Just In
- 9 hrs ago Top-10 Bikes : February में इन टॉप-10 बाइक की हुई जबरदस्त बिक्री, जानें किसने किया नंबर-01 की पोजिशन पर कब्जा
- 11 hrs ago FAME-II Subsidy : इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने का सुनहरा मौका! 1 अप्रैल से बढ़ जाएंगी कीमत, अभी खरीद पर भारी बचत
- 13 hrs ago Viral Video : Mahindra Scorpio-N चलाकर अमेरिका पहुंचा शख्स, New York के Times Square पर फहराया भारत का झंडा
- 15 hrs ago Elvish Yadav से लेकर Gaurav Chaudhary तक, इन फेमस YouTubers के पास है जबरदस्त Luxury Cars का कलेक्शन
Don't Miss!
- News बेंगलुरु में पानी को लेकर मचा हाहाकार, डॉक्टर ने जल बचाने का बताया तरीका, आइडिया हो रहा वायरल, जानिए क्या
- Education SEBI Recruitment 2024 सहायक प्रबंधक रिक्तियों के लिए आवेदन 13 अप्रैल से, सैलरी 1,49,000 रु प्रतिमाह
- Lifestyle अनुपमा फेम रुपाली गांगुली है Working Mom Guilt का शिकार, जानें क्या होता है और ऐसा होने पर क्या करें?
- Movies राम चरण की पत्नी उपासना ने अयोध्या को दिया बड़ा तोहफा,फ्री में होगा भक्तों का इलाज बनवाया 300 बेड वाला अस्पताल
- Travel रमज़ान 2024 : इफ्तारी नहीं, हैदराबाद में ये हैं सेहरी के लिए बेस्ट जगहें, जरूर Try करें
- Finance दिल्ली सरकार की "जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना" क्या है? किसे मिलता है लाभ, कैसे करें अप्लाई?
- Technology Vivo T3 5G की भारत में इतनी होगी कीमत, मिलेंगे कई दमदार फीचर्स, जानें लॉन्च डेट
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
दुनिया के कई देश खरीदना चाहते हैं भारत में बनी ट्रेन 18 — जानें क्या है खास?
भले ही भारत में भारत में अभी तक ट्रेन 18 का संचालन अभी तक शुरू न हुआ हो लेकिन दुनिया भर में इसकी चर्चा जरूर शुरू हो गई है।
भले ही भारत में भारत में अभी तक ट्रेन 18 का संचालन अभी तक शुरू न हुआ हो लेकिन दुनिया भर में इसकी चर्चा जरूर शुरू हो गई है। जी हां भारत की सबसे तेज रफ्तार से चलने वाली #Train18 के लिए दुनिया भर से मांग आ रही है। कई ऐसे देश हैं जो अपने देश में भारत की बनी #ट्रेन18 को इंपोर्ट करना चाहते हैं। ट्रेन18 एक इंजन रहित ट्रेन है। शुरुआत में ये दिल्ली और पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के बीच चलेगी। हाल ही में जब इस ट्रेन को दिल्ली और आगरा के बीच चलाकर परीक्षण किया गया था तो टेस्टिंग के दौरान 'ट्रेन 18' ने 180 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार दर्ज की थी।
इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के अनुसार पेरू, इंडोनेशिया, सिंगापुर और मलेशिया के साथ मिडल ईस्ट के भी कई देश ट्रेन 18 सेट को इंपोर्ट करने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटी को बताया कि "कई देशों ने ट्रेन 18 में रुचि व्यक्त की है और हमें खुशी और गर्व है कि स्वदेशी रूप से बनाया गया उत्पाद इतना लोकप्रिय हो रहा है। दुनिया भर में रोलिंग स्टॉक बाजार की कीमत लगभग 200 बिलियन डॉलर है और हम इसका महत्वपूर्ण हिस्सा चाहते हैं। अब, उद्देश्य ट्रेन को सफलतापूर्वक चलाना है। "
जानकारों की मानें तो दुनिया में ट्रेन 18 के स्टैंडर्ड के जो अन्य ट्रेन सेट बिक रहे हैं उनकी कीमत 250 करोड़ के आस-पास है जबकि भारत में बनी इस ट्रेन 18 की की कीमत लगभग 100 करोड़ ही है। इसके अलावा भारत इसी साल देश में इंटरनेशनल हाई स्पीड रेल असोशिएशन (IHRA) कॉन्फरेंस आयोजित करने वाला है जो कि अगले ही महिने फरवरी में होगा। रेलवे को उम्मीद है कि इस दौरान ट्रेन 18 को दुनिया के सामने और अच्छी तरह से लाने में मदद मिलेगी।
MOST READ: टाटा हैरियर रिव्यू और टेस्ट ड्राइव - कंपनी के लिए हो सकता गेम चेंजर!
ट्रेन 18 से जुड़ी कुछ अहम बातें
इंडियन रेलवे के लिए ट्रेन-18 का निर्माण इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) ने किया है। आईसीएफ चेन्नई द्वारा 100 करोड़ की लागत से बनी ट्रेन 18 देश की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन है। संभावित योजना के तहत ट्रेन नई दिल्ली से सुबह 6 बजे चलेगी और दोपहर 2 बजे तक वाराणसी पहुंच जाएगी। वहीं दोपहर में 2:30 बजे वाराणसी से चलकर रात 10:30 नई दिल्ली पहुंचेगी।
इसका संचालन शताब्दी व राजधानी रूट पर किया जायेगा। एक तरह से देखा जाये तो ये ट्रेन शताब्दी और राजधानी को रिप्लेस करेगी। इस ट्रेन को खास तौर पर डिजाइन किया गया है। बाहर से देखने मे बुलेट ट्रेन का आभास कराती है। इसके अलावा ट्रेन में 16 कोच हैं और प्रत्येक चार कोच एक सेट में हैं। इसके अलावा इस ट्रेन में इंजन भी मेट्रो की तरह छोटे से हिस्से में लगाये गये हैं। ऐसे में इंजन के साथ ही बचे हिस्से में 44 यात्रियों के बैठने की जगह है। इस तरह से इसमें ज्यादा यात्री सफर कर सकेंगे।
यह ट्रेन राजधानी और शताब्दी से तेज रफ्तार में चलेगी और यात्रा में 10 से 15 फीसद समय कम लगेगा। इसके हर कोच में एयर कंडीशनर और कैमरे लगे होंगे। डिजाइन से लेकर ब्रेक सिस्टम तक इसके निर्माण में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। 100 करोड़ रुपये की लागत वाली ट्रेन-18 दुनियाभर की आधुनिक और लक्जरी ट्रेनों को मात देगी।
ट्रेन 18 में 14 डिब्बे चेयरकार व दो एग्जीक्यूटिव क्लास के होंगे। ये सभी डिब्बे एक-दूसरे से जुड़े होंगे। एग्जीक्यूटिव क्लास में 56 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी जबकि दूसरे में 18 यात्री बैठ पाएंगे। इसके साथ ही इस ट्रेन में दो विशेष डिब्बे होंगे जिसमें 52-52 सीटें होंगी और शेष डिब्बों में 78-78 सीटें होंगी। इसके अलावा इस ट्रेन में किसी भी आपात स्थिति से बचने के लिए भी पूरा इंतजाम किया गया है। इसके सभी डिब्बों में आपातकालीन टॉक-बैक यूनिट्स दिए गए हैं ताकि यात्री आपातकाल में ट्रेन के क्रू मेंबर से बात कर सकें। ट्रेन के हर डिब्बे में सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है ताकि ट्रेन के भीतर हर गतिविधियों पर आसानी से नजर रखी जा सके।
MOST READ: ईंधन (फ्यूल) से जुड़े इन मिथकों को क्या आप भी सच मानते हैं?
इस ट्रेन के निर्माण में आईसीएफ ने लोहे के बजाया स्टैनलेस स्टील का प्रयोग किया है। जिससे ये ट्रेन सामान्य ट्रेनों के मुकाबले और भी ज्यादा मजबूत तथा हल्की है। इस ट्रेन में वाई-फाई, एलईडी लाइट, पैसेंजर इनफर्मेशन सिस्टम और पूरे कोच में दोनों दिशाओं में एक ही बड़ी सी खिड़की होगी। ट्रेन में हलोजन मुक्त रबड़-ऑन-रबड़ का फर्श के साथ ही मॉड्यूलर शौचालयों में एस्थेटिक टच-फ्री बाथरूम होंगे। इसके अलावा इस ट्रेन में काफी स्पेश प्रदान किया गया है यात्रियों के सामान को रखने के लिए बड़े रैक लगाये गये हैं। दिव्यांग यात्रियों के लिए भी अलग से व्यवस्था की गई है। हर कोच में व्हील चेयर रखने की सुविधा प्रदान की गई है। जिससे दिव्यांगजन सुगमता से यात्रा कर सकें। मेट्रो की ही तर्ज पर हर डिब्बे में पैसेंजर इन्फार्मेशन डिस्प्ले लगाया गया है। जिस पर आपको आने वाले स्टेशन सहित अन्य सूचनाएं मिलती रहेंगी।
आपको बता दें कि, इस ट्रेन को पूरी तरह से भारत में ही तैयार किया गया है। केवल इसके सीट्स और कुछ पाट्स को विदेश से आयात किया गया है। यदि ये ट्रेन किसी दूसरे मुल्क में तैयार की जाती तो इसके लिए तकरीबन 200 करोड़ रुपये का खर्च आता। लेकिन इस ट्रेन के निर्माण में महज 100 करोड़ रुपये ही खर्च किये गये हैं। हालांकि एक सामान्य ट्रेन के मुकाबले इसकी लगात ज्यादा है इसलिए इसकी सेवाएं भी थोड़ी महंगी हैं। रेलवे के अनुसार इसका किराया सामान्य ट्रेनों के मुकाबले ज्यादा होगा।
MOST READ: इस देश की पुलिस के पास है दुनिया की सबसे आश्चर्यजनक कारें
भारतीय रेल के लिए बेशक ये एक गौरव का क्षण है। देश में बुलेट ट्रेन का संचालन होने से पहले इस तरह की ट्रेनों का शुरू होना एक शुभ संकेत है। लेकिन नई ट्रेनों के संचालन के साथ साथ आम लोगों को भी अपने व्यवहार में बदलाव लाने की जरूरत है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि देश की सरकार चाहे जितने भी सुविधाएं मुहैया कराये जब तक हम उन्हें सुरक्षित नहीं रखेंगे वो सुविधाएं बेहतर नहीं हो सकेंगी। हाल ही में जब ट्रेन 18 का ट्रायल रन किया गया था तो उस दौरान कुछ अराजक तत्वों ने इसपर पत्थरबाजी की थी जिससे इसके एक कोच की कुछ खिड़कियां टूट गई थीं।
बहरहाल, साल 2018 में बनने के कारण इसे ट्रेन-18 नाम दिया गया है। भारतीय रेलवे का यह पहला ऐसा ट्रेन सेट है, जो मेट्रो की तरह का ही है। इसमें इंजन अलग नहीं है बल्कि ट्रेन के पहले और अंतिम कोच में ही इसके चलाने का बंदोबस्त है। भारतीय रेल इस ट्रेन के तर्ज पर कुछ और ट्रेनों का भी निर्माण करने की योजना पर काम कर रही है। जिन्हें अन्य महानगरों के रूटों पर संचालित किया जायेगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार ऐसा चार और ट्रेनों को बनाने की कवायद हो रही है।
MOST READ: गूगल पर सर्च (ट्रेंडिंग) होने वाली 2018 की टॉप 10 कारें