्चों में ट्रेनिंग, रजिस्ट्रेशन, ट्रैवेलिंग, फूड और ट्रैक फी शामिल है।
हालांकि मोटरस्पोर्ट की दुनिया बस रेसिंग ट्रैक तक ही सीमित नहीं है। इसके अलावा भी रेसर्स को बहुत कुछ करना पड़ता है उन्हें बाहर की दुनिया में भी विशेष ख्याल की जरूरत होती है। उनकी डाइट फिक्स होती है ताकि उनका वजन और अन्य शारीरिक संतुलन बेहतर रहे। क्योंकि रेस के दौरान अपना शरीर जितना फिट रहेगा आप उतने ही जल्दी और सही निर्णय लेने में सक्षम होंगे। रेसिंग के दौरान आपकी एक सेकेंड की देरी भी आपको अपने पोजिशन से पीछे कर सकती है। वहीं तिजिल भी उन्हीं बातों को फॉलो करते हैं, हमेशा फिट रहने के लिए वो डाइट पर भी ध्यान देते हैं। इसके लिए बाकायदा उनका एक फिटनेस ट्रेनर है जो उन्हें एक्सरसाइज के अलावा उनके रूटिन डाइट पर भी ध्यान रखता है ताकि किसी भी प्रकार की कोई कमी न हो। ये सभी खर्चे ऐसे हैं जो अलग से करने पड़ते हैं, कुल मिलाकर भारत में मोटरस्पोर्ट इतना आसान नहीं है।
इसके अलावा भारत में ऐसे स्पोर्ट के लिए स्पांसरशिप मिलना उससे भी कठीन चुनौती है। स्पांसरशिप से दो तरह के मुख्य फायदे होते हैं, पहला ये कि इससे रेसर्स और उनके परिवार को आर्थिक मदद मिल जाती है और दूसरा ये कि रेसिंग के ट्रेनिंग के दौरान उन्हें आधुनिक तकनीकी और उच्च गुणवत्ता वाले उपकरण मिल जाते हैं। इतना ही नहीं, स्पांसर्स रेसर्स को उनके लक्ष्य प्राप्त करने के लिए लगातार प्रेरित भी करते रहते हैं। लेकिन भारत में मोटरस्पोर्ट के लिए ये सब आसानी से मिल पाना बेहद ही मुश्किल है। हमारे देश में दुनिया के उत्कृष्ण रेसिंग ट्रैकों में से एक ट्रैक है लेकिन यहां पर मोटरस्पोर्ट को लेकर लोगों में क्रेज बेहद ही कम है।
मोमेंटम मोटरस्पोर्ट:
मोमेंटम मोटरस्पोर्ट्स चेन्नई स्थिम एक प्रोफेशनल रेसिंग टीम है। इस टीम की शुरूआत रशीद खान ने की थी। मोमेंटम मोटरस्पोर्टस ने 2016 सीजन के दौरान एमआरएफ एमएमएससी एफएमएससीआई नेशनल रेसिंग चैम्पियनशिप में अपनी शुरुआत की। इसके अलावा ये टीम फॉर्मूला एलजीबी 1300 रूकी क्लास में भी भाग लेती है। सन 2017 में, मोमेंटम मोटरस्पोर्ट्स ने तीनों कैटेगरी 'नेशनल ओपन, नेशनल रूकी, और स्टूडेंट ओपन' में चैम्पियनशिप जीता था।
इंडियन नेशनल रेसिंग चैम्पियनशिप में सबसे कम उम्र के रेसर पर ड्राइवस्पार्क के विचार:
आपको बता दें कि, इस सीजन में नेशनल रेसिंग चैम्पियनशिप में तिजिल राव सबसे कम उम्र के रेसर हैं। तिजिल देश के कई जाने माने रेसर्स के अंडर में ट्रेनिंग ले रहे हैं और महज 15 साल की उम्र में ही उनकी चपलता इस बात की तरफ साफ इशारा करती है कि, वो आने वाले दिनों में एक सफल रेसर बनेंगे।