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बिना रिफ्लेक्टर टेप के वाहन चलाया तो Delhi Police काटेगी 10,000 रुपये का चालान, जानें
हाल ही में एक घटना सामने आई है, जिसमें नोएडा पुलिस ने दोपहिया वाहन से लेकर बड़े कमर्शियल वाहनों तक, सभी वाहनों के पीछे रिफ्लेक्टिव टेप का उपयोग करना अनिवार्य कर दिया है। इस कदम को पहले कोहरे के मौसम में कम दृश्यता के कारण सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक अभियान के तौर पर शुरू किया गया था, जोकि NCR और उसके आसपास एक सामान्य घटना है।
कुछ दिनों पहले यह एक प्रयोग के तौर पर शुरू किया गया था, जहां Noida Traffic Police ने लोगों से DND Flyway टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों पर रिफ्लेक्टिव टेप चिपकाने का अनुरोध किया। जिसके बाद अब यह प्रयोग एक आवश्यक कदम बन गया है।
सभी लोग जो अब अपने वाहन पर रिफ्लेक्टिव टेप के साथ राइड या ड्राइविंग के बिना देखे जाएंगे, उन पर नोएडा ट्रैफिक पुलिस द्वारा 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। जानकारी के अनुसार उक्त जुर्माने को अब Motor Vehicle Act में शामिल कर लिया गया है।
आम तौर पर सभी पैसेंजर व्हीकल और दोपहिया वाहन यातायात नियमों के तहत लाल रंग के रिफ्लेक्टर के साथ पीछे की तरफ आते हैं। हालांकि कुछ कमर्शियल व्हीकल सड़क पर चल रहे हैं, जो या तो इन रिफ्लेक्टर से सुसज्जित नहीं हैं या जानबूझकर या अनजाने में टूट गए हैं।
जो वाहन पहले से लाल रंग के रिफ्लेक्टर के साथ आते हैं, जिनके साथ छेड़छाड़ नहीं की जाती है, उन पर इस नए नियम के तहत जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। इसलिए उन सभी वाहनों के लिए जो बिना रिफ्लेक्टर के साथ आते हैं, अब उनके पीछे रिफ्लेक्टर को चिपकाना आवश्यक हो गया है।
एक रिफ्लेक्टर क्या है?
भारत में बेचे जाने वाले सभी मोटर वाहनों में टेल लैंप के नीचे, या कुछ मामलों में, चार पहिया वाहनों के पिछले बंपर पर रिफ्लेक्टर लगे होते हैं। जहां एक ओर मोटरसाइकिल या स्कूटर जैसे दोपहिया वाहनों में केवल एक रिफ्लेक्टर होता है, वहीं दूसरी ओर चार पहिया वाहनों में आमतौर पर दो रिफ्लेक्टर होते हैं।
आपको बता दें कि लाल रंग के ये रिफ्लेक्टर रेडियम जैसे चमकते एलिमेंट्स से बने होते हैं, जो कम रोशनी और खराब मौसम की स्थिति में भी अपने ऊपर पड़ने वाले प्रकाश को परावर्तित करते हैं। इन्हें कम प्रकाश में भी काफी दूरी से और आसानी से देखा जा सकता है।
रिफ्लेक्टर टेप के उपयोग के पीछे का कारण
धूमिल या कम दृश्य वाले मौसम या कम रोशनी के दौरान वाहनों की कम दृश्यता भारत में सड़क दुर्घटनाओं के मुख्य कारणों में से एक है। बता दें कि ये सभी कारण सर्दियों के दौरान उत्तरी भारत में दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों में से एक है।
जब ठीक और उच्च गति वाले राजमार्ग भी घने कोहरे से घिरे रहते हैं, इनके परिणामस्वरूप कम दृश्यता होती है और ये मोटर चालकों की दृष्टि को बाधित करते हैं। उन चालकों को आगे चलते हुए वाहन दिखाई नहीं देते हैं और दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है।
आपको बता दें कि नोएडा के गौतमबुद्धनगर की ट्रैफिक पुलिस के रिकॉर्ड के मुताबिक 2021 में कुल 798 हादसे हुए, जिसमें 2021 में 368 लोगों की जान गई। पुलिस का मानना है कि इन रिफ्लेक्टर्स से सड़कों पर दुर्घटनाओं को कम करने में मदद मिलेगी।