Just In
- 49 min ago Hyundai की इस धांसू सेडान पर मिल रहा बंपर डिस्काउंट, शानदार फीचर्स और पावरफुल इंजन से है लैस
- 14 hrs ago KIA की इस कार को ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट में मिली 5-स्टार रेटिंग्स, भरपूर सुरक्षा सुविधाओं से है लैस
- 17 hrs ago चिलचिलाती गर्मी में लखनऊ ट्रैफिक पुलिस को मिला खास हेलमेट, अब और एक्शन में नजर आएगी पुलिस
- 18 hrs ago 100 साल की उम्र में 50 साल पुरानी विंटेज कार चला रहे हैं केरल के बुजुर्ग, VIDEO देख हैरान रह जाएंगे आप!
Don't Miss!
- News ईरान-पाकिस्तान ट्रेड डील से बौखलाया अमेरिका, प्रतिबंध लगाने की धमकी.. कब तक टिकेगा शहबाज का वादा?
- Finance Bangalore Dry Day: बेंगलुरु में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए इन दिनों पर बंद रहेंगी शराब की दुकानें
- Movies युविका चौधरी की प्रेग्नेंसी पर प्रिंस नरूला ने लगाई मुहर? अफवाह है या सच, कर डाला खुलासा!
- Technology कैसे गूगल लोकसभा चुनाव में गलत जानकारी फैलने से रोक रहा है
- Lifestyle उन बाहरी खिड़कियों को कैसे करें साफ, जो है आपकी पहुंच से दूर
- Education MP Board Result 2024 Live: एमपीबीएसई 10वीं, 12वीं रिजल्ट शाम 4 बजे, कैसे करें रिजल्ट चेक
- Travel IRCTC का मानसखंड यात्रा टूर पैकेज, देवभूमि उत्तराखंड के ऐतिहासिक मंदिरों में करें दर्शन
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
सड़कों पर आने से पहले ही गायब हो गईं ये 10 बेहतरीन सुरपकारें
ये वो कारें थीं जिन्हें वाहन निर्माताओं ने एक कॉन्सेप्ट के तौर पर दुनिया के सामने पेश किया लेकिन कुछ कारणों के वजह से ये कारें प्रोडक्शन लेवल तक नहीं पहुंच सकी।
सुपरकारों की दुनिया भी एक अलग दुनिया है, जब भी कभी सुपरस्पोर्ट कारों का जिक्र होता है तो हमारे जेहन में हवा को चीरती हुई चमचमाती कारें आती है। अब तक दुनिया भर में एक से बढ़कर एक कई बेहतरीन सुपरकारों को सड़कों पर उतारा गया है, लेकिन कुछ ऐसी भी कारें रही हैं जिनके नसीब में शायद वास्तविक सड़कें नहीं थीं।
ये वो कारें थीं जिन्हें वाहन निर्माताओं ने एक कॉन्सेप्ट के तौर पर दुनिया के सामने पेश किया लेकिन कुछ कारणों के वजह से ये कारें प्रोडक्शन लेवल तक नहीं पहुंच सकी। अगर ये कारें अपने अंतिम रूप तक पहुंच पाती तो शायद इन कारों का भी दीदार दुनिया कर पाती। खैर, भले ही ये कारें आज वजूद में नहीं है लेकिन इन कारों का कॉन्सेप्ट इस कदर बेहतरीन था कि, आज भी इनका जिक्र किया जाता है। तो आज हम आपको अपने इस लेख में दुनिया के उन्हीं 10 सुपरकारों के बारे में बतायेंगे जिनका कॉन्सेप्ट तो बना लेकिन वो सड़क तक नहीं पहुंच सकें।
1. आॅडी R8 ले मैंस कॉन्सेप्ट:
हमारी इस सूचि में सबसे पहला नाम जर्मनी की प्रमुख कार निर्माता कंपनी आॅडी की बेहतरीन कॉन्सेप्ट सुपरकार आॅडी R8 ले मैंस का है। बेहद ही आकर्षक लुक और दमदार इंजन क्षमता से सजी हुई इस कार में कंपनी ने 6.0 लीटर की क्षमता का दमदार टर्बो-डीजल वी12 इंजन प्रयोग किया था।
जो कि, कार को 493 बीएचपी की पॉवर और 738 lb-ft का टॉर्क प्रदान करता था। इस कार की स्पीड का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि, ये कार महज 4.2 सेकेंड में ही 100 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार पकड़ने में सक्षम थी। इसके अलावा इस कार को अधिकतम 300 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ाया जा सकता था।
2. जगुआर C-X75
ब्रिटिश वाहन निर्माता कंपनी जगुआर जिसका मालिकाना हक आज देश की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स के पास है। जगुआर ने अपनी बेहतरीन कॉन्सेप्ट सुपरकार जगुआर C-X75 को पेश किया था। कंपनी ने अपने इस कॉन्सेप्ट की योजना सन 2010 में बनाई थी। इस सुपरकार में कपनी ने 778 एचपी के इलेक्ट्रिक मोटर का प्रयोग किया था इसके अलावा इसमें डीजल टरबाइन भी लगे हुए थें।
ये एक हाइब्रिड कॉन्सेप्ट कार थी। हालांकि सन 2012 में जब वैश्विक मंदी आई तो कंपनी को अपने इस प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डालना पड़ा और ये कॉन्सेप्ट आगे नहीं बढ़ सका। इतना ही नहीं इस कॉन्सेप्ट कार को जेम्स बांड सीरीज की मशहूर फिल्म स्पेक्टर में भी दिखाया गया। उस वक्त लोगों को उम्मीद थी कि, जल्द ही इस कार को सड़कों पर भी देखा जायेगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
3. लैम्बोर्गिनी म्यूरा कॉन्सेप्ट:
लैम्बोर्गिनी ने अपनी म्यूरा कॉन्सेप्ट को सन 2006 में पेश किया था। हालांकि इस कॉन्सेप्ट को आगे बढ़ाने के बारे में कंपनी की तरफ से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई थी, लेकिन जब इस कार को पहली बार प्रदर्शित किया गया तो लोगों को काफी उम्मीदें थीं कि, कंपनी इस कार को बाजार में उतारेगी।
उस वक्त कंपनी ने ये कहा कि, ये ओरिजनल म्यूरा की 40वीं वर्षगांठ के तौर पर बनाई गई है, और ये एक तौर पर ट्रिब्यूट है। इस बारे में लैम्बोर्गिनी के सीईओ स्टीफेन विंकलमैन ने इस प्रोजेक्ट को रोक दिया और कहा कि, ये ब्रांड हिस्ट्री को सेलिब्रेट करने के लिए तैयार किया गया था। खैर वजहें जो भी रही हों लेकिन सुपरकार लवॅर्स को इस कार का इंतजार आज भी है।
4. लोटस स्प्रीट कॉन्सेप्ट:
लोटस स्प्रीट कॉन्सेप्ट को पेरिस मोटर शो सन 2010 के दौरान पहली बार पेश किया गया था। ये एक मिड इंजन सुपरकार थी और ये इटली की मशहूर वाहन निर्माता कंपनी फेरारी की बेहतरीन 458 इटैलिया की प्रतिद्वंदी थी। इस कार में कंपनी ने लेक्सस का 5.0 लीटर की क्षमता का वी8 इंजन प्रयोग किया गया था।
जो कि कार को 611 एचपी की पॉवर देता था। इसके अलावा इस कार में 7-स्पीड ड्यूअल क्लच गियरबॉक्स का प्रयोग किया गया था। लेकिन आगे चलकर सन 2014 में कंपनी ने इस कॉन्सेप्ट कार के प्रोजेक्ट को बंद कर दिया।
5. क्राइसलर एमई फोर ट्वेल्व
क्राइसलर ने सन 2004 में एक बेहतरीन कॉन्सेप्ट कार को पेश किया था, जिसे एमई फोर ट्वेल्व् (4-12) का दिया गया। इस कार का नाम मिड-इंजन के नाम पर रखा गया था। जिसमें चार टर्बो और बारह सिलेंडर का प्रयोग किया गया था। इस कार का निर्माण कार्बन फाइबर और एल्यूमिनियम हनीकोम्ब चेसिस पर किया गया था।
इस कार में कंपनी ने ट्यून किया गया मर्सिडिज बेंज का बेहतरीन 6.0- वी 12 इंजन प्रयोग किया था। जो कि, कार को 850 एचपी का बेहतरीन आउटपुट देता था। इसके अलावा इस कार की रफ्तार भी बेहद ही शानदार थी, ये कार महज 2.9 सेकेंड में ही 100 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम थी। ऐसी अफवाहे रहीं हैं कि, कंपनी में कुछ अंदरूनी मतभेदों के चलते इस कॉन्सेप्ट कार को प्रोडक्शन लेवल तक नहीं पहुंचाया जा सका।
6. शेवरले ऐरोवेट:
अमेरिका की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी जनरल मोटर्स की सब ब्रांड शेवरले ने एक एक्सपेरिमेंटल प्रोजेक्ट के तौर पर ऐरोवेट कॉन्सेप्ट को तैयार किया था। इस कार को 60 के दशक में तैयार करना शुरू किया गया था। लेकिन सन 1976 में इसके इंजन में परिवर्तन किया गया और इसमें शेवरले वी8 इंजन का इस्तेमाल किया गया।
ऐसा माना जा रहा था कि, कंपनी 1980 तक इस कार का प्रोडक्शन करना शुरू कर देगी। इस कार में गलविंग दरवाजों का प्रयोग किया गया था, जो कि उस दौर में एक यूनिक क्लॉस था। वहीं इस कार की उस वक्त की लागत तकरीबन 15,000 से 18,000 डॉलर की आंकी गई थी। लेकिन उसी दौरान जनरल मोटर्स के स्पोर्ट में आये बड़े अधिकारी रिटायर हो गयें, जिसके बाद ये प्रोजेक्ट खटाई में पड़ गया।
7. लैम्बोर्गिनी जगाटो रैप्टर:
लैम्बोर्गिनी के इस कॉन्सेप्ट को लैम्बोर्गिनी रैप्टर के नाम से भी जाना जाता है। ये एक मिड इंजन वी12 सुपरकार कॉन्सेप्ट है। इस कार को जगाटो और ऐलेन विक्की ने मिलकर डिजाइन किया था। इस कार को एक फाइटर जेट का लुक दिया गया था। जिस प्रकार से एक फाइटर जेट में बैठने के लिए केबिन के ग्लॉस को खोला जाता है ठीक वैसे ही इस कार में भी दरवाजों का प्रयोग किया गया था।
इस कार में कंपनी ने 492 एचपी की शक्ति का वी12 इंजन प्रयोग किया था। हालांकि विक्की ने इस कार को प्रोडक्शन लेवल तक लाने के लिए बहुत प्रयास किया लेकिन वो इसमें सफल नहीं हो सके और ये कार महज एक प्रोटोटाइप ही बनकर रह गया।
8. डेट्रॉयट इलेक्ट्रिक एसपी:01
डेट्रोइट इलेक्ट्रिक एक पुरानी वाहन निर्माता कंपनी है, जिसने सन 1907 से लेकर 1939 तक इलेक्ट्रिक कारों का निर्माण किया। सन 2008 में लोटस इंजीनियरिंग समूह के पूर्व सीईओ द्वारा ब्रांड को पुनर्जीवित किया गया और आधिकारिक तौर पर एसपी.01 के साथ 2013 में फिर से डेट्रॉयट की शुरूआत हुई। लोटस एलिस के आधार पर, कंपनी ने इस कॉन्सेप्ट का निर्माण किया, इस कार में कंपनी ने इलेक्ट्रिक 37 किलोवाट लिथियम-पॉलिमर बैटरी का प्रयोग किया।
जो कि इस स्पोर्ट्स कार को 180 मील रेंज देने में सक्षम था इसके अलावा इसका आउटपुट महज 201 एचपी ही था। हालांकि, आउटपुट कम था लेकिन उस वक्त कंपनी ने दावा किया किया कि ये कार महज 3.7 सेकंड 100 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम थी। उस वक्त इस कार की लगभग 999 यूनिट को तैयार करने की योजना बनाई गई थी लेकिन ये योजना सफल न हो सकी।
9. लैम्बोर्गिनी काला:
सन 1994 में जब लैम्बोर्गिनी को मेगाटेक के हाथों बेच दिया गया, उस वक्त काला कॉन्सेप्ट को तैयार करने की योजना बनाई गई। दरअसल इस कार को जल्पा नाम के एक मॉडल के रिप्लेसमेंट के तौर पर पेश किया जाना था। ये एक मिड इंजन सुपरकार थी, जिसमें कंपनी ने 4.0 लीटर की क्षमता का वी10 इंजन इस्तेमाल किया था।
ये इंजन कार को 400 एचपी की शक्ति प्रदान करता था। इसके अलावा इस कार में 6-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स का प्रयोग किया गया था। इस कार के बॉडी को कॉर्बन फायबर से तैयार किया गया था। लेकिन जब आॅडी ने लैम्बोर्गिनी को खरीदा उसके बाद से इस प्रोजेक्ट को बंद कर दिया गया।
10. अपोलो ऐरो:
अपोलो आॅटोमोबाइल, सामान्य रूप से इस कंपनी को गम्पर्ट अपोलो के नाम से भी जाना जाता है। अपोलो सुपरकार के लिए प्रसिद्ध कंपनी थी। हालांकि इसके कारों का लुक उतना बेहतर नहीं होता था। लेकिन 2013 में, कंपनी दिवालियापन के कगार पर आ गई और पूरी तरह खत्म हो गई। हालांकि, 2016 में कंपनी को न्यू अपोलो नाम से एक बार फिर से शुरू किया गया।
कंपनी के दुबारा शुरू होने के महज कुछ महीनों के बाद ही अपोलो ऐरो नाम के इस कॉन्सेप्ट कार को जेनेवा मोटर शो में प्रदर्शित किया गया। कंपनी ने इस कार में टर्बो 4.0-लीटर की क्षमता का वी 8 इंजन प्रयोग किया था, जो कि कार को 1000-एचपी का दमदार पॉवर देता था। हालांकि ये एक मिड इंजन सुपरकार थी लेकिन कंपनी का दावा था कि, ये कार महज 2.9 सेकेंड में ही 100 किलोेमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ सकती है।
इसको पेश करने के बाद इसे प्रोडक्शन लेवल तक ले जाने की येाजना बनाई गई थी, लेकिन 2017 में एक नया मॉडल, इंटेन्सा इमोजिओन को पेश कर दिया गया और ये कॉन्सेप्ट तब से ठंडे बस्ते में चला गया।