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सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वालों में सबसे ज्यादा युवा, सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े
सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने सड़क हादसों से संबंधित चौंकाने वाले आंकड़े जारी किए हैं। मंत्रालय के अनुसार, साल 2020 के दौरान सड़क हादसों में कुल 1,20,806 लोगों की मौत हुई है। इन हादसों के अधिकतर शिकार उत्पादक वर्ग के युवा थे। रिपोर्ट के कहा गया कि सड़क दुर्घटनाओं के कुल मामलों में 43,412 (35.9%) हादसे राष्ट्रीय राजमार्गों पर हुए, जबकि राज्य राजमार्गों पर 30,171 (25%) हादसे हुए। वहीं अन्य सड़कों पर 47,223 (39.1%) दुर्घटनाएं हुईं।
रिपोर्ट में बताया गया कि 2020 में जानलेवा सड़क हादसों की संख्या 2019 के आंकड़ों से 12.23% कम रही। 2019 में सड़क हादसों में जान गंवाने वालों की संख्या 1,37,689 थी। रिपोर्ट के अनुसार, 2020 के कैलेंडर वर्ष में राज्यों और केंद्र शाषित प्रदेशों में सड़क हादसों की कुल संख्या 3,66,138 थी, जिनमें 1,31,714 लोगों ने अपनी जान गंवाई और 3,48,279 लोग घायल हुए।
18-45 आयु वर्ग के लोग हुए ज्यादा शिकार
रिपोर्ट के मुताबिक, इन सड़क हादसों में मरने वालों में 18-45 आयु वर्ग के लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है। इस आयु वर्ग के लगभग 70 प्रतिशत लोगों ने 2020 के सड़क हादसों में अपनी जान गंवाई। वहीं रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि मरने वाले 18-60 वर्ष के लोगों में 87.4 प्रतिशत कामकाजी थे।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि सड़क हादसों में शामिल वाहन श्रेणियों में सबसे ज्यादा संख्या दोपहिया वाहनों की थी। जबकि कार, जीप और टैक्सी जैसे हल्के वाहन एक साथ दूसरे स्थान पर हैं। कुल मृत्यु में दोपहिया सवारों की हिस्सेदारी 2020 के दौरान सबसे ज्यादा (43.5%) रही। सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए 17.8 प्रतिशत लोग पैदल चलने वाले थे।
इन कारणों से हुईं दुर्घटनाएं
2020 के सड़क हादसों के रिपोर्ट में ओवरस्पीडिंग को दुर्घटनाओं का मुख्य कारण बताया गया। अधिक स्पीड में गाड़ी चलाने से 69.3% दुर्घटनाएं हुईं, वहीं सड़क के गलत साइड में ड्राइविंग करने के मामलों में 5.6% दुर्घटनाएं हुईं।
सड़क के प्रकार के मामले में, 65% दुर्घटनाएं सीधी सड़कों पर हुईं, वहीं घुमावदार सड़कों, गड्ढों और सड़कों पर अवैध निर्माण के वजह से 15.2% हादसे हुए। रिपोर्ट में कहा गया है कि 72% सड़क हादसे और 67% जानलेवा हादसे साफ मौसम में हुए।
2020 में सबसे ज्यादा सड़क हादसे तमिलनाडु में हुए, लेकिन हादसों में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में रही। सड़क दुर्घटनाओं से होने वाले मौतों में उल्लेखनीय कमी लाने वाले प्रमुख राज्यों में तमिलनाडु, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और केरल शामिल थे।
भारत उन देशों में शामिल है जहां सबसे सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक मौतें होती हैं। परिवहन मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में हर साल लगभग 4.50 लाख सड़क हादसे होते हैं, जिनमें 1.50 लाख लोगों की मौतें होती हैं। यह आंकड़ा दुनिया भर में किसी भी अन्य देश की तुलना में सबसे अधिक है। भारत में अपंगता के लिए सड़क दुर्घटनाओं को मुख्य कारण बताया गया है।
एक अनुमान के अनुसार, देश में हर एक घंटे के भीतर 53 सड़क हादसे होते हैं और हर चार मिनट में सड़क हादसे में एक व्यक्ति की मौत होती है। भारत में सबसे अधिक सड़क हादसे राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) पर होते हैं। आंकड़ों के मुताबिक सड़क हादसों में मरने वालों की ज्यादातर संख्या दोपहिया वाहन चालकों की है।