Just In
- 58 min ago नई Bajaj Pulsar 400 का टीज़र जारी, बेहतरीन फीचर्स और पावरफुल इंजन के साथ इस दिन होगी लॉन्च
- 4 hrs ago पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से हैं परेशान, तो आपके लिए बेस्ट ऑप्शन हैं ये इलेक्ट्रिक कार, कीमत सिर्फ इतनी!
- 5 hrs ago खरीदना चाहते हैं सेकेंड हैंड बाइक, तो ये हैं टॉप-5 बेहतरीन ऑप्शन, किफायती कीमत में देगी शानदार माइलेज
- 20 hrs ago इस फ्रांसीसी कार कंपनी के ब्रांड एम्बेसडर बनें MS Dhoni, फीस जानकर हैरान रह जाएंगे आप!
Don't Miss!
- News MP Weather: इन जिलों में मौसम का मिजाज बदलेगा, इन दिन से होगी झमाझम बारिश
- Movies इस एक्ट्रेस ने अपना को-एक्टर चुनने के लिए एक साथ दस मर्दों को किया था किस, कहा- 'उस वक्त वो नॉर्मल बात थी'
- Technology Nothing Phone 3 स्मार्टफोन के लॉन्च टाइमलाइन का खुलासा, यहां जानें सबकुछ
- Lifestyle गर्मी में पेट को शांत रखता है यूपी-बिहार का सन्नाटा रायता, ये हैं फायदे और बनाने का तरीका
- Finance VI FPO के बाद शेयरों के दाम में आया तगड़ा उछाल, निवशकों से मिला है जबरदस्त रिस्पॉन्स
- Education UPSC CDS 2 Final Result 2023 OUT: यूपीएससी सीडीएस 2 रिजल्ट घोषित, कुल 197 अभ्यर्थियों का चयन, सीधा लिंक
- Travel पर्यटकों के लिए खुलने वाला है मुंबई का 128 साल पुराना BMC मुख्यालय, क्यों है Must Visit!
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
तीन दिन और 1400 किलोमीटर, दिव्यांग मां ने लॉकडाउन में फंसे बेटे को वापस लाने के लिए किया ऐसा
देश में लॉकडाउन के दौरान कई लोग दूसरे राज्य में फंस गये है तथा उन्हें लाने के लिए कई तरीके से हल निकाले जा रहे है। ऐसे में कई बच्चे भी घर से दूर फंस गये है जिन्हें लाने के लिए उनके अभिभावक हाथ पैर मार रहे है, लेकिन कुछ लोगों ने यह बीड़ा खुद ही उठा लिया है।
हाल ही में पुणे की रहने वाली एक दिव्यांग महिला की कहानी सामने आई है जिसने लॉकडाउन के दौरान दूसरी जगह फंसे अपने बेटे को वापस लेन के लिए 1400 किलोमीटर का सफर तय किया है। उन्होंने अपने बेटे को वापस लाने का निर्णय तब लिया जब देश में लॉकडाउन इस महीने दूरी बार बढ़ा।
इस महिला का नाम सोनू खांदरे है, यह 37 वर्षीय महिला खास तौर पर बनाई गयी होंडा एक्टिवा चलाती है जिसमें दोनों तरफ बैलेंसिंग व्हील लगाये गए है, उन्होंने अपने बेटे को वापस लाने के लिए इस होंडा एक्टिवा का ही इस्तेमाल किया है।
इनका बेटा महाराष्ट्र के अमरावती जिले में अपने रिश्तेदार के घर पर फंसा हुआ था तथा उसकी तबियत भी सही नहीं चल रही थी। जिस वजह से उनकी दिव्यांग माँ थोड़ी घबरा गयी थी तथा लॉकडाउन दोबारा बढ़ने के बाद उन्होंने अपने बेटे को वापस लाने का निर्णय लिया।
सोनू ने अपने बेटे को लाने के लिए पड़ोसी व रिश्तेदारों से भी मदद मांगी थी लेकिन उनकी मदद करने के लिए कोई भी आगे नहीं आया। ऐसी स्थिति में उन्होंने नियंत्रण खुद के हाथ में लेने का सोचा और अपने बेटे को वापस लाने के लिए पुलिस से कर्फ्यू पास की मांग की।
पुलिस ने उन्हें कर्फ्यू पास तीन दिनों में ही दे दिया, लेकिन वह इतने कम समय में अन्य कोई वाहन का इंतजाम नहीं कर पायी थी, इसलिए उन्होंने अपने ही होंडा एक्टिवा को इस्तेमाल करने का सोचा। इसके साथ ही पैसे की मजबूरी की वजह से उन्होंने स्कूटर को चुना।
उनका कहना है कि अगर कार किराए पर लेती तो उन्हें 8000 रुपये चुकाने पड़ते। हालांकि उनका यह सफर भी आसानी नहीं रहा है। सोनू ने अपने साथ खाना तो पैक कर लिया था लेकिन हर बार उन्हें हर पुलिस नाके पर पूछताछ के लिए रोका गया।
इसके साथ ही एक्टिवा में पेट्रोल भी ख़त्म हो गयी थी, एक बार तो टायर पंचर हो जाने के कारण वह अकेली पड़ गयी थी। उन्हें आराम करने के लिए पेट्रोल पंप के पास फूटपाथ में ही सोना पड़ा। सोनू ने सीसीटीवी कैमरा देख कर सोचा कि वहां ही ठहरना सही होगा।
वहा अपने रिश्तेदार के घर 25 अप्रैल को ही पहुंच गयी थी तथा फिर वहां ज्यादा समय ना बिताते हुए जल्द ही निकल गयी। उनका ट्रेवल पास भी खत्म होने वाला था लेकिन उनका कहना है कि पास खत्म होने के एक घंटे पहले ही वह सुरक्षित अपने घर पहुंच गयी।
हालांकि घर आने के बाद भी उन्होने सावधानी बरती तथा पास के अस्पताल में चेक कराने गयी। डॉक्टर ने दोनों को 14 दिन क्वारंटाइन में रहने की सलाह दी है। अभी तक तो वह दोनों ही सरक्षित है तथा कोरोना के कोई लक्ष्ण नहीं है।
इसी तरह ही तेलंगाना की एक औरत ने भी अपने बेटे को वापस लाने के लिए आंध्र प्रदेश का सफर तय किया था। उनका बेटा भी अपने दोस्त के घर पर फंस गया था, उन्होंने भी अपने स्कूटर से यह लंबा सफर किया था।
Image Coutesy: Mumbai Tak/YouTube