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फर्जी सरकारी अधिकारी बन कर दे रहा था लोगो को धोखा, पुलिस ने जब्त की एसयूवी
कोलकाता पुलिस ने हाल ही में एक ऐसे सख्स को गिरफ्तार किया है जो खुद को नेशनल क्राइम कंट्रोल ब्योरो का अधिकारी बता रहा था। गिरफ्तार किये गए सख्स की पहचान गोलाम रब्बानी के रूप में की गई है जो नेशनल क्राइम कंट्रोल ब्योरो एक फर्जी अधिकारी बन कर अपनी कार पर घूम रहा था।
दरअसल, इस व्यक्ति पर पुलिस को तब शक हुआ जब वह अपनी कार पर नेशनल क्राइम कंट्रोल ब्योरो के अधिकारी का फर्जी प्लेट लगाकर साईरन बजाते हुए जा रहा था। पुलिस ने शक के आधार पर कार को अपने कब्जे में ले लिए और जांच की पता चला की वह कई दिनों से अपनी महिंद्रा एक्सयूवी 500 एसयूवी पर नेशनल क्राइम कंट्रोल ब्योरो के अधिकारी का फर्जी प्लेट लगाकर घूम रहा है।
दरअसल, कोलकाता पुलिस ने एक चेक प्वाइंट पर इस गाड़ी को पकड़ा जिसपर नेशनल क्राइम कंट्रोल ब्योरो, पश्चिम बंगाल सरकार का बोर्ड लगा था और साथ ही कार के सामने हूटर और साईरन भी लगे थे। असल में नेशनल क्राइम कंट्रोल ब्योरो नाम की कोई सरकारी संस्था है ही नहीं। पुलिस ने जब यह देखा तो फर्जी होने के शक के आधार पर गाड़ी को चेकिंग के लिए रोक लिया।
पुलिस ने गाड़ी की जांच की तो पता चला कि गाड़ी के सामने एक फर्जी संस्था का बोर्ड लगा है और साईरन भी लगे हुए हैं। पुलिस ने जब उस सख्स से गाड़ी के कागजात, ड्राइविंग लाइसेंस और पहचान पत्र की मांग की तो उसने इन्हे देने से साफ मना कर दिया। वह बगैर ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के ही गाड़ी चला रहा था।
पुलिस की पूछताछ में पता चला कि गोलाम रब्बानी नाम के इस सख्स ने लोगों को धोखा देने और जालसाजी करने के लिए फर्जी पहचान के साथ घूम रहा था। वह अपनी फर्जी पहचान बता कर और लोगों को धोखा देकर लाखों रुपये ठग चुका है। उसने एक सरकारी अधिकारी का फर्जी पहचान इसलिए बनाया ताकि लोग आसानी से उसके झांसे में आ जाएं।
पिछले दिनों कोलकाता पुलिस की एक टीम में एक व्यक्ति को पकड़ा जो खुद को पुलिस कमिश्नर बता रहा था। उसपर आरोप है कि वह फर्जी पहचान बता कर एक ठेकेदार से 48 लाख रुपये ठग चुका है। वहीं कोलकाता कुछ दिनों पहले एक ऐसे सख्स को हिरासत में लिया जो खुद को राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) का एजेंट बता रहा था। यह व्यक्ति उस वक्त गिरफ्त में आया जब पुलिस 2 लाख रुपये ठगी के मामले में जांच कर रही थी।
कोलकाता पुलिस ने गाड़ियों से हटाई अवैध लाल बत्तियां
कुछ समय पहले, कोलकाता पुलिस ने सरकारी अधिकारियों के वाहनों पर अवैध रूप से लगाए गए 191 लाल बत्तियों को हटाया। 2017 के बाद से, सरकार ने मंत्रियों, राजनेताओं सहित वीआईपी वाहनों पर लाल बत्ती लाइट और सायरन के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। यहां तक की प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों को भी वाहनों पर बत्ती के उपयोग करने की इजाजत नहीं दी गई है।
केवल आपातकालीन वाहनों जैसे एंबुलेंस, दमकल वाहन, पुलिस और सेना के जवानों को ही आपात स्थिति में नीली या लाल बत्ती का उपयोग करने की अनुमति है। वर्तमान में भारत में लाल, नीले, पीले सहित छह श्रेणियों के बत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है। भारत में सरकारी वाहनों पर लाल बत्ती का इस्तेमाल अंग्रेजी शासन के समय से किया जा रहा था।