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पेट्रोल व डीजल वाले वाहन भारत में नहीं होंगे बंद, नितिन गडकरी ने कही बात
भारत में 1 अप्रैल 2020 से बीएस-6 उत्सर्जन मानक लागू होने वाले है जिसके चलते लोगों के मन में पेट्रोल व डीजल वाहनों को लेकर दुविधा थी। अब परिवहन मंत्री ने साफ कर दिया है कि देश में पेट्रोल व डीजल वाहन बंद नहीं होने वाले है।
नए उत्सर्जन मानक के तहत सभी पेट्रोल व डीजल इंजन को नए नियमों के अनुरूप तैयार करना है। बीएस-6 पहले से कड़े उत्सर्जन नियम है, जिसके अनुसार इंजन को तैयार किया जाना है, यह वाहनों के उत्सर्जन स्तर को कम करने में कारगर होता है।
देश के परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने नीति आयोग द्वारा सुझाये गए योजना को खारिज करते हुए कहा है कि वाहनों के तकनीक से जुड़ी चीजों को लेकर कोई भी निर्णय लेने का कोई अधिकार नीति आयोग के पास नहीं है।
उन्होंने साफ किया है कि इसका निर्णय उनका मंत्रालय करेगा और पेट्रोल व डीजल इंजन वाले वाहनों को बंद नहीं किया जाएगा। हाल ही में सरकार ने ऑटो इंडस्ट्री को राहत देने के लिए कई कदम उठाये लेकिन फिर भी जीएसटी को कम नहीं किया गया है।
नितिन गडकरी ने कहा कि इसका निर्णय बाजार करेगा तथा सरकार वाहन निर्माताओं पर कोई भी निर्णय नहीं थोप रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि ऑटो इंडस्ट्री इस बात को भी नकार नहीं सकती है कि वर्तमान में इलेक्ट्रिक वाहन जैसे कम प्रदूषण वाले वाहन आज की जरुरत है।
आगे उन्होंने कहा कि हम सभी तकनीकों का बेहतर करना चाहते है तथा इसका निर्णय खरीदार करने वाले है। लेकिन हमारा ध्यान कच्चे तेल के आयात को कम करना है।
कुछ समय पहले नीति आयोग ने 2025 से पहले 150cc से नीचे सभी वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलने का सुझाव दिया है। जिसकी हीरो मोटोकॉर्प, बजाज ऑटो सहित कई कंपनियों ने खुल के आलोचना की थी।
जिस वजह से भी पेट्रोल व डीजल वाहनों को लेकर कई लोगों के मन में मंशा थी। ऐसे में सरकार द्वारा इन इंजन को बंद नहीं करने का निर्णय एक बेहतर कदम है। माना जा रहा है कि इससे वाहनों की बिक्री में थोड़ी बढ़त आएगी।
ऑटो इंडस्ट्री पिछले 9 महीनों से बिक्री में कमी से जूझ रहा है जिससे लाखों लोग प्रभावित हुए है। खासकर छोटे शहर व ग्रामीण इलाकों में वाहनों की बिक्री बहुत प्रभावित हुई है और इसका कारण वाहन की बढ़ती कीमत, इंश्योरेंस चार्ज है।
ड्राइवस्पार्क के विचार
नितिन गडकरी ने पेट्रोल व डीजल वाहनों के बंद नहीं होने की बात कहकर ग्राहकों की मन से दुविधा को हटाने का काम किया है। लेकिन सिर्फ इससे वाहनों की बिक्री में फर्क नहीं आएगा, इसके लिए सरकार को जीएसटी, इंश्योरेंस चार्ज, रजिस्ट्रेशन फीस को कम करने की भी जरूरत है।