दिल्ली में 1 लाख से ज्यादा पुराने वाहनों का पंजीकरण हुआ रद्द, दूसरे राज्यों में चलाने के लिए मिलेगी एनओसी

दिल्ली परिवहन विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी में एक लाख से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है। राज्य में 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों को अनुमति नहीं देने के दिल्ली सरकार के आदेश के बाद यह कदम उठाया गया है। डीजल वाहनों के अलावा 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल से चलने वाले वाहनों का भी पंजीकरण रद्द किया जा रहा है।

दिल्ली में 1 लाख से ज्यादा पुराने वाहनों का पंजिकरण हुआ रद्द, दूसरे राज्यों में चलाने के लिए मिलेगी एनओसी

राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार ने 2016 में 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। हाल ही में दिल्ली सरकार ने अपने फैसले को दोहराते हुए राज्य में इन वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की सूचना जारी की थी। दिल्ली सरकार ने डीजल वाहनों की पंजीकरण अवधि को 15 वर्ष से घटाकर 10 वर्ष करने के लिए परिवहन कानून में संशोधन किया था।

दिल्ली में 1 लाख से ज्यादा पुराने वाहनों का पंजिकरण हुआ रद्द, दूसरे राज्यों में चलाने के लिए मिलेगी एनओसी

दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन अपनी क्षमता के एक तिहाई पर चल रहा है, वहीं सरकार ईको फ्रेंडली इलेक्ट्रिक बसों को चलाने पर भी जोर दे रही है। जैसे-जैसे वाहनों का जीवन बढ़ता है, वे प्रदूषण पैदा करना शुरू कर देते हैं। दिल्ली में पहले 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल और 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहनों को एनओसी नहीं दिया जा रहा था लेकिन अब सरकार उन्हें दिल्ली के बहार चलाने के लिए एनओसी दे रही है।

दिल्ली में 1 लाख से ज्यादा पुराने वाहनों का पंजिकरण हुआ रद्द, दूसरे राज्यों में चलाने के लिए मिलेगी एनओसी

बता दें कि दिल्ली में समय सीमा पार कर चुके वाहन ऐसे राज्यों में चलाए जा सकते हैं जहां वाहनों को चलाने के लिए समय सीमा निर्धारित नहीं है। इसके लिए दिल्ली परिवहन विभाग उन्हें अन्य राज्यों में पंजीकृत करने के लिए एनओसी दे रहा है। दिल्ली सरकार पेट्रोल-डीजल पर चलने वाले पुराने वाहनों में इलेक्ट्रिक किट लगवाने की भी मंजूरी दे रही है।

दिल्ली में 1 लाख से ज्यादा पुराने वाहनों का पंजिकरण हुआ रद्द, दूसरे राज्यों में चलाने के लिए मिलेगी एनओसी

पेट्रोल और डीजल वाहनों के लिए इलेक्ट्रिक किट के रेट्रोफिटमेंट की अनुमति से राष्ट्रीय राजधानी में इलेक्ट्रिक और शून्य-उत्सर्जन वाहनों को बढ़ावा देने में सहायता मिलेगी। दिल्ली परिवहन विभाग उन निर्माताओं को सूचीबद्ध कर रहा है जो पारंपरिक आईसीई (ICE) वाहनों को इलेक्ट्रिक व्हीकल में बदलने के लिए इलेक्ट्रिक किट बनाते हैं।

दिल्ली में 1 लाख से ज्यादा पुराने वाहनों का पंजिकरण हुआ रद्द, दूसरे राज्यों में चलाने के लिए मिलेगी एनओसी

दिल्ली-राज्यक्षेत्र में गंभीर वायु प्रदूषण का एक बड़ा कारण वाहनों से होने वाला उत्सर्जन है। इसमें डीजल से चलने वाले कमर्शियल वाहनों की अहम भूमिका है। डीजल वाहन को इलेक्ट्रिक में बदलने के बाद वाहन मालिक दिल्ली सरकार की इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत मिलने वाली सब्सिडी और छूट का लाभ उठा सकते हैं।

दिल्ली में 1 लाख से ज्यादा पुराने वाहनों का पंजिकरण हुआ रद्द, दूसरे राज्यों में चलाने के लिए मिलेगी एनओसी

दिल्ली सरकार ने 1000 इलेक्ट्रिक बसों को खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए केंद्र सरकार ने अगस्त 2020 में सब्सिडी की मंजूरी दी थी। इस एग्रीमेंट के तहत दिल्ली में 550 इलेक्ट्रिक बसों को चलाने का परमिट दे दिया गया है और अन्य बसों को अगले कुछ महीनों में शुरू किया जाएगा।

दिल्ली में 1 लाख से ज्यादा पुराने वाहनों का पंजिकरण हुआ रद्द, दूसरे राज्यों में चलाने के लिए मिलेगी एनओसी

दिल्ली सरकार ने राजधानी में 2024 तक 5 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण करने का लक्ष्य रखा है। दिल्ली की इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर, ऑटोरिक्शा, ई-रिक्शा, और माल गाड़ियों की खरीद पर 30,000 रुपये की छूट दी जा रही है, जबकि इलेक्ट्रिक कार की खरीद पर ग्राहक 1.5 लाख रुपये तक की छूट का लाभ उठा सकते हैं।

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English summary
Over 1 lakh old vehicles de registered in delhi details
 
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