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इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए तेलंगाना सरकार लगाएगी 600 चार्जिंग स्टेशन
देश में सार्वजनिक परिवहन के साथ-साथ निजी परिवहन के क्षेत्र में भी ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने अपनी नीतियों के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर विशेष छूट और सब्सिडी भी दे रही हैं। इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग की सुविधा के लिए चार्जिंग स्टेशन भी बनाए जा रहे हैं। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई समेत कई महानगरों में चार्जिंग स्टेशन बनाने का काम तेजी से किया जा रहा है।
हाल ही में तेलंगाना के ऊर्जा मंत्री जी जगदीश रेड्डी ने राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भविष्य में 600 चार्जिंग स्टेशन लगाने की बात कही है। मंत्री ने कहा कि राज्य में 138 चार्जिंग स्टेशन पहले ही लगाए जा चुके हैं और बाकि बचे स्टेशनों पर काम जारी है।
जगदीश रेड्डी ने कहा कि राज्य में 10,000 इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल से हर साल ईंधन के खर्च पर 250 करोड़ रुपये की बचत की जा सकती है। उन्होंने कहा कि भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहन पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों की जगह लेंगे। इससे न केवल प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी बल्कि सरकार का खर्च भी कम होगा।
उन्होंने बताया कि तेलंगाना के प्रमुख शहरों में चार्जिंग स्टेशनों का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। इन स्टेशनों पर 24 घंटे बिजली की सप्लाई उपलब्ध होगी जिससे किसी भी समय इलेक्ट्रिक वाहन को चार्ज किया जा सकेगा। रेड्डी ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों की सफलता के लिए हमें चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देने की जरूरत है। चार्जिंग स्टेशनों पर फास्ट चार्जिंग की सुविधा उपलब्ध की जाएगी।
इलेक्ट्रिक वाहनों पर रजिस्ट्रेशन शुल्क हुआ माफ
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए बैटरी से चलने वाले सभी इलेक्ट्रिक वाहनों को रजिस्ट्रेशन और रिन्यूअल शुल्क से मुक्त कर दिया गया है। इस फैसले के बाद अब इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाले ग्राहक रजिस्ट्रेशन शुल्क की बचत कर सकते हैं। बता दें कि केंद्र सरकार के साथ कई राज्य सरकारें भी अपनी इलेक्ट्रिक वाहन नीतियों के तहत बैटरी से चलने वाले वाहनों के रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन शुल्क में छूट दे रही हैं।
केंद्र सरकार की तरफ से यह फैसला तब आया है जब देश भर में ईंधन की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। सरकार ईंधन की बढ़ती कीमतों के बीच वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए अधिक लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों पर स्विच करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को प्रोत्साहित करने के लिए बैटरी से चलने वाले सभी वाहनों पर जीएसटी दर (GST Rate) को 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है। इसके अलावा कई राज्य सरकारें भी सब्सिडी और छूट देकर इलेक्ट्रिक वाहनों के उतपादन और बिक्री को प्रोत्साहित कर रही हैं।
बता दें कि आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, गोवा, गुजरात, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश मेघालय, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य भी अपनी इलेक्ट्रिक वाहन नीतियों को अंतिम रूप दे रहे हैं और जल्द ही इसकी घोषणा भी कर सकते हैं।
इलेक्ट्रिक वाहन नीति का मुख्य लक्ष्य सब्सिडी और छूट के जरिये लोगों को पेट्रोल-डीजल वाहनों के बदले इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए प्रेरित करना है। राज्य सरकारों की सब्सिडी केंद्र की फेम-2 (FAME-2) योजना से मिलने वाली रियायतों के अतरिक्त दी जाती हैं।